12-05-2022, 05:08 PM
“….नही!” मैंने कहा
“चलो यार…आज बारिश में तुम्हारी रसीली चूत मारता है। प्लीस चलो ना” पति बोले और जबर्दस्ती मेरा हाथ पकड़कर मुझे छत पर ले आये। हमारे घर की छत पर मौसम बड़ा ही सुहावना था। गर्मी बिलकुल नही थी क्यूंकि चारो तरह ठंडा ठंडा पानी बरस रहा था। हम मियां बीबी छत पर टहलते रहे और कुछ ही देर में पूरी तरह से भीग गये। पानी तेज बरस रहा था। मेरी साड़ी भीग गयी और मेरा पूरा जिस्म गीला होकर भीग गया। मेरे ३८” के मम्मे भी पूरी तरह से भीग गये थे। और मेरी साड़ी के उपर से दिख रहे थे। मेरा गोरा जिस्म पूरी तरह से पानी में गिला हो चुका था और मैं बहुत सेक्सी माल लग रही थी, इकदम चोदने खाने वाली माल मैं लग रही थी।
“चलो यार…आज बारिश में तुम्हारी रसीली चूत मारता है। प्लीस चलो ना” पति बोले और जबर्दस्ती मेरा हाथ पकड़कर मुझे छत पर ले आये। हमारे घर की छत पर मौसम बड़ा ही सुहावना था। गर्मी बिलकुल नही थी क्यूंकि चारो तरह ठंडा ठंडा पानी बरस रहा था। हम मियां बीबी छत पर टहलते रहे और कुछ ही देर में पूरी तरह से भीग गये। पानी तेज बरस रहा था। मेरी साड़ी भीग गयी और मेरा पूरा जिस्म गीला होकर भीग गया। मेरे ३८” के मम्मे भी पूरी तरह से भीग गये थे। और मेरी साड़ी के उपर से दिख रहे थे। मेरा गोरा जिस्म पूरी तरह से पानी में गिला हो चुका था और मैं बहुत सेक्सी माल लग रही थी, इकदम चोदने खाने वाली माल मैं लग रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.