17-05-2022, 12:19 PM
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उसके बाद मैं उनके लंड को पकड़ ली। क्यों की मुझे लंड छूने का मन बहुत ही दिनों से था। उन्होंने अपना पेंट खोल दिया और मुझे पकड़ा दिया। मैं पकड़ते ही सिहर गई। मैं लजा गई। मैं अपना मुँह छिपा ली। उन्होंने मुझे पकड़ कर हिलाने के लिए कहा. मैं हिलाते रही फिर उन्होंने मुँह में लेने को कहा मैं मुँह में ली। बहुत ही अच्छा लग रहा था। पर मेरी चूत गीली हो गई थी। उन्होंने मुझे पलंग पर लिटा दिया। मैं लेट गई उन्होंने मेरे सलवार का नाडा खोल दिया और उतार दिया मैं अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी इसलिए सलवार उतारते ही मेरी चूत का दीदार उनको हो गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
