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Adultery प्यार या धोखा
#85
अध्याय 14
पार्टी वाली घटना के दूसरे ही दिन वो हुआ जो मैंने जीवन में कभी नही सोचा था..
मेरे पास रोहन का काल आया और उसने मुझे पूर्वी के घर बुलाया,मैं बुरी तरह से डर गई थी की आखिर वो करना क्या चाहती थी ….जब मैं वंहा पहुची तो वंहा का दृश्य देखकर ही कांप गई..
पूर्वी बिस्तर में नंगी पड़ी थी और रोहन उसका पैर दबा रहा था,
जब उसने मुझे देखा तो रोहन की आंखों में शर्मिदगी तैर गई ..
रोहन की ये हालत मुझसे देखी नही जा रही थी,आखिर ये कैसा बदला था पूर्वी का ...वो उसे एक नॉकर की तरह ट्रीट कर रही थी..
पूर्वी ने मुझे एक सोफे में बैठने को कहा ,मेरे पास उसकी बात मानने के अलावा कोई चारा भी नही था...मैं बस अवाक थी
“रोहन बेबी,यंहा बड़ी गर्मी हो रही है थोड़ा चाट कर ठंडा कर दो ना”
पूर्वी ने अपनी उंगली से अपनी योनि की ओर इशारा किया..रोहन की आंखे फैल गई ,और उसने मुझे देखा,मैंने आंखों से ही उसे करने का इशारा किया
“अरे उधर क्या देख रहे हो ,इसे चाटना है ,सपना तुम कुछ पियोगी..”
पूर्वी की बाते मेरे दिल में दर्द का सबब बन रही थी मेरी आंखे लाल हो रही थी,थोड़ा पानी आ रहा था लेकिन शायद  अभी और आना बाकी था,
रोहन उसकी योनि के पास झुक गया,मैं साफ साफ उसकी उत्तेजना को भांप सकती थी..उसने आखिर योनि को चाटना शुरू कर दिया
“आह गुड बेबी,लाइक अ डॉग ,यु आर गुड ..हम्म्म्म “
पूर्वी ये क्या कह रही थी ,मेरे ही सामने रोहन को इतना जलील कर रही थी,उसे कुत्ता बता रही थी,सच में मेरे दिल में एक जोरदार पीड़ा हुई ,मैं रोने लगी थी लेकिन इसका कोई मलतब नही रह गया था..
“ओह रोहन यु आर माय डॉग बेबी  चूस इसे चूस सारा पानी पी जा,तू मेरा पालतू कुत्ता है ..ओह रोहन...”
पूर्वी  अपने टांगो से रोहन के सर को अपने योनि में कस लिया ,रोहन छटपटा रहा था,लेकिन पूर्वी ने  तब तक उसे ऐसे ही दबाए रखा  जब तक की वो पूरी तरह से नही झर गई ,रोहन छूटते ही हांफने लगा,पूर्वी हंसती हुई उठी और उसके सर को सहलाया..
“ओ माय बेबी ,चलो अब जल्दी से कपड़े उतारो “
क्या ???
क्या अब वो मेरे सामने ही रोहन से सेक्स करने वाली है ,और रोहन भी उसके गुलाम की तरह अपने कपड़े निकलने लगा था,उसका लिंग पूरी तरह से तना हुआ था,साले को तो जन्नत मिलने वाली थी,लेकिन अब मुझसे और बर्दास्त नही हुआ मैं उठकर जाने लगी
“रुको कहा जा रही हो ,तुम्हे तो खेलना पसंद है ना.. फिर पूरा खेल देख कर ही जाओ “
उसके  बात में एक व्यंग था..
‘तुम ..तुम  आखिर साबित क्या करना चाहती हो “
मैं चिल्लाई
उसने एक कमीनी मुस्कान के साथ मुझे देखा,
“यही की एक मर्द को बहकाने के लिए सबसे आसान रास्ता औरत का जिस्म होता है,तुमने कपड़े उतारे तुम्हारी चाटने लगे,मैंने उतारी तो मेरी ,कुत्तों की जात ऐसी ही होती है “
कुत्तों की जात बोलते समय उसकी  निगाह सीधे रोहन के निगाहों से मिली,उसके आंखों से एक ही पल में सारी उत्तेजना गायब हो गई,उसकी आंखे फिर से शर्म से भरकर नीची हो गई थी…
मैं अब और रोहन को इस हालत में नही देख सकती थी,ना ही पूर्वी को मैं तेजी से वंहा से निकली …
मुझे पूर्वी के लिए भी दुख हो रहा था,इतनी शरीफ लड़की को आखिर मैंने अपने जैसी ही बना दिया ...मैं रोते हुए जा रही थी,आज मुझे पता चला था की प्यार में धोखा खाया आदमी क्या कुछ कर सकता था लेकिन उसे धोखा किसने दिया था..
मैंने या रोहन ने..
या हम दोनों ने ..
क्या सच में रोहन उससे प्यार करता था या वो बस धोखा था…
**************
सब कुछ मानो शांत ही हो गया हो ,पूर्वी ने हमसे दूरी बना ली …
कुछ दिन बीते ही थे की मुझे पता चला की पूर्वी आजकल लाइब्रेरी में ज्यादा बैठा करती है ,
मैं भी उस दिन लाइब्रेरी पहुची ,हमारे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी इतनी बड़ी थी जैसे लगता था की कोई पूरा शहर ही बसाया गया हो ,किताबो का शहर,वंहा मैंने हमारे साइंस ग्रुप के छात्र बैठ कर बाते कर रहे थे ,मैं उसपर बिल्कुल भी ध्यान नही देती अगर मुझे पूर्वी का नाम नही सुनाई देता,मैं लाइन से रखे ख़िताबो की दीवार के पीछे पहुची ,ये फुसफुसाहट सी आवाजे थी ,
“वो तो हर समय बस गौरव सर को ही देखती रहती है,”
“हा यार सर कितने लक्की है ना जो इतनी अच्छी माल उन्हें लाइन देती है “
एक लड़के की बात से सभी मुह दबाकर हँसने लगे,तभी एक लड़की बोल उठी
“अरे कहे की माल,इन अमीर बाप की औलादों को तुम नही जानते,पहले रोहन उसका बॉयफ्रेंड था,उससे ब्रेकअप हो गया तो सर पर डोले डाल रही है कमीनी”
उसकी आवाज में नफरत थी ..
“लगता है तुझे जलन हो रही है “
एक लड़के के मजाक से वो लड़की और भी भभक गई
“मुझे क्यो जलन होगी ,लेकिन मैं ऐसे लड़कियों को अच्छे से जानती हु ,और सर कभी भी उसे भाव नही देंगे”
आखिर ये गौरव सर है कौन,अचानक मुझे याद आय की ये तो वही है जिन्होंने उस दिन पूर्वी को अपने साथ अपने घर ले गए थे,हमारे केमेस्ट्री के प्रोफेसर..
मुझे भी केमेस्ट्री अच्छी लगती थी,मैंने सोचा इसी बहाने थोड़ी जासूसी भी हो जाएगी ,मैं उनका हर क्लास अटेंड करने लगी ,उनके हर क्लास में पूर्वी मौजूद रहती ,साथ ही उनके साथ लाइब्रेरी में लगने वाले प्राइवेट क्लास में भी …
मैं कभी उनके सामने नही आयी,और लाइब्रेरी में ज्यादा समय बिताने लगी,एक दिन वो हुआ जो मैंने सोचा नही था,
सर की प्राइवेट क्लास खत्म हुई ,सभी स्टूडेंट चले गए थे,सर भी उठे और ऊपर की तरफ जाने लगे,सबसे ऊपर की फ्लोर में सिर्फ टीचर्स ही जाया करते थे,वंहा अधिकतर रिसर्च पेपर रखे होते थे,जिन्हें स्टूडेंट्स के पहुच से दूर रखा जाना होता था,जब मैं भी वंहा पहुची तो एक गार्ड ने मुझे रोक दिया ..
“यंहा सिर्फ टीचर्स को ही अनुमति है मेडम “
मैंने गार्ड को ध्यान से देखा और अपने पर्स से 500 के दो नोट निकाल कर हिलाया..
“मेडम नॉकरी चली जाएगी..”
उसकी लालची आंखे उन नोटो पर टिकी थी,
“मुझे ज्यादा देर का कोई काम नही है ,बस कुछ पेपर देखने थे”
उसने इधर उधर देखा
“ठीक है लेकिन मोबाइल,पर्स  यही छोड़ना होगा,बस एक कॉपी और पेन ही अंदर ले जा सकती हो आप “
मैंने कन्डीशन को स्वीकार कर लिया,और मोबाइल पर्स छोड़कर अंदर चली गई ,
वंहा कोई भी नही जाता था ,रजिस्टर में मुझे एंट्री नही करनी पड़ी ,
वो पूरा फ्लोर भी काफी बड़ा था,और चारो तरफ कबाड़ जैसे पेपर्स मैगजीन्स और ना जाने क्या क्या डॉक्यूमेंट पड़े हुए थे,अधिकतर जगहों में घोर अंधकार था,सिर्फ थोड़े ही जगहों में प्रकाश था जंहा स्टडी के लिए टेबल रखे हुए थे,मेरे दिमाग में बस एक ही बात कौंध रही थी की आखिर गौरव सर यंहा कर क्या रहे होंगे,और वो है कहा,
मैं बड़े ही आराम से आगे बढ़ रही थी ,तभी मुझे कुछ फुसफुसाहट सी आवाजे सुनाई दी ..
मेरे कान खड़े हो गए …
मैं थोड़ा और पास गई ..
“वो तो दिन भर मुझे ही देखते रहती है “
ये आवाज गौरव सर की थी,मैंने बहुत ही एहितियाद बरती ,मैं उनके सामने नही जाना चाहती थी ..
“अच्छा ही है जो मुर्गी खुद ही जाल में फंस रही है “ये आवाज एक महिला की थी ,साथ ही एक खनखनाती हुई हंसी भी ..मैं आवाज को नही पहचान पाई लेकिन आवाज जानी पहचानी सी थी ,
“क्या उसने तुम्हे प्रपोज कर दिया “
“अभी तो नही लेकिन लगता है कुछ ही दिनों में करने वाली है “
“तेरी तो चांदी ही चांदी है ,जानता है ना की वो कौन है “
“जानता हु लेकिन प्यारी लड़की है पूर्वी “
वो महिला फिर से हँसी
“और मैं “
“अरे तुम तो मेरी जान हो जानेमन “
दोनों की हंसी एक साथ आयी और फिर चूड़ियों की थोड़ी खनखनाहट ..
साफ पता चल रहा था की वो एक दूसरे से लिपटे हुए है और गौरव सर उसे चूम चाट रहे है ,
“आह गौरव ,धीरे “
“तुम्हारे बूब्स पागल बना देते है मेरी जान “
“आह …”
गौरव उसके बूब्स पर टूट पड़ा था,मैंने एक बुक की ओट से उन्हें देखने की कोशिश की लेकिन अंधेरा इतना था की कुछ साफ साफ नही दिखाई दे रहा था,बस इतना दिख रहा की गौरव का सर उस औरत की छाती में दबा हुआ है ...और उसका हाथ उसके साड़ी को ऊपर किये हुए उसके जांघो के बीच में चल रहा है…
“अब सब यही कर डालोगे क्या ,चलो यंहा से “
“अरे रुको ना यंहा कोई नही आता “
“लेकिन गार्ड तो है ना जिसने हमे अंदर आते देखा है,रात को मेरे घर पर मिलो “
“ह्म्म्म ठीक है “
“अगर पूर्वी तुम्हे प्रपोज कर दे तो तुम क्या करोगे “
औरत ने अपने कपड़े ठीक करते हुए कहा
“उसे ना करने का तो सवाल ही नही उठता ,लेकिन इतनी जल्दी हा कह दिया तो उसे भी शक हो जाएगा ,थोड़ा घूमने दो फिर हा कर देंगे “
“ह्म्म्म जब वो तुम्हारे जीवन में आ जाएगी तो मेरा क्या होगा “
गौरव हँस पड़ा …
“अरे मेरी जान तुम्हे कैसे अपने से अलग कर सकता हु “
वो दोनों फिर से एक दूसरे के होठो में अपने होठो को घुसा कर चूसने लगे ,
थोड़ी ही देर में वो वंहा से चले गए थे ,मेरी सांस जैसे रुक ही गई थी ,गौरव और ये औरत मिलकर पूर्वी को फंसा रहे थे,क्योंकि वो एक अमीर लड़की है ,मेरा दिल पूर्वी के लिए दुखने लगा था ,मैं कैसे उसे इन सबसे बचा सकती थी..
अभी मेरे पास सोचने का समय नही था,मैं भी बाहर निकली और गार्ड से अपना मोबाइल और पर्स लिया,पास रखे हुए रजिस्टर पर मेरी निगाह पड़ी ..
मैंने उसे उठा लिया ..
“अरे मेडम ये क्या कर रही हो”
“कुछ नही बस देख रही हु की आज कौन कौन आया “
“नही हम नही देखने दे सकते “
वो गार्ड मेरे हाथो से वो रजिस्टर छिनने लगा ,मैंने स्माइल दे कर फिर से अपना पर्स खोला और 500 का एक नोट लहराया ,
“सच में हमारी नॉकरी चले जाएगी हम नही देखने दे सकते “
मैंने एक गहरी सांस ली
“ठीक है फिर “
मैं वो नोट अपने पर्स में रखने लगी ,उसने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और नोट अपने पास रख लिया
“आप तो बुरा ही मान गई “
मैंने उसके हाथ से रजिस्टर लिया और आज की इंट्री देखने लगी ,आज दो ही इंट्री थी एक तो गौरव सर की थी और एक थी…
मिस मालती की ...हमारे केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD …
मेरे होठो में मुस्कान और दिल में नफरत एक साथ जाग गई ….
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RE: प्यार या धोखा - by Chutiyadr - 22-05-2019, 02:52 PM



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