13-05-2022, 11:32 AM
कालेज से जब पहला वेकेशन मिला तब मैं घर आया. उस वक़्त हमारे घर कुछ मेहमान भी आए हुए थे: माताज़ी की चाची साकार बा, उन की लड़की सुलोचना और उन की बड़ी बहन शांता बा. माताज़ी के चाचा मेरे नाना से 15 साल छोटे थे और साकार बा उन की तीसरी पत्नी थी इसी लिए वो माताज़ी से उमर में छोटी थी. सुलू मौसी उन की सब से छोटी लड़की होने से पूर्वी के बराबर थी, 17 साल की. चाचा कई साल से मर चुके थे लेकिन साकार बा इंदौर के नज़दीक एक छोटे शहर में अच्छा सा बिझनेस चलाती थी और काफ़ी पैसेदार थी.
सुलू मौसी को मैं ने बचपन से देखा था लेकिन जवान सुलू की बात ही और थी. पाँच फ़ीट चार इंच लंबा पतला और गोरा बदन, हेमा मालिनी जैसा चहेरा और काले काले लंबे बाल थे उस के. सीने पर गोल गोल स्तन थे जो इतने बड़े नहीं थे लेकिन छुप भी नहीं सकते थे. वो जब चलती थी तब स्तन और चौड़े नितंब थीरक जाते थे. किसी नामर्द का लंड भी खड़ा कर दे ऐसा उस का हौसला था. मैने तो पहले ही दिन बाथरूम में जा कर उस के नाम हस्त मैथुन कर लिया था और उसे चोद ने का निर्धार कर लिया था.
सुलू मौसी और पूर्वी हिल मिल गयी थी और सारा दिन खुसड़ पुसड़ बातें किया करती थी. एक बार सुलू मुज़े गौर से देख रही थी की में ने उसे पकड़ लिया. नज़र चुरा के वो मुस्कुरा ने लगी फिर जब हमारी नज़रें मिली तो वो शर्मा गयी मेरे दिल में आशा जगी की कभी ना कभी ये डाल गल ने वाली है एक बार सीने से दुपट्टा गिरा के नीचे ज़ुक कर उस ने मुझे अपने स्तनों की झाँखी करवाई. में ने पेंट के अंदर खड़ा हुआ मेरा लंड दिखाया. बनावती ग़ुस्सा किए उस ने मुँह फेर लिया. उस के होठों पर की मुस्कान मुझ से छुप ना सकी.
एक दिन मौक़ा देख कर में ने पूर्वी को पकड़ा और पूछा :तुम दोनो आपस में क्या खुस पूस बातें करती रहती हो ?
मुँह पर उंगली रख के चुप रहने का इशारा कर ते हुए पूर्वी बोली : भैया, आप सुनेंगे तो ताज्जुब रह जाओगे, ग़ुस्से ना हो तो.
मैं : ऐसी भी क्या बात है ?
पूर्वी : वो की बात करती है
मैं : वो क्या? साफ़ साफ़ बता वरना मैं माताज़ी से बोल दूँगा.
पूर्वी : ना, ना भैया, ऐसा मत करना, पिताजी ऐसी बातें सुन पाएँगे तो मुझे मार डालेंगे.
मैं : ऐसा तू ने क्या किया है जो इतना डरती हो ?
पूर्वी : कसम खाई ये मेरे सर पे हाथ रख के, किसी से नहीं बोलेंगे आप.
में ने कसम खाई.
वो बोली : भैया, सारा दिन वो चु ----- चु ------. पूर्वी आगे बोल ना सकी, शर्म से उस का चहेरा लाल लाल हो गया.
मैने कहा : ------ चुदाई की बातें करती है ?
पूर्वी : हाँ हाँ, बस ये ही.
मैं : इस में डर ने की क्या बात है ? तू तो जानती है की चुदाई क्या है और कैसे की जाती है और दूसरे, तू अक्सर अपनी उंगलियों से भोस के साथ खिलवाड़ करती हो ये में जानता हूँ है ना ?
पूर्वी ने अपना चहेरा ढक दिया और बोली : आप भी क्या भैया ? वैसे मैं भी जानती हूँ की आप स्नान के वक़्त आप के ---- के ---- वो जो है ना आप का ? ------ जो लंबा और मोटा हो जाता है ----- ?
मैं : बस कर, मैं समझ गया. क्या कहती है सुलू मौसी ?
पूर्वी : कहती है की उसे हमेशा चु ------ वो करवाने को दिल बना रहता है हमेशा उस की ------ की ---- जो दो पाँव के बीच है ना वो गीली गीली रहती है और उस की पेंटी बिगड़ी रहती है कभी कभी वो रबड़ का बनाया ल ----- छी , छी मैं नहीं बोल सकती.
मैं : ---- रबड़ का लंड इस्तेमाल करती है ये ना ? इस को डिलडो कहतें हें.
पूर्वी : भैया ! आप ने देखा है ये डी ----- डिलडो ?
मैं : मुझे क्या ज़रूरत डिलडो देख ने की ? मेरे पास तो इन से अच्छा असली है तू ने देख भी लिया है है ना ?
सुलू मौसी को मैं ने बचपन से देखा था लेकिन जवान सुलू की बात ही और थी. पाँच फ़ीट चार इंच लंबा पतला और गोरा बदन, हेमा मालिनी जैसा चहेरा और काले काले लंबे बाल थे उस के. सीने पर गोल गोल स्तन थे जो इतने बड़े नहीं थे लेकिन छुप भी नहीं सकते थे. वो जब चलती थी तब स्तन और चौड़े नितंब थीरक जाते थे. किसी नामर्द का लंड भी खड़ा कर दे ऐसा उस का हौसला था. मैने तो पहले ही दिन बाथरूम में जा कर उस के नाम हस्त मैथुन कर लिया था और उसे चोद ने का निर्धार कर लिया था.
सुलू मौसी और पूर्वी हिल मिल गयी थी और सारा दिन खुसड़ पुसड़ बातें किया करती थी. एक बार सुलू मुज़े गौर से देख रही थी की में ने उसे पकड़ लिया. नज़र चुरा के वो मुस्कुरा ने लगी फिर जब हमारी नज़रें मिली तो वो शर्मा गयी मेरे दिल में आशा जगी की कभी ना कभी ये डाल गल ने वाली है एक बार सीने से दुपट्टा गिरा के नीचे ज़ुक कर उस ने मुझे अपने स्तनों की झाँखी करवाई. में ने पेंट के अंदर खड़ा हुआ मेरा लंड दिखाया. बनावती ग़ुस्सा किए उस ने मुँह फेर लिया. उस के होठों पर की मुस्कान मुझ से छुप ना सकी.
एक दिन मौक़ा देख कर में ने पूर्वी को पकड़ा और पूछा :तुम दोनो आपस में क्या खुस पूस बातें करती रहती हो ?
मुँह पर उंगली रख के चुप रहने का इशारा कर ते हुए पूर्वी बोली : भैया, आप सुनेंगे तो ताज्जुब रह जाओगे, ग़ुस्से ना हो तो.
मैं : ऐसी भी क्या बात है ?
पूर्वी : वो की बात करती है
मैं : वो क्या? साफ़ साफ़ बता वरना मैं माताज़ी से बोल दूँगा.
पूर्वी : ना, ना भैया, ऐसा मत करना, पिताजी ऐसी बातें सुन पाएँगे तो मुझे मार डालेंगे.
मैं : ऐसा तू ने क्या किया है जो इतना डरती हो ?
पूर्वी : कसम खाई ये मेरे सर पे हाथ रख के, किसी से नहीं बोलेंगे आप.
में ने कसम खाई.
वो बोली : भैया, सारा दिन वो चु ----- चु ------. पूर्वी आगे बोल ना सकी, शर्म से उस का चहेरा लाल लाल हो गया.
मैने कहा : ------ चुदाई की बातें करती है ?
पूर्वी : हाँ हाँ, बस ये ही.
मैं : इस में डर ने की क्या बात है ? तू तो जानती है की चुदाई क्या है और कैसे की जाती है और दूसरे, तू अक्सर अपनी उंगलियों से भोस के साथ खिलवाड़ करती हो ये में जानता हूँ है ना ?
पूर्वी ने अपना चहेरा ढक दिया और बोली : आप भी क्या भैया ? वैसे मैं भी जानती हूँ की आप स्नान के वक़्त आप के ---- के ---- वो जो है ना आप का ? ------ जो लंबा और मोटा हो जाता है ----- ?
मैं : बस कर, मैं समझ गया. क्या कहती है सुलू मौसी ?
पूर्वी : कहती है की उसे हमेशा चु ------ वो करवाने को दिल बना रहता है हमेशा उस की ------ की ---- जो दो पाँव के बीच है ना वो गीली गीली रहती है और उस की पेंटी बिगड़ी रहती है कभी कभी वो रबड़ का बनाया ल ----- छी , छी मैं नहीं बोल सकती.
मैं : ---- रबड़ का लंड इस्तेमाल करती है ये ना ? इस को डिलडो कहतें हें.
पूर्वी : भैया ! आप ने देखा है ये डी ----- डिलडो ?
मैं : मुझे क्या ज़रूरत डिलडो देख ने की ? मेरे पास तो इन से अच्छा असली है तू ने देख भी लिया है है ना ?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.