07-05-2022, 10:06 AM
और अब प्राची उसके लंड के साथ-2 उसकी बॉल्स को भी चाट पा रही थी...
और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस दुनिया में ...
अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..
अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई का वक़्त आ गया था..
प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक उसी पोज़ में खड़ी भी रही...
अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..
और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''
प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...
और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..
और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..
दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..
प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''
अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़ देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''
आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..
अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा रही थी..
अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''
अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो गया...बाहर रिया खड़ी थी.
अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''
पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी
रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की आप आ चुके हो ...''
अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..
रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...
रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की ....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''
अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''
अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की उन्हे मनाना आसान नही होगा...
और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..
और बॉल्स को चूसना और चाटना प्राची की स्पेशॅलिटी थी...अजय जानता था की ये काम उससे अच्छा कोई और कर ही नही सकता इस दुनिया में ...
अजय ने आँखे मूंद ली और वो रिया को इमेजिन करने लगा...क्योंकि सुबह से वही उसके दिमाग़ पर कब्जा जमाए हुए थी, इसलिए उसे फिर से अपनी बंद आँखो के पीछे बुलाना मुश्किल नही था...अब माहौल ये था की लंड तो प्राची चूस रही थी उसका, पर वो बंद आँखो से ये महसूस कर रहा था की रिया चूस रही है इस वक़्त वो लंड..
अजय का लंड अब पूरी तरह से तैयार था...उसने अपनी आँखे खोल दी..और उसने प्राची को उपर की तरफ खींचकर नंगी होने का आदेश दिया, यानी चुदाई का वक़्त आ गया था..
प्राची खड़ी हुई और उसने अपनी सलवार निकाल दी...और अँग्रेज़ी फिल्मों की तरह अपनी गांड अजय की तरफ करके अपनी पेंटी भी उतार दी...और नीचे झुकने के बाद वो अपनी गोल मटोल गांड लेकर कुछ देर तक उसी पोज़ में खड़ी भी रही...
अजय उसकी मांसल गांड को देखकर अपने लंड को रगड़ता रहा तब तक..
और बोला : "अब आ भी जा प्राची....कम ऑन ....''
प्राची उसकी तरफ पलटी,पूरी नंगी...
और धीरे-2 चलती हुई उसके करीब आई..
और तभी उनके रंग मे भंग डालते हुए बाहर की डोर बेल ज़ोर-2 से बजने लगी..
दोनो के चेहरे पर गुस्सा आ गया..
प्राची : "उफ़फ्फ़ इस वक़्त कौन आ गया....ईडियट...''
अजय ने फ़ौरन अपने लंड को वापिस पेंट के अंदर ठूसा और प्राची ने भी अपने फेले हुए कपड़े लिए और बाथरूम की तरफ भागी और बोली : "आप प्लीज़ देखो ना कौन है...और हो सके तो बाहर से ही टरका देना,चाहे जो भी हो...''
आख़िर उसकी चूत में भी तो आग लगी हुई थी इस वक़्त..
अजय भी झुंझलाते हुए दरवाजे तक गया, तब तक बेल लगातार बजती ही जा रही थी..
अजय : "अरे आ रहा हू बाबा...रूको एक मिनट ...''
अजय ने दरवाजा खोला तो उसका सारा गुस्सा एक ही पल में गायब हो गया...बाहर रिया खड़ी थी.
अजय : "अरे...रिया तुम.....आओ अंदर आओ...''
पिंक कलर के सूट में वो कमाल की लग रही थी
रिया : "मैने दीदी को बोला था की जैसे ही जीजू आए तो मुझे बता देना...वो तो मैने आपकी कार देख ली बाहर खड़े हुए,तब पता चला मुझे की आप आ चुके हो ...''
अजय ने अपने चेहरे पर फिर से वही नाराज़गी वाले एक्स्प्रेशन लगा दिए..और दरवाजा बंद करके उसकी बात का जवाब दिए बिना ही अंदर आ गया..
रिया समझ गयी की उसके जीजू अभी तक नाराज़ है...
रिया (बड़े ही प्यार भरे स्वर मे) : "जीजू...वो मैं क्या कह रही थी...की ....मुझे माफ़ कर दो प्लीज़...सुबह वाली बात के लिए...''
अजय (नाटक करते हुए) : "कौनसी बात ...मुझे तो कोई बात याद भी नही है...''
अजय ने बड़े सपाट स्वर में उसे देखे बिना ये बोला था, रिया समझ गयी की उन्हे मनाना आसान नही होगा...
और इसी बीच अंदर बाथरूम में नंगी खड़ी हुई प्राची उनकी बातें सुनने की कोशिश कर रही थी...उसे ये तो पता चल गया था की रिया आई है, और उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था उसके इस वक़्त आने का...पर अजय ने उसे बाहर से ही क्यों वापिस नही भेज दिया...इसलिए उसपर भी गुस्सा आ रहा था प्राची को...बाथरूम थोड़ा दूर था इसलिए उनकी बातें नही सुन पा रही थी वो...उसने झक्क मारकर अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए..