22-05-2019, 11:43 AM
प्रणव की मम्मी – आन्ह… अब गाण्ड से निकाल कर, चूत में डालिए ना…
अंकल उठे और मम्मी को पलट के उनके ऊपर लेट गये.
मैं समझ गया, उनका लण्ड मेरी मम्मी की चूत में था.
प्रणव की मम्मी – अब ऐसे ही लेटे रहिए और आगे बताइए…
अंकल – मम्मी, मेरे पास आ कर बैठ गईं और मेरा लण्ड देखते हुए बोलीं – “अब तक बिचारा सोया ही नहीं या अभी अभी उठा है…” अब तक मेरा डर कुछ कम हो गया था तो मैं बोला – अभी सोया ही नहीं… मम्मी बोलीं – “चल कोई बात नहीं, मैं इसे आराम करना सीखा दूँगी… तो कहाँ थे हम…” मैं – वो.. वो.. आप बता रही थीं की इससे प्यार से सहलाना चाहिए… मम्मी बोलीं – “हाँ, किसी लड़की के बार में सोचते हुए… जो बहुत खूबसूरत हो… चल इस बार, अपने आप इसे धीरे धीरे सहलाना चालू कर और उसके बारे में सोच जिसे तू नंगा देखना चाहता है… बता किसे नंगा देखना चाहता है…” मैं जानता था की मम्मी, पिछली बार सुन चुकीं थीं की मैंने उनका नाम लिया था पर वो मुझसे फिर से पूछ रही थीं…
मैंने कहा – मम्मी, मैं ऐसी किसी लड़की को जानता ही नहीं… आप ही ने तो मुझे बॉयज़ होस्टेल में रखा… सच तो ये है, मैंने आपके सिवा किसी और खूबसूरत लड़की को देखा ही नहीं… ये कुछ हद तक सही भी था… उस वक़्त, मुझे अपनी मम्मी ही सबसे ज़्यादा कामुक और खूबसूरत लगती थीं… वो बहुत गोरी और चिकनी थीं, तेरी तरह एकदम… उनके दूध बड़े बड़े थे और उनके चलने पर जब उनकी गाण्ड मटकती थी, शायद उसी से मेरे लण्ड ने खड़ा होना सीखा था…
प्रणव की मम्मी – उफ़… कितनी बड़ी थी, उनकी गाण्ड… बताइए ना…
अंकल – बिल्कुल तेरे जैसी… दूध तेरे से थोड़े बड़े थे…
प्रणव की मम्मी – उन्मह… आह…
अब अंकल थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगे थे पर मम्मी ने उन्हें रोका और बोला – नहीं… चोदिये मत… बस, ऐसे डाल के लेटे रहिए और ऐसे ही बात कीजिए…
अंकल – हाँ महक… मुझे भी ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है… तेरी चूत ने आज मेरे लण्ड को भींच लिया है और तेरा पानी लगातार मेरे लण्ड पर बह रहा है, जानू…
प्रणव की मम्मी – आपका लण्ड भी आज मुझे, रोज़ से मोटा महसूस हो रहा है… अब बताइए ना आगे…
अंकल – मम्मी अब हँसने लगीं और बोलीं – “वाह बेटा!! तो तू अपनी मां को ही नंगा देखना चाहता है…” मैंने आँखें नीची कर लीं पर फिर मम्मी मेरा चेहरा ऊपर करते हुए बोलीं – “अरे मेरे बच्चे… कोई बात नहीं… हक़ीक़त में लगभग सभी लड़के पहली फैंटेसी अपने घर की किसी औरत की करते हैं… मां, बड़ी बहन, चाची, ताई या ऐसा ही कुछ… ऐसा होना प्राकृतिक है क्यूंकी पहली भावना, ऐसी ही किसी औरत के लिए आती जिसे लड़के रोज़ देखते हैं… इसमें तेरा कोई दोष नहीं… लगभग हर लड़के का पहला वीर्य जो परिवार में रहता है, वो उसकी परिवार की ही किसी औरत के नाम निकलता है…” मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गया…
प्रणव की मम्मी – उन्म: क्या ये सच है… ?? आ ह म्मह…
अंकल (हंसते हुए) – मेरे हिसाब से तो सच है… तेरा पिल्ला भी तेरे बारे में सोच कर ही, मूठ मारता होगा…
मुझे लगा मम्मी अब कुछ नाराज़ हो जाएँगी और आज की शानदार रात, यहीं ख़तम हो जाएगी.
जो मम्मी ने बोला उसे सुनकर मुझे पूरा यकीन हो गया की वासना से बड़ा नशा कोई नहीं.
प्रणव की मम्मी – सच में… क्या सोचता होगा… उन्म आ आ आ ह ह ह ह ह…
मैंने देखा, दोनों के बदन में फिर से हरकत आ गई थी.
अंकल – ये तो मैं नहीं कह सकता… पर क्या उसने तुझे नंगा देखा होगा…
प्रणव की मम्मी – आ ह माह मेरी उफ़… मुझे मज़ा क्यूँ आ रहा है… इयाः आ आ आ आ…
अंकल – बता ना महक… देखा होगा की नहीं…
मम्मी – आह इयाः आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… मेरे सामने तो नही स स स देखा आ आ आ ह ह ह… पर एक ही घर में रह के कभी ना कभी, उफ्फ… कुछ तो देखा ही होगा…
अंकल – हाँ यार… ये तो हो सकता है… क्या देखा होगा, मम्मे या गाण्ड…
मम्मी – उन्म… ये वाली बात, अगली बार के लिए रखिए ना… अभी बताइए ना, आगे क्या हुआ… आह म्ह आ आ आअ…
अंकल – जैसा मैंने बताया था मैं अब तक नॉर्मल हो गया था… मम्मी बोलीं – “चल अब, बेजिझक मुझे बता मुझे कैसे देखना चाहता है…” मैंने कहा – ब्रा पैंटी में… मम्मी हंस के बोलीं – “बस…” मैंने कहा – हाँ मम्मी, मैंने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा, सिर्फ़ आपको ब्रा पैंटी में ही देखा है…. इसलिए इससे ज़्यादा मैं सोच ही नहीं पाता… मम्मी अब बोली – “ठीक है चल, पहले ब्रा पैंटी में ही सोच… कौन से कलर की ब्रा पैंटी में देखना चाहता है, मुझे… ??” मैंने बताया – लाल… तो मम्मी बोलीं – “सोच, तू मेरा गाउन उतार रहा है और मैं लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी हूँ और अपना लंड हिला…”
मम्मी लगातार, ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थीं.
अंकल उठे और मम्मी को पलट के उनके ऊपर लेट गये.
मैं समझ गया, उनका लण्ड मेरी मम्मी की चूत में था.
प्रणव की मम्मी – अब ऐसे ही लेटे रहिए और आगे बताइए…
अंकल – मम्मी, मेरे पास आ कर बैठ गईं और मेरा लण्ड देखते हुए बोलीं – “अब तक बिचारा सोया ही नहीं या अभी अभी उठा है…” अब तक मेरा डर कुछ कम हो गया था तो मैं बोला – अभी सोया ही नहीं… मम्मी बोलीं – “चल कोई बात नहीं, मैं इसे आराम करना सीखा दूँगी… तो कहाँ थे हम…” मैं – वो.. वो.. आप बता रही थीं की इससे प्यार से सहलाना चाहिए… मम्मी बोलीं – “हाँ, किसी लड़की के बार में सोचते हुए… जो बहुत खूबसूरत हो… चल इस बार, अपने आप इसे धीरे धीरे सहलाना चालू कर और उसके बारे में सोच जिसे तू नंगा देखना चाहता है… बता किसे नंगा देखना चाहता है…” मैं जानता था की मम्मी, पिछली बार सुन चुकीं थीं की मैंने उनका नाम लिया था पर वो मुझसे फिर से पूछ रही थीं…
मैंने कहा – मम्मी, मैं ऐसी किसी लड़की को जानता ही नहीं… आप ही ने तो मुझे बॉयज़ होस्टेल में रखा… सच तो ये है, मैंने आपके सिवा किसी और खूबसूरत लड़की को देखा ही नहीं… ये कुछ हद तक सही भी था… उस वक़्त, मुझे अपनी मम्मी ही सबसे ज़्यादा कामुक और खूबसूरत लगती थीं… वो बहुत गोरी और चिकनी थीं, तेरी तरह एकदम… उनके दूध बड़े बड़े थे और उनके चलने पर जब उनकी गाण्ड मटकती थी, शायद उसी से मेरे लण्ड ने खड़ा होना सीखा था…
प्रणव की मम्मी – उफ़… कितनी बड़ी थी, उनकी गाण्ड… बताइए ना…
अंकल – बिल्कुल तेरे जैसी… दूध तेरे से थोड़े बड़े थे…
प्रणव की मम्मी – उन्मह… आह…
अब अंकल थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगे थे पर मम्मी ने उन्हें रोका और बोला – नहीं… चोदिये मत… बस, ऐसे डाल के लेटे रहिए और ऐसे ही बात कीजिए…
अंकल – हाँ महक… मुझे भी ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है… तेरी चूत ने आज मेरे लण्ड को भींच लिया है और तेरा पानी लगातार मेरे लण्ड पर बह रहा है, जानू…
प्रणव की मम्मी – आपका लण्ड भी आज मुझे, रोज़ से मोटा महसूस हो रहा है… अब बताइए ना आगे…
अंकल – मम्मी अब हँसने लगीं और बोलीं – “वाह बेटा!! तो तू अपनी मां को ही नंगा देखना चाहता है…” मैंने आँखें नीची कर लीं पर फिर मम्मी मेरा चेहरा ऊपर करते हुए बोलीं – “अरे मेरे बच्चे… कोई बात नहीं… हक़ीक़त में लगभग सभी लड़के पहली फैंटेसी अपने घर की किसी औरत की करते हैं… मां, बड़ी बहन, चाची, ताई या ऐसा ही कुछ… ऐसा होना प्राकृतिक है क्यूंकी पहली भावना, ऐसी ही किसी औरत के लिए आती जिसे लड़के रोज़ देखते हैं… इसमें तेरा कोई दोष नहीं… लगभग हर लड़के का पहला वीर्य जो परिवार में रहता है, वो उसकी परिवार की ही किसी औरत के नाम निकलता है…” मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गया…
प्रणव की मम्मी – उन्म: क्या ये सच है… ?? आ ह म्मह…
अंकल (हंसते हुए) – मेरे हिसाब से तो सच है… तेरा पिल्ला भी तेरे बारे में सोच कर ही, मूठ मारता होगा…
मुझे लगा मम्मी अब कुछ नाराज़ हो जाएँगी और आज की शानदार रात, यहीं ख़तम हो जाएगी.
जो मम्मी ने बोला उसे सुनकर मुझे पूरा यकीन हो गया की वासना से बड़ा नशा कोई नहीं.
प्रणव की मम्मी – सच में… क्या सोचता होगा… उन्म आ आ आ ह ह ह ह ह…
मैंने देखा, दोनों के बदन में फिर से हरकत आ गई थी.
अंकल – ये तो मैं नहीं कह सकता… पर क्या उसने तुझे नंगा देखा होगा…
प्रणव की मम्मी – आ ह माह मेरी उफ़… मुझे मज़ा क्यूँ आ रहा है… इयाः आ आ आ आ…
अंकल – बता ना महक… देखा होगा की नहीं…
मम्मी – आह इयाः आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… मेरे सामने तो नही स स स देखा आ आ आ ह ह ह… पर एक ही घर में रह के कभी ना कभी, उफ्फ… कुछ तो देखा ही होगा…
अंकल – हाँ यार… ये तो हो सकता है… क्या देखा होगा, मम्मे या गाण्ड…
मम्मी – उन्म… ये वाली बात, अगली बार के लिए रखिए ना… अभी बताइए ना, आगे क्या हुआ… आह म्ह आ आ आअ…
अंकल – जैसा मैंने बताया था मैं अब तक नॉर्मल हो गया था… मम्मी बोलीं – “चल अब, बेजिझक मुझे बता मुझे कैसे देखना चाहता है…” मैंने कहा – ब्रा पैंटी में… मम्मी हंस के बोलीं – “बस…” मैंने कहा – हाँ मम्मी, मैंने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा, सिर्फ़ आपको ब्रा पैंटी में ही देखा है…. इसलिए इससे ज़्यादा मैं सोच ही नहीं पाता… मम्मी अब बोली – “ठीक है चल, पहले ब्रा पैंटी में ही सोच… कौन से कलर की ब्रा पैंटी में देखना चाहता है, मुझे… ??” मैंने बताया – लाल… तो मम्मी बोलीं – “सोच, तू मेरा गाउन उतार रहा है और मैं लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी हूँ और अपना लंड हिला…”
मम्मी लगातार, ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थीं.