13-05-2022, 11:38 AM
अनजाने में मुझ से ज़रा ज़ोर से स्तन दब गया. सुलू के मुँह से आह निकल पड़ी. मैने स्तन छोड़ दिया. पूर्वी सब देख रही थी . वो बोली : भैया, ज़रा धीरे से दबाना, अभी कच्चे हें.
मैं : इतने बड़े और कच्चे ? मौसी, तेरे स्तन कच्चे है क्या ?
जवाब में उस ने मेरा हाथ पकड़ कर फिर स्तन पर रख दिया. मैने ने फिर स्तन सहलाए, दबोचे और मसल डाले.
इधर मेरे हाथ चुचियाँ मसल रहे थे और मुँह उस के होठ चुस रहा था, उधर उस ने मेरा खड़ा हुआ लंड पकड़ लिया. पूर्वी के हाथ भी अपनी पेंटी में घुसे हुए थे और उस के मुँह से सी..सी.. आवाज़ निकल रही थी. उस का चहेरा भी गुलाबी हो गया था. मैं ने उसे पास बुला लिया. वो आ कर मेरे पीछे बैठ गयी और मुज़ से चिपक गयी उस के छोटे छोटे कड़े स्तन मेरी पीठ से दब गये
मौसी लंड सहला रही थी. तन कर मेरा लंड पूरा सात इंच लंबा और लोहे जैसा कड़ा हो गया था. सुलू ने डोरी खोल कर पाजामा नीचे उतार दिया लेकिन निकर में से लंड बाहर निकाल ना सकी. तब मैने ही निकर उतारी. जैसा लंड आझाद हुआ मौसी ने तुरंत हथेली में थाम लिया. देख कर पीछे से पूर्वी बोली : भैया, इतना बड़ा आप का लंड ? मुझे डर लग ता है
मैं : तू देखती रहेना, मौसी की चूत आराम से ये लंड ले सकेगी. है ना मौसी ?
बोले बिना सुलू मेरी गोद से सरक कर ज़मीन पर आ बैठी. में सोफ़ा पर बैठा रहा. पूर्वी मेरे पीछे बैठी थी. सुलू ने मुट्ठि में लंड पकड़ा हुआ था.
मैं : इतने बड़े और कच्चे ? मौसी, तेरे स्तन कच्चे है क्या ?
जवाब में उस ने मेरा हाथ पकड़ कर फिर स्तन पर रख दिया. मैने ने फिर स्तन सहलाए, दबोचे और मसल डाले.
इधर मेरे हाथ चुचियाँ मसल रहे थे और मुँह उस के होठ चुस रहा था, उधर उस ने मेरा खड़ा हुआ लंड पकड़ लिया. पूर्वी के हाथ भी अपनी पेंटी में घुसे हुए थे और उस के मुँह से सी..सी.. आवाज़ निकल रही थी. उस का चहेरा भी गुलाबी हो गया था. मैं ने उसे पास बुला लिया. वो आ कर मेरे पीछे बैठ गयी और मुज़ से चिपक गयी उस के छोटे छोटे कड़े स्तन मेरी पीठ से दब गये
मौसी लंड सहला रही थी. तन कर मेरा लंड पूरा सात इंच लंबा और लोहे जैसा कड़ा हो गया था. सुलू ने डोरी खोल कर पाजामा नीचे उतार दिया लेकिन निकर में से लंड बाहर निकाल ना सकी. तब मैने ही निकर उतारी. जैसा लंड आझाद हुआ मौसी ने तुरंत हथेली में थाम लिया. देख कर पीछे से पूर्वी बोली : भैया, इतना बड़ा आप का लंड ? मुझे डर लग ता है
मैं : तू देखती रहेना, मौसी की चूत आराम से ये लंड ले सकेगी. है ना मौसी ?
बोले बिना सुलू मेरी गोद से सरक कर ज़मीन पर आ बैठी. में सोफ़ा पर बैठा रहा. पूर्वी मेरे पीछे बैठी थी. सुलू ने मुट्ठि में लंड पकड़ा हुआ था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.