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Gay/Lesb - LGBT मनोज से माया तक का सफर
#89

________________अपडेट :13_______________

कमलाबाई को मजे से गांड मरवाते देख कर ये तो पक्का हो चुका था की गांड मरवाने में भी मजा आता है 
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इससे आगे :-- 
यह तो पक्का था की गांड में लन्ड लेने से भी मजा आता है, लेकिन अभी तो वो मजा कमलाबाई को ही नसीब था,
पापा पूरे जोश से कमलाबाई की गांड में अपना बड़ा सा काला लन्ड अंदर- बाहर कर रहे थे ,
में बाहर अपने हाथ से अपना छोटा सा लन्ड हिला रहा था,
पापा ने अब एक हाथ से कमला की चोटी पकड़ ली और एक हाथ उसकी कमर में डाल के जोरदार तरीके से उसकी गांड मारने लगे थे ,
पूरा बिस्तर हिल रहा था जैसे कोई रेलगाड़ी चल रही ही ,
तभी पापा चिल्लाने लगे कमला मेरा निकलेगा आओ और पापा ने अपना विशाल लन्ड उसकी गांड से निकाल लिया और कमला जल्दी से उनके सामने फर्श पे बैठ गयी ,
अब पापा उसके मुंह की तरफ करके अपना लन्ड हिलाने लगें दो ही मिनिट बाद वीर्य की एक बाढ़ सी आई जो
कमला के पूरे चेहरे पर बरस गयी कमला का चेहरा और बूब वीर्य से नहा गये, इस बरसात से नहाकर कमला का चेहरा चमकने लगा था,
मेरा भी वीर्य निकल पड़ा जो संगमरमर के फर्श पे जा गिरा, वीर्य निकलने के बाद कमला पापा के लंड को चूसकर साफ करने लगी और बाथरूम चली गयी,
में भी अपने रूम में आकर सो गया ....!!
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अगली सुबह में लेट उठा क्योंकि रात को सेक्स का लाइव टेलीकास्ट देखा था और कल चार बार लण्ड का पानी निकाला था
इसलिये बेहद थका हुआ भी था , उठकर निचे गया तो पापा जा चुके थे , कमलाबाई ने मुझको नाश्ता दे दिया और वो साफ सफाई करने लगी,
में टीवी देखते हुये नाश्ता करने लगा था, तभी कमला उस खिड़की के पास खड़ी होकर सफाई करने लगी जहां रात मैंने मुठ मारी थी ,
तभी अचानक वो फिसल गयी और गिर गयी में भागकर उसके पास गया और उसको उठाया लेकिन उसके पैर मेरे वीर्य से सन गये थे और वो उसकी चिकनाहट महसूस भी कर चुकी थी
वो सम्भली और फर्श को देखने लगी फिर उसने अपने पैर पे हाथ फिराया और हाथ को सूंघने लगी,
फिर उसने मेरी तरफ मुंह किया और बोली :: यह सब क्या है यहां पर बताओ मुझको वरना में तुम्हारे पापा को शिकायत करूंगी ,
में सब जानती हूँ की आजकल तुम किस टाइप की गन्दी किताबें पढ़ते हो और आजकल रोजाना तुम्हारा अंडरवियर गन्दा रहता है
आगे से भी और पीछे से भी बताओ मुझको वरना तुम्हारी खैर नहीं है आज ..??
दोस्तों अब मेरी फट के हाथ में आ गयी ,
अगर पापा को यह सब पता चल जाता तो मेरी खैर नहीं थी सच में क्या करुं अब मै कैसे पीछा छुड़ाऊं इससे ..??
तभी मेरे दिमाग की बती जली :: कमलाबाई तुम मुझे डांट रही हो और तुम रात को क्या कर रही थी ,
पापा के साथ वो सब मैंने देख लिया है तुम करो तो ठीक अगर में करूँ तो गलत यह नहीं चलेगा मुझको सब पता है तुम रोज रात को पापा के साथ ही सोती हो और मजे लेती हो ।।
अब कमला के चेहरे का रंग उड़ गया वो मुझको ताकने लगी उसकी बोलती बन्द हो गयी
2 मिनिट बाद वो बोली: देखो तुम्हारी मम्मी रही नहीं अब और मेरा भी तलाक हो चुका है दूसरे हम दोनो तो बालिग भी है हमको सुरक्षा का सब पता है लेकिन तुम अभी तक बच्चे ही हो,
समझो इस उम्र में यह सब ठीक नहीं है तुम बीमार हो सकते हो , तुम्हारी पढ़ाई में दिक्कत आ सकती है , इस चीज के लिये सारी उम्र पड़ी है बेटा समझो मेरी बात को और रात वाली बात किसी को भी मत बताना
मेरे साथ- साथ तुम्हारे पापा और घर की भी बदनामी होगी बेटा..
ऐसा कहकर वो मेरी पीठ पर अपना हाथ घुमाने लगी,
मैंने भी गौर किया की उसकी बात सही है लेकिन मैं कन्फर्म करना चाहता था की वो पापा को कुछ नहीं कहेंगी..?? मैं बोला : तुम सही कहती हो कमलाबाई लेकिन तुम मेरे बारे में पापा को तो कुछ नहीं कहोगी ना??
कमला बाई : नहीं कहूंगी बेटा कसम से और उसने मुझे अपने गले लगा लिया.. उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सीने में गड़ रहे थे ,
मैंने भी उसकी गांड को अपने दोनो हाथों में भर के भींच लिया मेरा छोटा सा लण्ड खड़ा होकर उसकी चूत से रगड़ खाने लगा था ,
3-4 मिनिट के बाद उसने मुझे आजाद कर दिया , लेकिन मेरे बरमुडे में उभार साफ दिख रहा था जो उसने भी देख लिया और मुस्कराने लगी ,
वो बोली : शैतान कहीं के तुम्हारी नूनी फिर से खड़ी हो गयी है, इसको सम्भालो वरना जूते खाओगे किसी से ....
मैं :: कमलाबाई आप सुंदर ही इतनी हो की किसी का भी खड़ा हो जाये..
कमला :: चल शैतान में तुम्हारी मां जैसी हूँ समझे क्या?
में :: मां जैसी हो लेकिन मां तो नहीं हो न कमलाबाई तुम बहुत किस्मत वाली हो जो पापा का मस्त और मोटा लण्ड मिला है तुमको ,
कितना मजा आता होगा तुमको मुझको तो तुमसे जलन हो रही है ...
कमला :: मुझसे जलन क्यों रे पागल तुम कोई लड़की थोड़े ही हो तुम भी तो मर्द ही हो ना रे पागल ...  फिर वो काम में लग गयी ।
में कुछ देर टीवी देखता रहा , तभी कमलाबाई आई और मुझको बोली :: मनोज जाओ ना लाला की दुकान से थोड़ा सामान ले आओ ना उसने मुझको लिस्ट पकड़ा दी...
लाला का नाम सुनते ही कल शाम की मस्ती याद आ गयी कैसे मैंने लाला और राजू के साथ मजे किये थे,
मैं जल्दी से घर से निकल गया लाला की दुकान की और बाहर तेज धूप थी लाला की दुकान में कोई ग्राहक नही था लाला काउंटर पे था और राजू था ही नहीं बस एक लड़की थी जो कुछ सामान ले रही थी लाला से....
लड़की कम उम्र की थी , लेकिन सेक्सी थी उसने स्कर्ट टॉप पहना हुआ था, बड़े बड़े बूब और सेक्सी गांड थी उसकी में जाकर उसके साथ ही खड़ा हो गया..
लड़की :: पापा मुझको 200₹दो ना आज मुझको मेरी सहेली के साथ बाहर घूमने जाना है प्लीज.....
 ओ तेरी यह तो लाला की लड़की थी क्या मस्त आइटम थी यार मेरा लण्ड खड़ा हो गया उसको देखकर
लाला उसको पैसे के लिये टालने लगा लेकिन तभी लाला की नजर मुझपर पड़ी और उसने जल्दी से उसको पैसे निकाल कर दे दिये..
लड़की जल्दी से पैसे लेकर पलटी और सीधे मेरे से आ टकराई उसके बॉबे मेरी छाती से टकरा गये उफ्फ क्या टाइट बूब्स थे,
उसके वो सम्भली और मुझको सॉरी बोला मैंने भी सर हिलाकर उसको ok बोला वो निकल गयी  ...

 
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RE: मनोज से माया तक का सफर - by Sexyboyforol - 13-03-2019, 09:53 AM
RE: मनोज से माया तक का सफर - by Salmakhan21 - 22-05-2019, 09:52 AM



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