13-05-2022, 05:28 PM
मैंने उससे रूम की चाभी मांगी, तो उसने बताया कि चाभी तो मैं शिल्पा को देकर आई हूँ.
मैंने भी बोल दिया कि शिल्पा कहीं नहीं दिख रही है.
निशा ने बताया कि रसोई के पास एक जगह सारे कमरों की चाभी रखी रहती हैं, तुम उधर से ले लो.
मैं जल्दी से चाभी को लेकर ऊपर आया और निशा के रूम के बाहर खड़ा हो गया. अभी आवाजें थोड़ी तेज तेज आने लगी थीं.
मैंने चाभी से दरवाजे को खोला और हल्के से धकेलते हुए अन्दर झांका. मैं अन्दर का नजारा देखता ही रह गया.
शिल्पा बेड पर बिना कपड़ों के लेटी हुई थी और वो फ़ोन पर किसी से कॉल पर बात कर रही थी. उसकी आंखें मस्ती के कारण बंद थीं और मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
उसने कान में लीड लगा रखी थी जिस वजह से उसे मेरी आवाजें सुनाई ही नहीं दे रही थीं.
वो बस बातें किए जा रही थी.
उसका एक हाथ चूत के ऊपर था, जिससे वो कभी अपनी चूत को सहलाती, तो कभी दाने को रगड़ती.
इतना सब देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जानबूझ कर अन्दर नहीं गया और अपने लंड को जींस के ऊपर से ही मसलने लगा.
मैंने उसके पूरे बदन पर नज़र मारी. उसका गोरा बदन चमक रहा था, पर वो नेहा भाभी या प्रीत भाभी से कम ही गोरी थी.
फिर भी मैं पहली बार शिल्पा को बिना कपड़ों के देख रहा था तो मस्त लग रही थी.
उसके चुचे भी मस्त लग रहे थे.
इस वक्त वो सेक्स के मूड में थी तो उसके मम्मे भी कुछ ज्यादा ही फूले हुए लग रहे थे.
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो मस्ती में डूबी हुई थी.
ये सब देख कर मेरा लंड जींस में बहुत टाइट हो गया था.
मैंने जींस की चैन खोली और लंड पर थूक लगा कर और हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.
ये सब मैं शिल्पा को करते हुए देखते हुए कर रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि अभी उसके ऊपर चढ़ जाऊं और लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी जोरदार चुदाई कर दूँ.
मैंने भी बोल दिया कि शिल्पा कहीं नहीं दिख रही है.
निशा ने बताया कि रसोई के पास एक जगह सारे कमरों की चाभी रखी रहती हैं, तुम उधर से ले लो.
मैं जल्दी से चाभी को लेकर ऊपर आया और निशा के रूम के बाहर खड़ा हो गया. अभी आवाजें थोड़ी तेज तेज आने लगी थीं.
मैंने चाभी से दरवाजे को खोला और हल्के से धकेलते हुए अन्दर झांका. मैं अन्दर का नजारा देखता ही रह गया.
शिल्पा बेड पर बिना कपड़ों के लेटी हुई थी और वो फ़ोन पर किसी से कॉल पर बात कर रही थी. उसकी आंखें मस्ती के कारण बंद थीं और मादक सिसकारियां निकल रही थीं.
उसने कान में लीड लगा रखी थी जिस वजह से उसे मेरी आवाजें सुनाई ही नहीं दे रही थीं.
वो बस बातें किए जा रही थी.
उसका एक हाथ चूत के ऊपर था, जिससे वो कभी अपनी चूत को सहलाती, तो कभी दाने को रगड़ती.
इतना सब देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं जानबूझ कर अन्दर नहीं गया और अपने लंड को जींस के ऊपर से ही मसलने लगा.
मैंने उसके पूरे बदन पर नज़र मारी. उसका गोरा बदन चमक रहा था, पर वो नेहा भाभी या प्रीत भाभी से कम ही गोरी थी.
फिर भी मैं पहली बार शिल्पा को बिना कपड़ों के देख रहा था तो मस्त लग रही थी.
उसके चुचे भी मस्त लग रहे थे.
इस वक्त वो सेक्स के मूड में थी तो उसके मम्मे भी कुछ ज्यादा ही फूले हुए लग रहे थे.
मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो मस्ती में डूबी हुई थी.
ये सब देख कर मेरा लंड जींस में बहुत टाइट हो गया था.
मैंने जींस की चैन खोली और लंड पर थूक लगा कर और हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा.
ये सब मैं शिल्पा को करते हुए देखते हुए कर रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि अभी उसके ऊपर चढ़ जाऊं और लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी जोरदार चुदाई कर दूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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