17-05-2022, 03:09 PM
मेरा भाई सरकते हुए मेरी नाभि में अपना जीभ घुसाने लगा और मेरी चूचियों को दोनों हाथों से दबाने लगा। मैं पागल हो रही थी मैं खुद से भी अपनी चूचियों को मसलने लगी अपने उँगलियों से अपने निप्पल को दबाने लगी.
दोस्तों मैं पागल होने लगी ऐसा लग रहा था अब मेरी चूत में लौड़ा पेल दे मुझे लौड़ा चाहिए थे अब। फिर वो निचे तक गया पहले तो पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को सुंघा। पता नहीं उसको कैसा सुगंध आया चूत की की वो तुरंत ही मेरी पेंटी ही उतारने लगा और फिर पेंटी खोल दिया और फिर से पेंटी को सूंघने लगा।
दोस्तों मैं पागल होने लगी ऐसा लग रहा था अब मेरी चूत में लौड़ा पेल दे मुझे लौड़ा चाहिए थे अब। फिर वो निचे तक गया पहले तो पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को सुंघा। पता नहीं उसको कैसा सुगंध आया चूत की की वो तुरंत ही मेरी पेंटी ही उतारने लगा और फिर पेंटी खोल दिया और फिर से पेंटी को सूंघने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
