Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica बरसात के एक दिन पति ने मुझे
#4
“अरी  डार्लिंग …आज हमारी सुहागरात है। आज हमे सोना नही चाहिए। सिर्फ और सिर्फ चुदाई करना चाहिए” पतिदेव बोले और मेरी दोनों टांगो को उन्होंने फिर से खोल दिया और मेरी चूत में लंड सटाकर मुझे ठोकने लगे। बाप रे…ऐसा चोदू आदमी मैंने पहली बार देखा था। यहाँ मेरा भोसडा फटा जा रहा था और पति थे की आउट होने का नाम ही नही ले रहे थे। दोस्तों पता नही कितना स्टैमिना था उनका। वो मुझे पका पक बजाते ही चले गये और मेरी चिकनी चूत का बुरा हाल हो गया था। मैं “……हाईईईईई…. उउउहह….आआअहह” करके चिल्ला रही थी। पति मेरी चूत को अपने मोटे १०” लौड़े से कूट रहे थे। मेरी तो जान ही निकल रही थी। दोस्तों दूसरे राउंड में पति ने मुझे सुबह ४ बजे तक चोदा और मेरी चूत घिसी, तब जाकर वो आउट हुआ। सुबह मैं किसी बतख की तरह टांग फैला फैलाकर चल रही थी।

“अरी …बहू! इस तरह लंगडाकर क्यों चल रही है!!” मेरी सास ने पूछा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बरसात के एक दिन पति ने मुझे - by neerathemall - 12-05-2022, 05:07 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)