15-05-2022, 10:06 PM
(This post was last modified: 07-06-2025, 05:08 PM by Hot_Guy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
Part 14
रुबिका की सज़ा खत्म हो चुकी थी
रवि ने अब रुबिका को फर्श पर अपनी दोनों टाँगों के बीच मे बिठा लिया था। उसका ध्यान अब सुधांशु और शालिनी की तरफ था क्योंकि अब सुधांशु शालिनी का पनिशमेंट शो शुरू करने जा रहा था।
रवि की पैंट के अंदर उसका लण्ड खड़ा होकर बड़ा सा टेन्ट बना चुका था। रवि ने पैंट में बन रहे टेण्ट को रुबिका के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा : मेरा लण्ड बाहर निकाल और इसे अपने मुंह मे ले। मेरे गुस्से और सज़ा से बचना है तो मेरे कहे बिना ही मुझे खुश करती रह।
रवि रुबिका के गालों पर हल्का सा चपत लगाकर बोला : चल शुरू हो जा
रुबिका ने रवि की पैंट की ज़िप नीचे सरकाकर उसका लंबा और कड़क हो चुका लण्ड अपने हाथ मे ले लिया और कुछ देर उस पर अपना हाथ फिराने के बाद उसे अपने मुंह मे ले लिया
रुबिका का मुख मैथुन करते हुए रवि अब सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो देखने लगा
विधयक का बिगड़ा हुआ 22 साल का बेटा सुधांशु अव्वल दर्जे का बदमाश था और लड़कियों को बहुत बुरी तरह ज़लील करने में उसे मज़ा आता था। किस्मत की बात यह थी कि उसके हिस्से में सबसे खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया शालिनी आयी थी
सुधांशु (शालिनी से) : चल अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 100 उठक बैठक लगा
शालिनी ने अपने दोनों कान पकड़ लिए और काउंटिंग करती हुई उठक बैठक लगाने लगी
सुधांशु ने अपने हाथ मे एक केन पकड़ी हुई थी। बीच बीच मे वह शालिनी की चिकनी जांघों पर केन मारते हुए कहा रहा था : ठीक से लगाओ उठक बैठक। फर्श पर नीचे तक बैठ और फिर खड़ी हो
50 उठक बैठक लगाने के बाद शालिनी फर्श पर बैठ गयी और सुधांशु के पैरों को पकड़ते हुए बोली : बस सर अब और नही। मैं बहुत थक गई हूं प्लीज़।
सुधांशु : जा टेबल पर जो पेशाब भरा गिलास रखा है, उसे उठाकर ला और मेरे सामने बैठकर पी। उसे पीकर तेरी थकान भी दूर हो जाएगी और प्यास भी। चल जल्दी कर
शालिनी : नही सर, पेशाब और थूक मिली शराब मै नही पियूंगी।
सुधांशु ने उसे केन मारते हुए हंसकर कहा : साली रंडी तू मेरी सेक्स स्लेव है। जो मैं कहूंगा तुझे वह करना ही होगा। अब तुझे मेरी बात न मानने की सज़ा मिलेगी। चल अब 100 उठक बैठक और लगा। चल खड़ी हो और शुरू हो जा
शालिनी : नही सर मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूं। अब मुझसे और उठक बैठक नही लगाई जाएंगी।
सुधांशु : बोल मुझे दबंग मर्दों की थूक मिली हुई पेशाब बहुत अच्छी लगती है
शालिनी : सर मुझे आप जैसे दबंग मर्दों की थूक मिली पेशाब पीनी बहुत अच्छी लगती है।
सुधांशु : फिर देर क्यों कर रही है। टेबल पर से पेशाब भरा गिलास उठा और पीना शुरू कर
शालिनी पेशाब का गिलास उठाकर उसे पी रही थी और सब लोग उसकी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रहे थे
सुधांशु : रवि का यह पेशाब वाला आईडिया बहुत लाजबाब है और एकदम ओरिजिनल है।
रवि : खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया तो यही चाहती है कि उन्हें कोई दबंग मर्द अपने कब्जे में लेकर उनसे अपनी मनमानी करवाये। दबंग मर्द की आवाज़ सुनकर ही ऐसी लड़कियां एकदम गीली हो जाती है
सुधांशु : भाई तूने बड़ी रिसर्च कर रखी है इन सेक्सी लौंडियों पर
रवि : आप चेक करके देख लो अभी मेरी बात 100 प्रतिशत ठीक निकलेगी
सुधांशु : ठीक है, तुम कहते हो तो चेक तो करना ही पड़ेगा
शालिनी अब तक सारा पेशाब पी चुकी थी
सुधांशु : चल अब मेरे सामने नज़दीक आकर खड़ी हो जा
शालिनी सुधांशु के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
सुधांशु : दोनों हाथ ऊपर कर और अपनी टाँगों को खोलकर खड़ी हो
शालिनी सुधांशु की रौबीली आवाज़ और उसकी दबंगई से एकदम गीली हो चुकी थी उसने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए और अपनी टाँगे फैलाकर खड़ी हो गयी
सुधांशु ने शालिनी की चिकनी चूत पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया और हाथ फिराते फिराते ही अपनी उंगली उसकी चूत में डालकर उसे आगे पीछे करने लगा
सुधांशु : रवि तू बिल्कुल सही कह रहा था। यह लौंडिया तो पूरी गीली हो चुकी है। मतलब हमारे जैसे मर्द इन लौंडियों को इसी तरह ज़लील करके पेलते रहें तो इन्हें खूब मजा आता है।
सुधांशु ने अब तीन उंगलियां उसकी चूत में डाल दी थी और उससे हंसते हुए पूछने लगा : क्यों रंडी मज़ा आ रहा है न ?
शालिनी के मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं। वह बोली : जी सर आ रहा है
सुधांशु ने अपनी उंगलियां उसकी चूत से बाहर निकल ली और उससे बोला : चल अब नीचे बैठ
शालिनी फर्श पर सुधांशु की टाँगों के बीच मे बैठ गयी
सुधांशु ने अपनी तीनों उंगलियां उसके होंठो पर फिराते हुए कहा : इन्हें चाट चाट कर साफ कर
उंगलियां चटवाने के बाद सुधांशु ने शालिनी के दोनों गालों पर हल्के हल्के चपत लगाते हुए कहा : मेरी पैंट खोलकर लण्ड बाहर निकाल और उसे अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश कर।
शेष अगले भाग में
रुबिका की सज़ा खत्म हो चुकी थी
रवि ने अब रुबिका को फर्श पर अपनी दोनों टाँगों के बीच मे बिठा लिया था। उसका ध्यान अब सुधांशु और शालिनी की तरफ था क्योंकि अब सुधांशु शालिनी का पनिशमेंट शो शुरू करने जा रहा था।
रवि की पैंट के अंदर उसका लण्ड खड़ा होकर बड़ा सा टेन्ट बना चुका था। रवि ने पैंट में बन रहे टेण्ट को रुबिका के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा : मेरा लण्ड बाहर निकाल और इसे अपने मुंह मे ले। मेरे गुस्से और सज़ा से बचना है तो मेरे कहे बिना ही मुझे खुश करती रह।
रवि रुबिका के गालों पर हल्का सा चपत लगाकर बोला : चल शुरू हो जा
रुबिका ने रवि की पैंट की ज़िप नीचे सरकाकर उसका लंबा और कड़क हो चुका लण्ड अपने हाथ मे ले लिया और कुछ देर उस पर अपना हाथ फिराने के बाद उसे अपने मुंह मे ले लिया
रुबिका का मुख मैथुन करते हुए रवि अब सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो देखने लगा
विधयक का बिगड़ा हुआ 22 साल का बेटा सुधांशु अव्वल दर्जे का बदमाश था और लड़कियों को बहुत बुरी तरह ज़लील करने में उसे मज़ा आता था। किस्मत की बात यह थी कि उसके हिस्से में सबसे खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया शालिनी आयी थी
सुधांशु (शालिनी से) : चल अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 100 उठक बैठक लगा
शालिनी ने अपने दोनों कान पकड़ लिए और काउंटिंग करती हुई उठक बैठक लगाने लगी
सुधांशु ने अपने हाथ मे एक केन पकड़ी हुई थी। बीच बीच मे वह शालिनी की चिकनी जांघों पर केन मारते हुए कहा रहा था : ठीक से लगाओ उठक बैठक। फर्श पर नीचे तक बैठ और फिर खड़ी हो
50 उठक बैठक लगाने के बाद शालिनी फर्श पर बैठ गयी और सुधांशु के पैरों को पकड़ते हुए बोली : बस सर अब और नही। मैं बहुत थक गई हूं प्लीज़।
सुधांशु : जा टेबल पर जो पेशाब भरा गिलास रखा है, उसे उठाकर ला और मेरे सामने बैठकर पी। उसे पीकर तेरी थकान भी दूर हो जाएगी और प्यास भी। चल जल्दी कर
शालिनी : नही सर, पेशाब और थूक मिली शराब मै नही पियूंगी।
सुधांशु ने उसे केन मारते हुए हंसकर कहा : साली रंडी तू मेरी सेक्स स्लेव है। जो मैं कहूंगा तुझे वह करना ही होगा। अब तुझे मेरी बात न मानने की सज़ा मिलेगी। चल अब 100 उठक बैठक और लगा। चल खड़ी हो और शुरू हो जा
शालिनी : नही सर मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूं। अब मुझसे और उठक बैठक नही लगाई जाएंगी।
सुधांशु : बोल मुझे दबंग मर्दों की थूक मिली हुई पेशाब बहुत अच्छी लगती है
शालिनी : सर मुझे आप जैसे दबंग मर्दों की थूक मिली पेशाब पीनी बहुत अच्छी लगती है।
सुधांशु : फिर देर क्यों कर रही है। टेबल पर से पेशाब भरा गिलास उठा और पीना शुरू कर
शालिनी पेशाब का गिलास उठाकर उसे पी रही थी और सब लोग उसकी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रहे थे
सुधांशु : रवि का यह पेशाब वाला आईडिया बहुत लाजबाब है और एकदम ओरिजिनल है।
रवि : खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया तो यही चाहती है कि उन्हें कोई दबंग मर्द अपने कब्जे में लेकर उनसे अपनी मनमानी करवाये। दबंग मर्द की आवाज़ सुनकर ही ऐसी लड़कियां एकदम गीली हो जाती है
सुधांशु : भाई तूने बड़ी रिसर्च कर रखी है इन सेक्सी लौंडियों पर
रवि : आप चेक करके देख लो अभी मेरी बात 100 प्रतिशत ठीक निकलेगी
सुधांशु : ठीक है, तुम कहते हो तो चेक तो करना ही पड़ेगा
शालिनी अब तक सारा पेशाब पी चुकी थी
सुधांशु : चल अब मेरे सामने नज़दीक आकर खड़ी हो जा
शालिनी सुधांशु के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
सुधांशु : दोनों हाथ ऊपर कर और अपनी टाँगों को खोलकर खड़ी हो
शालिनी सुधांशु की रौबीली आवाज़ और उसकी दबंगई से एकदम गीली हो चुकी थी उसने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए और अपनी टाँगे फैलाकर खड़ी हो गयी
सुधांशु ने शालिनी की चिकनी चूत पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया और हाथ फिराते फिराते ही अपनी उंगली उसकी चूत में डालकर उसे आगे पीछे करने लगा
सुधांशु : रवि तू बिल्कुल सही कह रहा था। यह लौंडिया तो पूरी गीली हो चुकी है। मतलब हमारे जैसे मर्द इन लौंडियों को इसी तरह ज़लील करके पेलते रहें तो इन्हें खूब मजा आता है।
सुधांशु ने अब तीन उंगलियां उसकी चूत में डाल दी थी और उससे हंसते हुए पूछने लगा : क्यों रंडी मज़ा आ रहा है न ?
शालिनी के मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं। वह बोली : जी सर आ रहा है
सुधांशु ने अपनी उंगलियां उसकी चूत से बाहर निकल ली और उससे बोला : चल अब नीचे बैठ
शालिनी फर्श पर सुधांशु की टाँगों के बीच मे बैठ गयी
सुधांशु ने अपनी तीनों उंगलियां उसके होंठो पर फिराते हुए कहा : इन्हें चाट चाट कर साफ कर
उंगलियां चटवाने के बाद सुधांशु ने शालिनी के दोनों गालों पर हल्के हल्के चपत लगाते हुए कहा : मेरी पैंट खोलकर लण्ड बाहर निकाल और उसे अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश कर।
शेष अगले भाग में


हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा