14-05-2022, 10:23 PM
(This post was last modified: 15-05-2022, 10:14 AM by Hot_Guy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
Part 12
रुबिका रवि के सामने आकर खड़ी हो गई
बाकी सब लड़कियाँ भी अपनी अपनी सज़ा के लिए रोहन, गौरव, सुधांशु और जयेन्द्र के सामने जाकर खड़ी हो चुकी थीं।
रोहन : मेरा यह सुझाव है कि सब लोग एक साथ सज़ा न दें बल्कि बारी बारी से सजा दें ताकि एक लड़की को मिलने वाली सज़ा बाकी के 4 लोग भी देखकर मज़ा ले सकें। सबसे पहले हम रवि जो रुबिका को सज़ा दे रहा है, उसका मज़ा लेंगे। तब तक हम सब इन लड़कियों को अपनी गोद मे बिठाकर इनसे खिलवाड़ कर सकते हैं।
रोहन का यह सुझाव सबको पसंद आया और सबने अपने सामने खड़ी निर्वस्त्र लौंडियों को अपनी अपनी गोद मे बिठा लिया और रवि और रुबिका का सेक्सी पनिशमेंट शो देखने लगे
रवि ने अपने हाथ को रुबिका के चिकने पेट और उसकी चिकनी योनि पर फिराते हुए उझसे कहा : चल नीचे बैठ और मेरे जूते खोल
रुबिका फर्श पर बैठकर रवि के जूतों के फीते खोलने लगी। रुबिका का चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो रहा था। उसने अपना चेहरा और नज़रें दोनों झुकाई हुई थीं
रवि उसकी तरफ देखकर शरारती ढंग से मुस्कराते हुए बोला : इतना शर्मा क्यों रही है मेरी चिकनी। आज से पहले क्या किसी मर्द के जूते नही उतारे ?
रुबिका कुछ नही बोली तो रवि ने उसके गालों पर चपत लगते हुए कहा : मेरी बात का जबाब दे साली
रुबिका : नही मैंने आज तक किसी के भी जूते नही उतारे हैं
रुबिका अब तक रवि के दोनों जूतों के फीते खोलकर उसके पैरों से निकाल चुकी थी
रवि : मोज़े भी उतारो
रुबिका मोज़े भी उतारने लगी
मोज़े उतारने के बाद रवि रुबिका से बोला : दोनों पैरों को बारी बारी से दस दस बार चूमो। हर चुम्मा पैर के अलग हिस्से पर होना चाहिए वरना वह काउंट नही होगा
रुबिका ने रवि के पैर को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उस पर अलग अलग जगह अपने होंठो का चुम्बन देने लगी। जब दोनों पैरों को रवि के हुक्म के हिसाब से रुबिका चूम चुकी तो रवि उझसे बोला : अब अपनी जीभ से मेरे दोनो पैरों के तलवे भी चाट
तलवे चाटते चाटते रुबिका ने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन रवि ने उसके गाल पर फिर एक चपत मारते हुए कहा : आंखे खोल हरामजादी। मेरी परमिशन के बिना तू अपनी पलके भी नही झपका सकती है। आई एम योर मास्टर एन्ड यू आर माई सेक्स स्लेव। आंखें खोल और मेरे पैर के तलवों को चाटती रह। बहुत मज़ा आ रहा है।
काफी देर तक अपने पैरों के तलवे चटवाने के बाद रवि ने अपने पैरों से उसके मम्मे दबाने सहलाने शुरू कर दिए। रुबिका के सीने की मस्त मस्त गोलाइयों पर रवि अपने पैरों को लगातार घुमा रहा था। अपने दोनों पैरों से रुबिका के दोनों मम्मे दबाने सहलाने के बाद रवि ने अब अपने पैरों को रुबिका के चेहरे और गालों पर रगड़ना शुरू कर दिया। अपने पैर के अंगूठे को उसने रुबिका के होंठों पर फिराते हुए कहा : इसे अंदर लेकर चूस। यह समझ ले कि तू मेरा अंगूठा नही लण्ड चूस रही है। चल शुरू हो जा
रुबिका अब रवि के पैर के अंगूठे को ही उसका लंड समझकर चूसे जा रही थी और रवि पैंट में बंद अपने लण्ड को सहलाये जा रहा था।
शेष अगले भाग में
रुबिका रवि के सामने आकर खड़ी हो गई
बाकी सब लड़कियाँ भी अपनी अपनी सज़ा के लिए रोहन, गौरव, सुधांशु और जयेन्द्र के सामने जाकर खड़ी हो चुकी थीं।
रोहन : मेरा यह सुझाव है कि सब लोग एक साथ सज़ा न दें बल्कि बारी बारी से सजा दें ताकि एक लड़की को मिलने वाली सज़ा बाकी के 4 लोग भी देखकर मज़ा ले सकें। सबसे पहले हम रवि जो रुबिका को सज़ा दे रहा है, उसका मज़ा लेंगे। तब तक हम सब इन लड़कियों को अपनी गोद मे बिठाकर इनसे खिलवाड़ कर सकते हैं।
रोहन का यह सुझाव सबको पसंद आया और सबने अपने सामने खड़ी निर्वस्त्र लौंडियों को अपनी अपनी गोद मे बिठा लिया और रवि और रुबिका का सेक्सी पनिशमेंट शो देखने लगे
रवि ने अपने हाथ को रुबिका के चिकने पेट और उसकी चिकनी योनि पर फिराते हुए उझसे कहा : चल नीचे बैठ और मेरे जूते खोल
रुबिका फर्श पर बैठकर रवि के जूतों के फीते खोलने लगी। रुबिका का चेहरा शर्म और ज़लालत से एकदम लाल हो रहा था। उसने अपना चेहरा और नज़रें दोनों झुकाई हुई थीं
रवि उसकी तरफ देखकर शरारती ढंग से मुस्कराते हुए बोला : इतना शर्मा क्यों रही है मेरी चिकनी। आज से पहले क्या किसी मर्द के जूते नही उतारे ?
रुबिका कुछ नही बोली तो रवि ने उसके गालों पर चपत लगते हुए कहा : मेरी बात का जबाब दे साली
रुबिका : नही मैंने आज तक किसी के भी जूते नही उतारे हैं
रुबिका अब तक रवि के दोनों जूतों के फीते खोलकर उसके पैरों से निकाल चुकी थी
रवि : मोज़े भी उतारो
रुबिका मोज़े भी उतारने लगी
मोज़े उतारने के बाद रवि रुबिका से बोला : दोनों पैरों को बारी बारी से दस दस बार चूमो। हर चुम्मा पैर के अलग हिस्से पर होना चाहिए वरना वह काउंट नही होगा
रुबिका ने रवि के पैर को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और उस पर अलग अलग जगह अपने होंठो का चुम्बन देने लगी। जब दोनों पैरों को रवि के हुक्म के हिसाब से रुबिका चूम चुकी तो रवि उझसे बोला : अब अपनी जीभ से मेरे दोनो पैरों के तलवे भी चाट
तलवे चाटते चाटते रुबिका ने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन रवि ने उसके गाल पर फिर एक चपत मारते हुए कहा : आंखे खोल हरामजादी। मेरी परमिशन के बिना तू अपनी पलके भी नही झपका सकती है। आई एम योर मास्टर एन्ड यू आर माई सेक्स स्लेव। आंखें खोल और मेरे पैर के तलवों को चाटती रह। बहुत मज़ा आ रहा है।
काफी देर तक अपने पैरों के तलवे चटवाने के बाद रवि ने अपने पैरों से उसके मम्मे दबाने सहलाने शुरू कर दिए। रुबिका के सीने की मस्त मस्त गोलाइयों पर रवि अपने पैरों को लगातार घुमा रहा था। अपने दोनों पैरों से रुबिका के दोनों मम्मे दबाने सहलाने के बाद रवि ने अब अपने पैरों को रुबिका के चेहरे और गालों पर रगड़ना शुरू कर दिया। अपने पैर के अंगूठे को उसने रुबिका के होंठों पर फिराते हुए कहा : इसे अंदर लेकर चूस। यह समझ ले कि तू मेरा अंगूठा नही लण्ड चूस रही है। चल शुरू हो जा
रुबिका अब रवि के पैर के अंगूठे को ही उसका लंड समझकर चूसे जा रही थी और रवि पैंट में बंद अपने लण्ड को सहलाये जा रहा था।
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा