12-05-2022, 05:11 PM
हाँ दोस्तों आज मुझ पर भी ठुकाई का नशा पूरी तरह से चढ़ रही थी। मेरे जिस्म पर सिर्फ और सिर्फ मंगल सूत्र, हाथ में चूड़िया और पैर में पायल थी। मैंने पति के मूसल जैसे लौड़े को कस कसके चूस रही थी। मैं किसी छिनाल, रंडी की तरह जल्दी जल्दी अपना सिर हिला रही थी और पति का लौड़ा चूस रही थी। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। आज पति के लौड़े का सुपाडा तो बहुत बड़ा और गुलाबी लग रहा था। मैं मेहनत से उनका लौड़ा चूस रही थी। फिर पति ने मेरे पेट के नीचे हाथ डाल दिया जो सीधा मेरी चूत पर चला गया। अब मेरे पतिदेव मेरी गीली बुर को अपनी उँगलियों से सहलाने लगा। मैं उनके लौड़े से मंजन करने लगी। मैंने पति की गोलियों में मुंह में भर लिया और चूसने लगी। “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” वो सिसकने लगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.