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Incest शालिनी दीदी
#32
बात करते करते दीदी ने अपने दोनों हाथों की कोहनियों को किचन काउंटर पर टिका दिया और काउंटर पर थोड़ा झुक गईं. दीदी के चुचे काउंटर से टच होने लगे… और झुकने के कारण दीदी की गांड पीछे की ओर और भी ज्यादा बाहर निकल आई.
पीछे से चोदने के लिए इससे बेस्ट पोज़ हो ही नहीं सकता था. इंसान तो क्या कोई जानवर भी वहां होता तो न चाह कर भी उसका लंड खड़ा हो जाता और पीछे से दीदी की गांड पर चढ़ाई करके लंड गांड में घुसा देता.
दीदी इसी तरह झुके हुए एक हाथ में फोन पकड़ कर कान पे लगाए हुए बात कर रही थीं और दूसरे हाथ से किचन काउंटर पर उंगलियों से यूँ ही कुछ लिखे जा रही थीं.
दीदी- यार तेरा प्रमोशन हो गया, तूने बताया भी नहीं… प्रमोशन की तो ग्रैंड पार्टी लगेगी बॉस.
दूसरी तरफ से कुछ बात हुई होगी.
दीदी- वैसे ये अचानक प्रमोशन कैसे… विजिटिंग स्टाफ से परमानेंट स्टाफ… कुछ तो बात है!
दीदी- कुछ तो बात है… जो तू बता नहीं रही है… अगर नहीं बताना तो आज के बाद मुझे फ़ोन मत करना. तेरी मेरी दोस्ती यहीं तक… चल बाय…
ये बोल कर दीदी झूट मूठ का खामोश हो गईं. फिर दूसरी तरफ से पता नहीं क्या हुआ… दीदी दोबारा बोलीं- हाँ बोल… यहीं हूँ सुन रही हूँ… आ गई न लाइन पे… चल अब बता ये अचानक प्रमोशन कैसे…
थोड़ी देर दूसरी तरफ से सुनने के बाद दीदी अचानक चौंक उठीं- क्या बात कर रही है… ओ माय गॉड… सच में? आई कांट बिलीव दिस यार… तूने उस बुढ्ढे से चुदवा लिया?
यह कह कर दीदी का मुँह खुला का खुला ही रह गया. चुदाई जैसा बोल्ड लफ्ज़ दीदी के मुँह से सुन के मानो मेरे बदन में करंट दौड़ गया.
दीदी- ये हुआ कैसे यार… उस बुढ्ढे का खड़ा भी होता है क्या… साला ठरकी बुढ्ढा हरामी… उसको सेक्रेटरी किसने बना दिया.
यह कह कर दीदी हंसने लगीं. दीदी की हंसी के साथ दीदी के चूचे भी ख़ुशी के मारे उछलने लगे… उफ़ मन कर रहा था स्क्रीन में से ही खा जाऊं.
दीदी- चल इसी बहाने तू फिक्स स्टाफ तू हो गई कॉलेज की… प्रमोशन का प्रमोशन मज़े के मज़े भी… मज़े से याद आया. अच्छा एक बात बता मज़ा आया कि नहीं तुझे… या बस ऐसे ही? क्या बात कर रही है… आधा घंटा उस बुढ्डे ने तुझे चोदा… ओ माय गॉड… तेरे तो मज़े हैं बॉस.
यह कहते हुए दीदी ने अपने होंठ दांत के नीचे दबा लिए.
दीदी- अच्छा प्रीति, एक मिनट रुक…
कहकर दीदी फ्रिज खोल कर उसमें से पानी निकाल कर लाईं और पीने लगीं.
मतलब वो प्रीति थी… दीदी की क्लासमेट. दोनों ने कॉलेज साथ में कम्पलीट किया था. वो अब आगरा में रहती है… वहीं किसी कॉलेज में पढ़ाती है. उनकी बातों से ऐसा लग रहा था, जैसे प्रीति के सेक्रटरी ने प्रीति को प्रमोशन के बहाने चोदा है.
पानी पीने के बाद दीदी ने दोबारा फोन कान से लगाया- हाँ प्रीति अब बोल… कैसे हुआ कब हुआ. तू उस बुढ्ढे के लंड के नीचे कैसे पहुँच गई यार… तेरी बात सुन के तू मेरी भी चुत पानी छोड़ने लगी है.
दीदी की ये सब बातें सुन कर मेरे लंड में तूफ़ान उठ रहा था.
वहां से प्रीति सब बताने लगी. थोड़ी ही देर में दीदी के हाव भाव बदलने लगे. अब दीदी अपने एक हाथ से अपनी चूचियों को सहला रही थीं… और फोन पे ‘हूँ… हूँ…’ कर के प्रीति की बातों का मजा लिए जा रही थीं- वाओ… उसने तेरी चुत चाटी?? आव्स्म यार…!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 04:09 PM
RE: शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 05:20 PM
RE: शालिनी दीदी - by sri7869 - 24-09-2023, 12:14 AM



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