13-05-2022, 12:08 PM
अब मैने धीरे धक्के से सुलू मौसी को चोद ना शुरू किया. शुरुआत में में संभल के लंड डालता रहा क्यूं की उस की चूत छोटी थी और मेरा लंड था मोटा. जैसे जैसे चुदाई चली वैसे वैसे चूत खुली होती चली. काम रस भी बहता चला और लंड आसानी से अंदर बाहर हो ने लगा. लंड की मोटाई से भोस की दरार गोल बन गयी थी और क्लैटोरिस खींच कर चूत की ओर आ गयी थी. इस से हुआ क्या की लंड के हर धक्के के साथ क्लैटोरिस लंड की दांडी के साथ घिस ने लगी सुलू ने मुझे बाद में बताया था की ऐसी हरकट से उसे बहुत मझा आता था, क्लैटोरिस से निकाला बिजली का करंट सारे बदन में फैल जाता था. मेरे धक्के के साथ साथ वो भी अपने नितंब इस कदर हिलाती थी की जिस से चूत के हर कोने तक लंड का मत्था पहुँच जाए. होले होले मेरे धक्के की रफ़्तार बढ़ ने लगी
देखते देखते में सुलू की योनी फट फट फटाके मार ने लगी वो मछली की तरह छटपटाने लगी मेरे हाथों और कंधों पर दाँत गाड़ दिए नाख़ून से मेरी पीठ खरॉंच डाली. मैं तेज़ और गहरे धक्के से चोद रहा था और वो भी नितंब घुमा घुमा कर लंड का मंथन कर रही थी. फिर भी उसे ओर्गाझम होता नहीं था. मुझे लगा की उसे ओर्गाझम करवाए बिना ही मैं झर जा उंगा.
मैने पूर्वी से कहा : पूर्वी, उंगली से देख तो ज़रा मौसी की क्लैटोरिस कैसी है
हमारे पेट बीच हाथ डाल कर पूर्वी ने मौसी की भोस टटोली. मेरे धक्के चालू ही थे. इस दौरान जैसे पूर्वी ने क्लैटोरिस छुआ की सुलू को ज़ोरों का ओर्गाझम हो गया. अपने हाथ पाँव से वो मुझ से लिपट गयी कुले से झटके देने लगी चूत से लंड नीचोड़ ने लगी उस का सारा बदन तीस सेकंड के लिए अकड गया, उस के रोएँ खड़े हो गये आँखें मिंच गयी और मुँह से लार निकल पड़ी. वो बेहोश सी हो गयी ओर्गाझम का आफ़्तर शोक दो मिनिट तक चला.
देखते देखते में सुलू की योनी फट फट फटाके मार ने लगी वो मछली की तरह छटपटाने लगी मेरे हाथों और कंधों पर दाँत गाड़ दिए नाख़ून से मेरी पीठ खरॉंच डाली. मैं तेज़ और गहरे धक्के से चोद रहा था और वो भी नितंब घुमा घुमा कर लंड का मंथन कर रही थी. फिर भी उसे ओर्गाझम होता नहीं था. मुझे लगा की उसे ओर्गाझम करवाए बिना ही मैं झर जा उंगा.
मैने पूर्वी से कहा : पूर्वी, उंगली से देख तो ज़रा मौसी की क्लैटोरिस कैसी है
हमारे पेट बीच हाथ डाल कर पूर्वी ने मौसी की भोस टटोली. मेरे धक्के चालू ही थे. इस दौरान जैसे पूर्वी ने क्लैटोरिस छुआ की सुलू को ज़ोरों का ओर्गाझम हो गया. अपने हाथ पाँव से वो मुझ से लिपट गयी कुले से झटके देने लगी चूत से लंड नीचोड़ ने लगी उस का सारा बदन तीस सेकंड के लिए अकड गया, उस के रोएँ खड़े हो गये आँखें मिंच गयी और मुँह से लार निकल पड़ी. वो बेहोश सी हो गयी ओर्गाझम का आफ़्तर शोक दो मिनिट तक चला.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.