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Adultery भाभी की चचेरी बहन
#3
ये सुनते ही मैं निशा की चूत को भोसड़ा बनाने के लिए पिल पड़ा.
अगले ही पल निशा अपने हाथों से इशारे करने लगी कि आह वो शांत होने वाली है और तेज तेज चोदो.
उसकी बात समझ कर मैं उसकी ताबड़तोड़ चुदाई किए जा रहा था.
कुछ धक्के मारने के बाद निशा ने अपना मुँह दबा लिया और वो गांड हिलाती हुई शांत हो गई.
उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड पर पड़ा, तो मेरे लंड ने भी हिम्मत हार दी और कुछ धक्के मारने के बाद मुझे भी लगा कि मेरा होने वाला है.
मैं भी उसकी और जोर जोर से चुदाई करने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा. मैं और निशा पसीने से पूरे नहा गए थे. निशा अपना मुँह दबाए हुए मेरा साथ दे रही थी.
कुछ धक्के मारने के बाद मैंने सारा पानी उसकी गांड के ऊपर गिरा दिया और शांत हो गया.
हम दोनों कुछ पल के लिए लेट गए.
पांच मिनट बाद निशा ने अपने कपड़े पहने और बाथरूम में फ्रेश होकर आ गई.
उसके आने के बाद मैं भी फ्रेश होकर आ गया और दोनों साथ में लेट गए.
निशा बोली- यार, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी.
मैंने कहा- बेबी, ये तो आराम से किया है ताकि आपकी आवाज ना निकले. अभी तो काफी दिन हैं, कभी मौका मिलेगा तो तेरी असली चुदाई करूंगा.
निशा ने मेरे होंठों को चूम लिया.
मैंने एक बार फिर से उससे कहा- शिल्पा की भी दिलवा दो यार!
निशा बोली- ठीक है … कुछ करूंगी.
वो गुड नाईट बोल कर सो गई और मैं भी सो गया.
सुबह नींद खुल गई पर मैं जानबूझ कर लेटा हुआ था और निशा के आने का इंतजार कर रहा था.
रात में मैंने उसकी दमदार चुदाई की थी तो सुबह मैं उसे देखना चाहता था.
थोड़ी ही देर में निशा आई.
मैं कम्बल में सोने का नाटक करने लगा.
निशा जैसे ही कम्बल पकड़ कर खींचने लगी, मैंने भी जोर से कम्बल को खींच कर रखा.
अगली बार उसने जोर दिया तो मैंने कम्बल के साथ उसे भी खींच लिया. निशा सीधे मेरे ऊपर आकर गिर गई. उसका मुँह मेरे सीने पर था.
निशा ने जल्दी से मेरे होंठों को चूमा और बोलने लगी- जल्दी से उठो यार!
मैं उसे अपनी बांहों में भींचे हुए था.
निशा हंसने लगी और बोली- तुम जगे हुए थे, तो नाटक क्यों कर रहे थे?
मैंने कहा- अब तो मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है.
निशा मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा एक बार में ही आदत हो गई?
मैंने कहा- हां जी. बड़ी नमकीन माल हो तुम.
वो मुस्कुरा कर मेरी आंखों में झाँकने लगी.
मैंने कहा- निशा रात में तो खुल कर खेल हुआ ही नहीं था. तब भी बताओ कि रात में कैसा लगा?
निशा के चेहरे पर गहरी मुस्कान आ गई और वो बोली- अच्छा था.
मैंने कहा- दिन में मौका मिलेगा तो और अच्छा लगेगा.
निशा हंस कर बोली- देखते हैं, दिन में मौक़ा भी मिल सकता है.
वो मेरे ऊपर से हट गई.
अब मेरा ध्यान निशा के ऊपर गया.
निशा ने आज काले रंग की जींस पहनी हुई थी, उस पर लाल रंग का टॉप पहना हुआ था.
मैं बोला- आज तो बहुत सुंदर लग रही हो.
निशा- जरा झूठ कम बोला करो.
मैंने कहा- सच में बहुत मस्त लग रही हो!
निशा बोली- थैंक्स.
मेरी नजर निशा के पूरे फिगर पर घूमने लगी तो मैंने ध्यान दिया कि निशा की काले रंग की जींस काफी टाइट थी और आगे से उसकी चूत की शेप साफ़ दिख रही थी.
मुझे इस तरह से देखते हुए निशा बोली- क्या हुआ … ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुमको देख रहा हूँ … सच में बहुत हॉट लग रही हो.
निशा शर्माती हुई अपनी चूत पर हाथ रख कर बोली- अच्छा जी.
मैं कहा- हां सच में.
निशा बोली- चलो अब उठो … तुम्हें दीदी बुला रही हैं. जीजा जी और मम्मी कहीं बाहर जाने वाले हैं. वो शायद तुमको भी साथ ले जाएं.
मैंने ओके कहा और निशा के जाते ही मैं नहाने चला गया.
रूम खुला हुआ था तो मैंने दरवाजे पर कुंडी नहीं लगाई. बस दरवाजे को बंद ही किया था.
मैं जैसे ही नहा कर बाथरूम से बाहर निकलने लगा तो बस तौलिया ही पहने था.
मैं बाथरूम से जैसे ही बाहर आया तो देखा कि शिल्पा रूम में आई हुई थी.
उसकी नज़र अचानक से मुझ पर पड़ी.
मैंने भी जानबूझ कर तौलिया को खोल दिया और मेरी तौलिया जमीन पर जा गिरा.
शिल्पा ने एक पल को मुझे देखा और अगले ही पल वो जल्दी से बाहर चली गई.
मैंने भी मुस्कुरा कर तौलिया उठा कर एक तरफ रखी और अपने कपड़े पहन लिए.
मैं नीचे आया तो शिल्पा मुझसे नजरें नहीं मिला रही थी. मैं उसके पास गया पर वो अपना मुँह दूसरी तरफ करके खड़ी हुई थी.
मैंने शिल्पा से माफी मांगी और भाभी के पास चला गया.
फिर मैंने नाश्ता किया.
भैया भाभी और निशा हम सब मार्केट चले गए.
मार्किट से वापस आते हुए शाम हो गई थी. घर आए तो देखा कि रसोई में शिल्पा और भाभी की मम्मी हैं.
मैं उन दोनों से बातें करने लगा कि अभी क्या क्या काम है.
रात को सबने खाना खाया. मैंने भी जल्दी ही खाना खा लिया.
अब रात के 11 बज रहे थे, सब बातें करने लगे.
थोड़ी ही देर में शिल्पा चाय लेकर आई और बोली- लो यश चाय पी लो, दीदी ने बनाई थी.
शिल्पा ने शायद मुझे माफ़ कर दिया था इसलिए वो ठीक से बातें कर रही थी.
मैंने चाय पी और थोड़ी बात करके उठ गया.
मैं सोने चला गया.
कुछ देर बाद निशा कमरे में आई और आते ही बिस्तर पर लेट गई.
शिल्पा और मुझे नींद नहीं आ रही थी.
निशा बोली- तुम मेरी जगह आ जाओ यश. मुझे नींद आ रही है. तुम दोनों बातें करो और मुझे सोने दो.
अब मैं बीच में था और निशा और शिल्पा किनारे पर थीं.
मैंने शिल्पा से कहा- कुछ बोलो अपने बारे में!
शिल्पा बोली- क्या बताऊं?
मैंने कहा- मैं जो पूछूंगा, सच बताओगी?
शिल्पा बोली- हां ठीक है, पूछो.
मैंने कहा- इतनी सुंदर हो और हॉट भी लगती हो, तो ये बताओ तुमको अभी तक कितने तो कितने लड़कों ने फ्रेंडशिप का ऑफर दिया?
शिल्पा हल्के से हंस दी और बोली- तारीफ़ के लिए शुक्रिया. हां मुझे ऑफर तो कई लड़कों ने किया था.
मैंने पूछा- तो तुमको उसमें से कोई पसंद नहीं आया क्या?
शिल्पा बोली- उनमें से कई लड़के मुझे पसंद तो आए थे पर पता नहीं मुझे अन्दर से डर लगता था कि अगर घर पर किसी को पता चलेगा तो बहुत दिक्कत हो जाएगी. इसलिए मैं दोस्ती के के लिए किसी को हां नहीं बोलती थी.
मैंने कहा- अरे उसमें कुछ नहीं होता है यार!
फिर शिल्पा बोली- तुम भी तो बहुत अच्छे लगते हो, तो क्या तुमको किसी लड़की का ऑफर आया था?
मैंने कहा- हां आया तो था.
वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने कहा- अच्छा एक बात बताओ … अगर तुम्हारे घर में कोई दिक्कत नहीं होती, तो क्या तुम हां बोल देती?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भाभी की चचेरी बहन - by neerathemall - 13-05-2022, 05:26 PM



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