12-05-2022, 05:13 PM
उसके बाद मेरा हसबैंड और जोश में आ गया और गहराई से मुझे ठोकने लगा। ठक ठक की मीठी आवाज मेरी चूत चुदने से आ रही थी। पति मुझे ताबड़तोड़ पेल रहा था। मेरी कमर और गाड़ अपने आप उठ रही थी और उपर की तरह हवा में उठ रही थी। फिर पति कुछ मिनट बाद मेरी चूत में ही आउट हो गया। उसने अपना माल मेरे भोसड़े में ही गिरा दिया। मैं लिपट गयी और उससे प्यार करने लगी। मैं खुद उसके होठ चूसने लगी। उस दिन मेरे पति से शाम ५ बजे तक घर की छत पर भीगते भीगते ही मेरी चूत में लौड़ा दिया और ५ बार मुझे बजाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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