12-05-2022, 05:13 PM
कुछ देर बाद उनका लंड मेरी चूत की गहराई में जाकर उसे अच्छी तरह से कूट रहा था। मैं अपने प्यारे पति से चुद रही थी पर उससे नजरें नही मिला पा रही थी। मैंने शर्म और ह्या से अपनी आँखें बंद कर ली थी। आज तक बारिश में मैंने कभी लंड नही खाया था इसलिए। पति मुझे ढचाक ढचाक चोद रहे थे। मेरी चूत की मोटी मोटी फांके पति के मोटे लंड के दबाव से किनारे हो गयी थी और मैं मजे से चुदवा रही थी। पति ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया था और मेरी चिकनी मांसल सेक्सी पीठ को अपने हाथो से वो सहला रहे थे और मुझे ढाचाक ढाचाक चोद रहा था। फिर पति ने मुझे पेलते पेलते ही मेरे मुँह पर अपना मुँह रख दिया और मेरे होठ पीते पीते मुझे पेलने लगा। उनके हाथ मेरी नंगी छातियों पर सवार थे। हम दोनों झमाझम बरसात में भीग रहे थे। आज उन्होंने मुझे अपने वश में कर लिया था। उन्होंने मुझे पूरी तरह से सम्मोहित कर लिया था और मजे से पेल रहे थे। मुझे ठोंकते ठोकते आधे घंटे पुरे हो गये थे। वोअभी तक आउट नही हुए थे। मेरा पति मेरे दूध को मुँह में भरके पी रहा था और नीचे से मुझे चोद रहा था। उसका पेट मेरे पेट से लड़ रहा था और चट चट की मधुर आवाज आ रही थी जो बता रही थी की मैं एक असली मर्द से चुद रही हूँ। पति मुझसे जी भर के योनी मैथुन कर रहे थे। उनका लंड मेरी चूत में पूरा अंदर गहराई तक उतर उतर चूका था और बड़े आराम से अंदर बाहर जा रहा था। मुझे चुदवाते वक़्त किसी तरह की कोई दिक्कत नही हो रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.