12-05-2022, 05:09 PM
पति ने मुझे जमीन पर लिटा लिया और धीरे धीरे मेरा ब्लाउस खोलने लगे। मेरा ब्लाउस भीगकर मेरे दूध में चिपक गया था। पर कुछ देर में मेरे चुदासे पति ने मेरा ब्लाउस खोल दिया और साड़ी निकाल दी। फिर मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। फिर वो खुद भी नंगे हो गये और मेरे ३८” के बड़े बड़े भीगे और पानी में तर दूध वो पीने लगे। दोस्तों, मेरे होठ बहुत सुंदर थे। बिलकुल किसी ताजे गुलाब की पंखुड़ियों की तरह मेरे होठ थे। पति प्यार करने लगे और उनको चुदाई का जूनून चढ़ गया था। उनकी उँगलियाँ मेरे होठ पर थी और उसे छू रही थी। फिर वो मेरे लबो पर अपने लब रखकर मेरे होठ मजे से पीने लगा। आज मैं घर की छत पर कसकर चुदने वाली थी। हम दोनों धीरे धीरे जोश में आ रहे थे। बड़ी देर तक हमारा गरमा गर्म चुम्बन चला। मैंने अपनी जीभ निकालकर पति के मुंह में डाल दी। वो मेरी जीभ चूसने लगे।
हम दोनों बरसात में पूरी तरह से भीग गये थे। मुझे एक विशेष प्रकार का सुख मिलने लगा, चुदाई का नशा धीरे धीरे चढ़ता जा रहा था। फिर पति ने ही अपनी लम्बी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। मैं चुदासी और मदमस्त हो गयी। उफ्फ्फफ्फ्फ़….ये मुझे क्या हो रहा है। इससे पहले मैंने पति के होठो पर कई बार किस किया था पर कभी इतना मजा नही आया था। पर आज तो मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे के होठ और जीभ चूसते रहे। पति मेरे हुस्न को देखकर पागल हो गये थे।
हम दोनों बरसात में पूरी तरह से भीग गये थे। मुझे एक विशेष प्रकार का सुख मिलने लगा, चुदाई का नशा धीरे धीरे चढ़ता जा रहा था। फिर पति ने ही अपनी लम्बी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। मैं चुदासी और मदमस्त हो गयी। उफ्फ्फफ्फ्फ़….ये मुझे क्या हो रहा है। इससे पहले मैंने पति के होठो पर कई बार किस किया था पर कभी इतना मजा नही आया था। पर आज तो मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे के होठ और जीभ चूसते रहे। पति मेरे हुस्न को देखकर पागल हो गये थे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.