12-05-2022, 05:07 PM
“माँ जी….आपके बेटे ने सारी रात मेरी चूत ली है। मेरे भोसड़े में बहुत दर्द हो रहा था। इन्होने मुझे रात में १ मिनट के लिए भी सोने नही दिया। बस पका पक पेलते रहे!!” मैंने अपनी सास से कहा। वो शर्मा गयी।
“बेटे लकी [मेरे पति का नाम] इस तरह अंधाधुंध ठुकाई मत किया कर। देख बहू की चूत में कितना दर्द हो रहा है। बेचारी चल भी नही पा रही है। बेटा ध्यान से उसकी पेलाई किया कर” मेरी सास ने अपने लड़के को समझाया। धीरे धीरे हमारा दाम्पत्य जीवन मजे से गुजरने लगा। अब मेरे पति मुझे नई नई स्टाइल से चोदते थे। कभी मिशनरी में, कभी कमर पे लंड पर बिठाकर, कभी सोफे में, कभी गोद में, कभी मेज पर बिठाकर और लिटाकर पेलते थे। इसके अलावा वो मुझे कुतिया बनाकर भी चोदते खाते थे और मेरी गांड १ दिन छोड़कर मार लेते थे। मेरी जिन्दगी मजे से कट रही थी। कभी कभी तो सेक्स और चुदाई की अति हो जाती है। कितनी बार पति ने मेरी चूत को बेरहमी से चोद चोदकर खून निकाल दिया था। मुझे दर्द होता था। मैंने मना करती थी पर पतिदेव का लौड़ा था की बिजली का खम्बा। आउट होने का नाम ही नही लेता था।जब मैं पति को चूत नही देती थी तो वो मुठ मार लेते थे। कुछ दिनों बाद बरसात का मौसम आ गया था। उस दिन जुलाई महीने की ३ तारिक थी। आसमान से पानी झमाझम बरस रहा था।
“डार्लिंग…..कभी तुमने बारिश में चुदाई की है???” पति बोले
“बेटे लकी [मेरे पति का नाम] इस तरह अंधाधुंध ठुकाई मत किया कर। देख बहू की चूत में कितना दर्द हो रहा है। बेचारी चल भी नही पा रही है। बेटा ध्यान से उसकी पेलाई किया कर” मेरी सास ने अपने लड़के को समझाया। धीरे धीरे हमारा दाम्पत्य जीवन मजे से गुजरने लगा। अब मेरे पति मुझे नई नई स्टाइल से चोदते थे। कभी मिशनरी में, कभी कमर पे लंड पर बिठाकर, कभी सोफे में, कभी गोद में, कभी मेज पर बिठाकर और लिटाकर पेलते थे। इसके अलावा वो मुझे कुतिया बनाकर भी चोदते खाते थे और मेरी गांड १ दिन छोड़कर मार लेते थे। मेरी जिन्दगी मजे से कट रही थी। कभी कभी तो सेक्स और चुदाई की अति हो जाती है। कितनी बार पति ने मेरी चूत को बेरहमी से चोद चोदकर खून निकाल दिया था। मुझे दर्द होता था। मैंने मना करती थी पर पतिदेव का लौड़ा था की बिजली का खम्बा। आउट होने का नाम ही नही लेता था।जब मैं पति को चूत नही देती थी तो वो मुठ मार लेते थे। कुछ दिनों बाद बरसात का मौसम आ गया था। उस दिन जुलाई महीने की ३ तारिक थी। आसमान से पानी झमाझम बरस रहा था।
“डार्लिंग…..कभी तुमने बारिश में चुदाई की है???” पति बोले
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.