12-05-2022, 04:34 PM
(This post was last modified: 12-05-2022, 04:51 PM by neerathemall. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
मेरा नाम अमन है ,मैं कानपूर का रहने वाला हूँ। मेरे घर में ,मैं मामी, पापा ,बुआ और मेरी छोटी बहन रहती है । मेरी बुआ अभी बहुत जवान है। उनकी चूची एकदम सुडौल टाइट और रसीली लगती है । मैं तो उनका दीवना हूँ । मेरी एक तमना थी की उनको एक बार चोदू। मेरी उम्र लगभग 21 वर्ष होगी।
कपडे उतरने के बाद बुआ ने धीरे से अपना ब्रा खोल दिया। ब्रा खोलने के बाद बुआ क्या लग रही थी। उनके गोल गोल ,रसीले, सुडोल मम्मे कितने गजब के लग रहें थे। मै ये सब चुपके से देख रहा था। बुआ ने शावल खोला पानी की धारा उनके ऊपर गिरने लगी अब तो बुआ की चूची और भी मस्त लग रही थी भीगने के बाद। उनके मम्मो से पानी चू रहा था और बुआ अपने मम्मो को मसल रही थी। क्या नजारा था उस दिन का। थोड़ी देर बाद बुआ ने अपने पैंटी को भी उतार दिया। पैंटी को उतरने के बाद बुआ जी ने अपने उगुलियों से अपने चूत में सहलाने लगी। ये सब देख कर मेरा तो पारा बढ़ रहा था, मन तो कर रहा था कि आज और अभी भुआ जी को चोद डालू। कुछ देर नहाने के बाद बुआ ने साबुन को अपने शरीर पर लगाने लगी। जब वो साबुन को अपने मम्मो पर लगा रही थी, तो वो एक हाथ से अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी। मुझे पता चल गया कि बुआ भी बहुत जोशीली है। बुआ बहुत देर तक नहाती रही और मै ये सब एक महीन छेद से चुपके से देख रहा था। जब बुआ नहा के कपडे पहनने लगी तो मैं जल्दी से वहां से चला आया।
गामियो की छुट्टी चल रही थी। मामी और मेरी छोटी बहन को नानी के घर घूमने जाना था। इसलिए मामी और मेरी छोटी बहन नानी के घर घूमे चले गए। अब घर में केवल मैं, पापा और बुआ बची थी। पापा रोज सुबह नास्ता करके ड्यूटी पर चले जाते थे। अब घर में केवल मैं और बुआ बचते। मैं तो उन्हें तब से चोदना चाहता हूँ जब मैं 15 साल का था । लेकिन मैं उनको कैसे चोदता मैं ये समझ नही पा रहा था। मामी को नानी के घर गए हुए दो दिन हो गया था। अभी तक बुआ को कुछ नही कर पाया था।
तीसरे दिन की सुबह हुई । पापा हर रोज की तरह उस दिन ही ड्यूटी पर चले गए। बुआ जी ने पहले खाना बनाया और उसके बाद बुआ नहाने के लिए चली गई। मैंने बाथरूम के दरवाजे में बहुत दिन पहले एक महीन छेद बना दिया था, लेकिन घर में सब लोग रहते थे तो मै उनको नहाते वक्त नही देख पाता था। लेकिन उस मुझको मौका मिल गया था बुआ को नहाते हुए देखने को। बुआ जैसे ही बाथरूम के अंदर गई और अपने कपडे उतारने लगी, मैं चुपके से दरवाजे के पास गया और छेद से उनको नहाते हुए देखने लगा। मैंने देखा कि बुआ ने पहले अपनी मेक्सी उतारी, मेक्सी उयारते ही उनकी गोरी गोरी बदन दिखने लगी। मेरा लंड तो अभी से खड़ा हुआ जा रहा था। मेक्सी के अंदर बुआ ने लाल रंग की ब्रा पहनी थी, और नीचे सलवार को उतरने के लिए अपना नारा खोल रही थी। मै अपने लंड को दबाये हुए ये सब देख रहा था। जैसे ही बुआ ने अपना सलवार उतारा उनकी काली रंग की पैंटी दिखने लगी। मै तो बेकाबू हो रहा था, मै अपने लंड को रोक नही पा रहा था।
कपडे उतरने के बाद बुआ ने धीरे से अपना ब्रा खोल दिया। ब्रा खोलने के बाद बुआ क्या लग रही थी। उनके गोल गोल ,रसीले, सुडोल मम्मे कितने गजब के लग रहें थे। मै ये सब चुपके से देख रहा था। बुआ ने शावल खोला पानी की धारा उनके ऊपर गिरने लगी अब तो बुआ की चूची और भी मस्त लग रही थी भीगने के बाद। उनके मम्मो से पानी चू रहा था और बुआ अपने मम्मो को मसल रही थी। क्या नजारा था उस दिन का। थोड़ी देर बाद बुआ ने अपने पैंटी को भी उतार दिया। पैंटी को उतरने के बाद बुआ जी ने अपने उगुलियों से अपने चूत में सहलाने लगी। ये सब देख कर मेरा तो पारा बढ़ रहा था, मन तो कर रहा था कि आज और अभी भुआ जी को चोद डालू। कुछ देर नहाने के बाद बुआ ने साबुन को अपने शरीर पर लगाने लगी। जब वो साबुन को अपने मम्मो पर लगा रही थी, तो वो एक हाथ से अपनी चूत में उंगली भी कर रही थी। मुझे पता चल गया कि बुआ भी बहुत जोशीली है। बुआ बहुत देर तक नहाती रही और मै ये सब एक महीन छेद से चुपके से देख रहा था। जब बुआ नहा के कपडे पहनने लगी तो मैं जल्दी से वहां से चला आया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.