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Incest शालिनी दीदी
#33
यह कहते हुए दीदी अपने हाथ को अपनी चुत पर ले जाकर पैंटी के ऊपर से ही रगड़ने लगीं. दीदी आहिस्ता आहिस्ता गरम हो रही थीं. एक हाथ से फोन पकड़े हुए, आँखें मूंदे हुए… अपने होंठों को दांतों के नीचे दबा कर दूसरे हाथ से खड़े खड़े अपनी चुत को मसल रही थीं.
दीदी का यह अवतार बहुत ही खतरनाक लग रहा था. प्रीति वहां दूसरी तरफ से अपनी चुदाई की स्टोरी सुनाए जा रही थी. यहाँ दीदी की वासना बढ़ती जा रही थी. अब दीदी अपनी चुत को तेज़ तेज़ रगड़ने लगी थीं… मानो दीदी चुत को मसल कर रख देना चाहती हों.
दीदी एकदम गरम हो चुकी थीं. दीदी ने फोन को टेबल पर रखा और उसका स्पीकर ऑन कर दिया. अब प्रीति की आवाज़ साफ़ सुनाई दे रही थी… वो फोन पे अपनी चुदाई की कहानी सुनाए जा रही थी.
दीदी वहीं किचन में रखी चेयर पे बैठ गईं… और अपना एक पैर उठाकर क्रॉस करके चेयर की आर्म्स पर रख कर बाहर की तरफ लटका दिया जिससे दीदी की चुत एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी. चुत अभी पैंटी से ढकी हुई थी.
दीदी ने पैंटी का आगे का हिस्सा पकड़ कर साइड में सरका दिया… जिससे दीदी की चुत बिल्कुल नंगी हो गई… और अब चुत साफ साफ दिखाई देने लगी. दीदी की चुत हल्की ब्राउन रंग की फूली हुई डबल रोटी की तरह थी. दीदी की चुत की दोनों पंखियां और क्लिट दोनों बहुत गुदाज थीं. दीदी की चुत मोटी होने के बावजूद भी बाहर की ओर निकल रही थी. दीदी की चुत सच में बहुत बड़ी थी. दीदी की हथेली जितनी होगी.
दीदी अपनी दो उंगलियां वी शेप बना कर अपनी चुत के दोनों फांकों पर रख दीं और उंगलियों को फैला कर चूत को पूरा खोल दिया. जैसे ही दीदी की चुत खुली, मैं तो देख कर पागल हो गया. चुत के अन्दर का नजारा खून जैसा लाल था.
यह देख कर मेरी मुठ मारने की रफ़्तार तेज़ हो गई.
अब दीदी चेयर पर बैठी हुई फोन को स्पीकर पे डाल कर प्रीति की चुदाई की स्टोरी को सुन रही थी और अपनी चुत को सहलाए जा रही थीं. दीदी एकदम मस्त हो चुकी थीं, अपनी आँखें बंद करके बस अपनी चुत की रगड़ाई का मज़ा ले रही थीं. तभी दीदी ने अपनी दो उंगलियों को अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगीं… जिससे दीदी की उंगलियाँ गीली हो गईं. उन गीली उंगलियों को ले जाकर दीदी ने अपनी चुत में घुसा दिया और दीदी के मुँह से आह… की कराह निकल गई.
अब दीदी हल्की हल्की आह आह की आवाज़ के साथ अपनी उंगलियों से अपनी चुत को चोदे जा रही थीं. उंगलियां बहुत आसानी से चुत में आ जा रही थीं… ऐसा लग रहा था कि दीदी की चुत बहुत बड़ी है.
यहाँ दीदी अपनी चुत चोदने में मस्त थी… वहां फोन पे प्रीति अपनी चुदाई की स्टोरी सुनाए जा रही थी.
थोड़ी देर स्टोरी सुनाने के बाद प्रीति बोली- तू सुन रही है न… हैलो हैलो शालिनी कहाँ गई… हैलो… हैलो…
उधर शालिनी दीदी कहाँ सुनने वाली थीं… वो तू अपनी चुत चोदने में मस्त हो गई थीं. थोड़ी देर पूछने के बाद जब कोई रिस्पांस नहीं आया, तो फोन डिसकनेक्ट हो गया. वहां दीदी अपनी ही मस्ती में फोन डिसकनेक्ट होने से बेखबर अपनी चुत में उंगली अन्दर बाहर करके चोदे जा रही थीं.
दीदी की चुत बहुत सारा पानी छोड़ चुकी थी. उंगली से ही फच फच की आवाज़ आने लगी थी. साथ ही पानी निकल निकल कर ज़मीन पर टपक रहा था… दीदी की चुत कुछ ज्यादा ही पानी छोड़ रही थी. मॉम से भी ज्यादा पानी निकल रहा था.
थोड़ी देर इसी तरह अपनी चुत चोदने के बाद दीदी एकदम पागल सी हो गई थीं और अपनी गांड उठा उठा कर उंगलियां घुसा रही थीं. ऐसा लगता था कि दीदी को बस अब लंड चाहिए था, जो उसकी चुत में घुस कर उसको कुतिया की चोद दे.
दीदी ज़ोर ज़ोर से कराह रही थीं- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह आह फ़क मी… ओह…
दीदी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 04:09 PM
RE: शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 05:20 PM
RE: शालिनी दीदी - by sri7869 - 24-09-2023, 12:14 AM



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