04-05-2022, 05:06 PM
उन्होंने उन मस्त टिकोरों का रस लेना शुरु कर दिया।
पहले झिझक के हलके हलके सहलाया , दबाया फिर जोर जोर से मसलने रगड़ने लगे।
छुटकी कुछ सिसकी , कुछ चीखी , कुछ हाथ पैर चलाये ,
पहले झिझक के हलके हलके सहलाया , दबाया फिर जोर जोर से मसलने रगड़ने लगे।
छुटकी कुछ सिसकी , कुछ चीखी , कुछ हाथ पैर चलाये ,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.