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Adultery किसी और के धोखे में चुद गई मैं !
#13
वह हाँफ रहा था। उसके बदन पर घूमते मेरे हाथ उसके पसीने से गीले हो रहे थे। वह जोर जोर से धक्के मार रहा था। मैं भी हाँफ रही थी। दर्द को भुलाने के लिए कभी उसकी पीठ पर हाथ पटकती, कभी नितम्ब उचकाती। इसे वह मेरा मजा आना समझ रहा था। वह और सक्रिय हुआ, और जल्दी जल्दी करने लगा। उसके मुँह से एक घुटी-सी कराह निकली … आ ..ऽ … ह … और उसने मुझे जोर से भींच लिया। कसाव में मेरी हड्डियाँ चटखने लगीं। मुझे अपने भीतर उसके शिश्न के झटके से फैलने-सिकुड़ने का एहसास हुआ। हर झटके में मेरे भीतर एक गर्म लावा-सा भरने लगा। आ ..ऽ ..ऽ ..ऽ ह … ओ ..ऽ..ऽ..ऽ..ह… वह झड़ रहा था और मेरे भीतर उसकी गर्म धार भरती जा रही थी। वह मुझमें बार बार झड़ रहा था। बाढ़ की तरह उसने मुझे भर दिया। उस गर्म धार में मेरी योनि, मेरा फूला पेडू भींग गए। आसपास के बाल भींगकर चमड़ी में चिपक गए। मुझे भी झड़ने की जरूरत महसूस हो रही थी। मगर दर्द भी हो रहा था। पहली बार होने का दर्द। मैंने उसे सहलाया और फिर उसके मुँह को चूम लिया। पता नहीं क्यों मुझे एक कृतज्ञता-सी महसूस हुई, हालाँकि उसने चोर की तरह छुपकर मुझे विवश करके मेरा शील भंग किया था। मगर फिर भी मैंने उसकी धार में पहला स्नान किया था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: किसी और के धोखे में चुद गई मैं ! - by neerathemall - 04-05-2022, 04:53 PM



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