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Incest शालिनी दीदी
#31
घर पे सिर्फ दीदी थीं जोकि अपने कमरे में सो रही थीं. घर में बिल्कुल सन्नाटा था, सिर्फ सुबह की चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ें आ रही थीं… किचन भी बिल्कुल खाली पड़ा हुआ था.
तभी अचानक से इस शांति को भंग करते हुए किसी की हंसने की आवाज़ आई… जिसने सारे माहौल के सन्नाटे को भंग कर दिया. यह हंसी किसी और की नहीं, बल्कि मेरी दीदी शालिनी की थी. दीदी कैमरे में नज़र नहीं आ रही थीं, पर उसके हंसने की आवाज़ सुनाई दे रही थी.
थोड़ी देर बाद समझ में आया कि दीदी किसी से फोन पे बात कर रही थीं. तभी अचानक ज़मीन पर साया चलता हुआ किचन की ओर आता हुआ दिखाई दिया.
दीदी की आवाज़ भी रिकॉर्डिंग में तेज़ होने लगी थी. दीदी लिविंग रूम से किचन में आ रही थीं, वो अभी भी फोन पे किसी से बात कर रही थीं और बीच बीच में कहकहे लगा कर हंस रही थीं.
तभी अचानक दीदी कैमरे में दिखाई पड़ीं. ओ माय गॉड… दीदी को देखते ही मेरा मुठ मारके मुरझाया हुआ लंड फनफनाता हुआ खड़ा हो गया और लैपटॉप स्क्रीन पे दीदी को देख देख कर झटके लेने लगा. मेरी दीदी को देख कर में मॉम को भूल गया.
जैसा कि मैंने पहले ही बताया था दीदी दिखने में मॉम जैसी हैं, पर उनका फिगर मॉम से काफी बड़ा है.
दीदी ब्लू रंग की ब्रा और ब्लू रंग की जी स्ट्रिंग पहने हुए अपनी गांड मटकाते हुए किचन में दाखिल हुईं. दीदी के बड़े बड़े बूब्स ब्लू रंग की ब्रा में जकड़े हुए थे… ब्रा इतनी टाइट लग रही थी कि मानो बीच से अभी टूट जाएगी और दीदी के चुचे अभी ब्रा से बाहर कूद पड़ेंगे. चूचों के ऊपरी भाग साफ दिखाई दे रहे थे. जितने चुचे ब्रा के अन्दर थे, उतने ही ब्रा के बाहर भी दिखाई दे रहे थे. दीदी के दोनों चुचे बड़े और टाइट होने की वजह से बीच में इस तरह एक दूसरे से चिपके हुए थे कि दोनों चूचों के बीच एटीएम कार्ड स्वाइप करने जितनी जगह भी नहीं थी.
दीदी भी मॉम जैसी बहुत गोरी थीं… और नीले रंग की ब्रा में गोरे गोरे चुचे ऐसे सेक्सी लग रहे थे कि किसी सौ साल के बूढ़े का भी लंड खड़ा कर दे. दीदी की गांड का तो क्या पूछना, दीदी की गांड मॉम से काफी बड़ी थी और पीछे की ओर बहुत निकली हुई थी. दीदी की गांड देख कर तो अच्छा खासा आदमी पागल हो जाए. उनकी गोरी गोरी बड़ी गांड, उस पर क़यामत ये कि दीदी पेंटी नहीं पहनती थीं. वो जी स्ट्रिंग पहनती थीं… जिसके पीछे की और सिर्फ एक पतली डोरी होती है… जो कि दीदी की गांड की दरार के अन्दर छुपी हुई थी. जिससे दीदी की गांड की पहाड़ी बिल्कुल साफ नज़र आ रही थी.
उफ़… दीदी को तो देख कर ही लंड का पानी निकल गया दोस्तो. मुझे पहले ही अपनी किस्मत पर अफ़सोस हो रहा था कि मॉम जैसी सेक्स बम्ब को नवीन जैसा देहाती रंडी की तरह चोदता है. अब दीदी को देख कर तो अफ़सोस और ज्यादा होने लगा कि सारे समुन्दर मेरे पास हैं और मैं ही प्यासा घूम रहा हूँ.
बरहराल… दीदी चलकर किचन काउंटर के पास आकर खड़ी हो गईं और फोन पे बात करे जा रही थीं. मैं समझ नहीं पा रहा था कि फोन पर दूसरी तरफ कौन है… लेकिन उनकी बातों से लग रहा था कि दीदी की कोई फीमेल फ्रेंड है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 04:09 PM
RE: शालिनी दीदी - by neerathemall - 13-05-2022, 05:19 PM
RE: शालिनी दीदी - by sri7869 - 24-09-2023, 12:14 AM



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