22-05-2019, 10:34 AM
Update 5
लोकेश : "यार, तू भी कैसी दकियानुसी बातों को लेकर बैठा है, तू एक बार रश्मि से बात तो करके देख, अपनी बेटी को मनाना उसका काम है, और मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी के सुनहरे भविष्य के लिए वो मान जायेगी और अपनी बेटी को भी मना लेगी ''
और इस तरह से अपने दोस्त कि बात सुनकर समीर ने हिम्मत करके अपने दिल कि बात रश्मि को कह दी
रश्मि के लिए ये बात एक शॉक जैसी ही थी, उसने समीर कि आँखों में अपने लिए लगाव तो देखा था, पर वो लगाव इतना होगा कि वो उसे अपना जीवनसाथी बनाने के लिए कहेगा, उसने सोचा भी नहीं था
पर साथ ही समीर ने ये भी कहा कि काव्या कि रजामंदी के बिना कोई निर्णय मत लेना, और वैसे भी रश्मि ऐसा करना नहीं चाहती थी
वो एक सही मौके कि तलाश करने लगी , जब वो अपनी बेटी को वो सच्चाई बताये जिसके बाद दोनों कि जिंदगी पूरी तरह से बदल जाने वाली थी
और आज अपनी बेटी का साथ पाकर उसने चैन कि सांस ली थी
उसने अपना मोबाइल निकला और वैसे ही नंगी लेटे हुए समीर को फ़ोन मिलाया
समीर : "हेल्लो रश्मि, इस वक़्त कैसे फ़ोन किया , सब ठीक तो है न ''
रश्मि कि समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे बताये
वो मंद मंद मुस्कुराती हुई हूँ हाँ करती रही बस
और फिर आखिर में उसने बोल ही दिया : "मैंने काव्या से बात कि थी आज ''
समीर : "अच्छा, क्या ,,,क्या बोली वो ??"
उसकी धड़कने बड़ गयी
रश्मि : "वो, वो मान गयी और काफी खुश भी थी वो ''
रश्मि कि बात सुनकर समीर ने भी चैन कि सांस ली
उसे अपनी बंद आँखों के पीछे रश्मि अपने घर में दुल्हन के लिबास में नजर आने लगी
उसने जल्द ही शादी कि फॉर्मेलिटी पूरी करने कि बात करते हुए फ़ोन रख दिया, वैसे भी शादी कोर्ट में होनी थी, इसलिए ज्यादा ताम झाम कि जरुरत ही नहीं थी
उसने लोकेश को फ़ोन करके सारे बंदोबस्त करने के लिए कहा
जल्द ही शादी का दिन भी आ गया, रश्मि ने तय कर लिया था कि वो अपने इस घर को कभी बेचेगी नहीं, इसलिए उसने अपने एक कज़न को वो घर रहने के लिए दे दिया, क्योंकि वो कहीं किराये पर रह रहा था, उसने सोचा इस तरह से घर कि देखभाल भी होती रहेगी और उसके कज़न का किराया भी बच जाएगा.
शादी कोर्ट में हुई , पर काव्या तो उस दिन भी ऐसे सजी हुई थी जैसे सच में किसी शादी में आयी हो, उसने लहंगा चोली पहना हुआ था, जिसमे उसका सपाट पेट साफ़ दिख रहा था , वो आज बहुत खुश थी, आज उसकी माँ कि जिंदगी बदलने वाली थी, वो भी अपनी माँ के साथ नए घर में जाने वाली थी.
शादी कि रस्मे ख़त्म होने के बाद सभी घर कि तरफ चल दिए, रास्ते से काव्या ने श्वेता को फ़ोन कर दिया कि वो जल्दी पहुंचे, शाम को दोनों ने एक साथ सजने-सँवरने का प्रोग्राम बनाया था.
समीर ने शाम को अपने आलिशान बंगले में रिसेप्शन पार्टी रखी थी, जिसमे काफी मेहमान आये हुए थे , पुरे घर में चहल पहल थी.
और ऊपर काव्य अपने कमरे में बैठ कर श्वेता से बाते भी कर रही थी..
दोनों ने फेस पेक लगा रखा था.
श्वेता : "यार तेरी तो ऐश हो गयी, इतना सेक्सी रूम है तेरा, सुपर्ब ''
काव्या : " थेंक्स यार , मुझे तो खुद भी विश्वास नहीं हो रहा है कि ये मेरा रूम है, मेरा अपना पर्सनल रूम ''
और वो रूम सच में शानदार था, एल ई डी, बालकनी, अटैच बाथरूम, कंप्यूटर और साथ ही एक बड़ी सी अलमारी जिसमे समीर ने पहले से ही काव्या के लिए हर तरह के कपडे भर दिए थे.
वो बहुत खुश थी..
लोकेश : "यार, तू भी कैसी दकियानुसी बातों को लेकर बैठा है, तू एक बार रश्मि से बात तो करके देख, अपनी बेटी को मनाना उसका काम है, और मुझे विश्वास है कि अपनी बेटी के सुनहरे भविष्य के लिए वो मान जायेगी और अपनी बेटी को भी मना लेगी ''
और इस तरह से अपने दोस्त कि बात सुनकर समीर ने हिम्मत करके अपने दिल कि बात रश्मि को कह दी
रश्मि के लिए ये बात एक शॉक जैसी ही थी, उसने समीर कि आँखों में अपने लिए लगाव तो देखा था, पर वो लगाव इतना होगा कि वो उसे अपना जीवनसाथी बनाने के लिए कहेगा, उसने सोचा भी नहीं था
पर साथ ही समीर ने ये भी कहा कि काव्या कि रजामंदी के बिना कोई निर्णय मत लेना, और वैसे भी रश्मि ऐसा करना नहीं चाहती थी
वो एक सही मौके कि तलाश करने लगी , जब वो अपनी बेटी को वो सच्चाई बताये जिसके बाद दोनों कि जिंदगी पूरी तरह से बदल जाने वाली थी
और आज अपनी बेटी का साथ पाकर उसने चैन कि सांस ली थी
उसने अपना मोबाइल निकला और वैसे ही नंगी लेटे हुए समीर को फ़ोन मिलाया
समीर : "हेल्लो रश्मि, इस वक़्त कैसे फ़ोन किया , सब ठीक तो है न ''
रश्मि कि समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे बताये
वो मंद मंद मुस्कुराती हुई हूँ हाँ करती रही बस
और फिर आखिर में उसने बोल ही दिया : "मैंने काव्या से बात कि थी आज ''
समीर : "अच्छा, क्या ,,,क्या बोली वो ??"
उसकी धड़कने बड़ गयी
रश्मि : "वो, वो मान गयी और काफी खुश भी थी वो ''
रश्मि कि बात सुनकर समीर ने भी चैन कि सांस ली
उसे अपनी बंद आँखों के पीछे रश्मि अपने घर में दुल्हन के लिबास में नजर आने लगी
उसने जल्द ही शादी कि फॉर्मेलिटी पूरी करने कि बात करते हुए फ़ोन रख दिया, वैसे भी शादी कोर्ट में होनी थी, इसलिए ज्यादा ताम झाम कि जरुरत ही नहीं थी
उसने लोकेश को फ़ोन करके सारे बंदोबस्त करने के लिए कहा
जल्द ही शादी का दिन भी आ गया, रश्मि ने तय कर लिया था कि वो अपने इस घर को कभी बेचेगी नहीं, इसलिए उसने अपने एक कज़न को वो घर रहने के लिए दे दिया, क्योंकि वो कहीं किराये पर रह रहा था, उसने सोचा इस तरह से घर कि देखभाल भी होती रहेगी और उसके कज़न का किराया भी बच जाएगा.
शादी कोर्ट में हुई , पर काव्या तो उस दिन भी ऐसे सजी हुई थी जैसे सच में किसी शादी में आयी हो, उसने लहंगा चोली पहना हुआ था, जिसमे उसका सपाट पेट साफ़ दिख रहा था , वो आज बहुत खुश थी, आज उसकी माँ कि जिंदगी बदलने वाली थी, वो भी अपनी माँ के साथ नए घर में जाने वाली थी.
शादी कि रस्मे ख़त्म होने के बाद सभी घर कि तरफ चल दिए, रास्ते से काव्या ने श्वेता को फ़ोन कर दिया कि वो जल्दी पहुंचे, शाम को दोनों ने एक साथ सजने-सँवरने का प्रोग्राम बनाया था.
समीर ने शाम को अपने आलिशान बंगले में रिसेप्शन पार्टी रखी थी, जिसमे काफी मेहमान आये हुए थे , पुरे घर में चहल पहल थी.
और ऊपर काव्य अपने कमरे में बैठ कर श्वेता से बाते भी कर रही थी..
दोनों ने फेस पेक लगा रखा था.
श्वेता : "यार तेरी तो ऐश हो गयी, इतना सेक्सी रूम है तेरा, सुपर्ब ''
काव्या : " थेंक्स यार , मुझे तो खुद भी विश्वास नहीं हो रहा है कि ये मेरा रूम है, मेरा अपना पर्सनल रूम ''
और वो रूम सच में शानदार था, एल ई डी, बालकनी, अटैच बाथरूम, कंप्यूटर और साथ ही एक बड़ी सी अलमारी जिसमे समीर ने पहले से ही काव्या के लिए हर तरह के कपडे भर दिए थे.
वो बहुत खुश थी..