04-05-2022, 03:54 PM
(This post was last modified: 04-05-2022, 05:13 PM by deo.mukesh. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.
Edit Reason: कहानी का अपडेट
)
मम्मी सुबह से घर का सारा काम निपटाते निपटाते थक चुकी होती ठी हर रोज और दोपहर में मम्मी कूलर की ठंडी हवा में घोड़े बेच कर सो रही होती थी. ये रोज की दिनचर्या ठी तो मुझे मालूम था मम्मी अभी सो रही होगी.
मै घर घुसा, दरवाजा लगाया और हाथ पाँव धोने आंगन में आ गया. मम्मी वहीँ बरामदे पर सो रही थी. आप शायद यकीं नहीं करेंगे पर मम्मी की बुर नंगी उघड़ी हुई थी. क्योंकि मम्मी के पैर ठीक कूलर के सामने था तो कूलर के पंखे की हवा से मम्मी का पेटीकोट हवा में उड़ते झूलते मम्मी के कमर पर सिमट गया था और कमर से लेकर पैरों तक मेरी मम्मी मादरजात नंगी पड़ी हुई थी भरी दुपहर. मम्मी की चूत/बुर पर हलके बड़े बड़े बाल थे, खेत में लहलहाती फसल के माफिक.
और ऊपर ब्लाउज की बमुश्किल सिर्फ एक हुक लगी हुई थी बीच वाली जिससे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था की मम्मी के चुचियो पर ब्लाउज है भी या नहीं,,,,,,, जहाँ हुक लगा हुआ था बस उस हिस्से हल्का था चूची ढाका हुआ था बांकी ऊपर और नीचे दोनों जगह से मम्मी की चूची, उसके हल्का ब्राउन मटर के डेन जैसा गोल निप्पल बहार झूल रहा था. मानो मख्खन पिघल के बहने वाला है.
मम्मी इसी साल 48 की हो चुकी थी.
मेरी मम्मी के अन्दर कितनी बड़ी रण्डी छिपी हुई ठी ये बात मुझे बहुत अच्छे से मालूम था. सामने ही मम्मी का बुर खुला हुआ था कूलर की ठंडी हवा खा रहा, मम्मी की तपती भट्टी को कुछ ठंडक मिल रही होगी उससे.
और मम्मी का मटर के डेन जैसा गोल निप्पल मुझे चबाने का लालच आ रहा था.
तभी मम्मी ने करवट बदली और मेरे उलटी दिशा में करवट बदल के लेट गयी.
यानी अब मम्मी के चुत्तर मेरी तरफ आ गए थे.
उहह्ह्फ्फफ्फ्फ्फ़ यकीं मानो दोस्तों मै दावे से कह सकता हूँ आपमें से किसी ने भी आजतक किसी कोठे की रण्डी या सड़क की हाईप्रोफाइल कॉलगर्ल की ऐसी चुत्तर/butts नहीं देखि होगी जैसी उस वक्त मेरी आँखों के सामने मेरी माँ की थी.
picture host
मैंने अब अपना हाथ पाँव धोकर धीमे पाँव मम्मी के पास आके खड़ा हो गया. अब ऐसी माल सामने नंगी पड़ी हो तो एकबार मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जायेगा फिर तो मै जीता जागता जवान मर्द था, और न जानी कितनी बार मैंने अपनी मम्मी की इस बुर में न जाने कितने लंड अन्दर बहार होते और मेरी मम्मी की बुर में अपना पानी छोड़ते देख चुका था. हाँ, छुपकर देखता था, तो क्या हो गया ???
कितने ऐसे लकी औलाद होंगे यहाँ इस फोरम पर जिन्होंने अपनी घरेलु मम्मी को अलग अलग लोगो से चुदते हुए देखा होगा !!
मेरा लंड खड़ा हो गया था और मुझे मुठ मारना ठा मम्मी की नंगी बुर को देखकर. दोपहर में आँगन की प्राकृतिक तेज रौशनी में मम्मी की बुर भी चमक रही थी और मेरे lund को लावा उगलने पर मजबूर कर रही थी.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और मम्मी की गरम नंगी जवानी की फोटो खींचने लगा, चुचियो की अलग अलग एंगल से फोटो ले ली मैंने, मम्मी के निप्पल का क्लोज-अप लिया.
और अब मै मम्मी की गांड के पीछे खड़ा होकर मुठ मारने लगा.
कोई दो तिन मिनट में मेरे लंड ने लावा उगल दिया, सारा माल मैंने मम्मी का आज का यूज़ किये हुए ब्लाउज में निकाल दिया. और मै वहां से तुरंत हट गया. कुछ देर में ठंडा होने के बाद मैंने मम्मी का वो ब्लाउज धो दिया. मै नहीं चाहता था की मम्मी को ये पता लगे की उसका औलाद उसको देख के मुठ मारता है, मम्मी को कोई भी शर्मिंदगी महसूस हो, ऐसी नौबत मै नहीं आने देना चाहता किसी भी हाल में.
मै घर घुसा, दरवाजा लगाया और हाथ पाँव धोने आंगन में आ गया. मम्मी वहीँ बरामदे पर सो रही थी. आप शायद यकीं नहीं करेंगे पर मम्मी की बुर नंगी उघड़ी हुई थी. क्योंकि मम्मी के पैर ठीक कूलर के सामने था तो कूलर के पंखे की हवा से मम्मी का पेटीकोट हवा में उड़ते झूलते मम्मी के कमर पर सिमट गया था और कमर से लेकर पैरों तक मेरी मम्मी मादरजात नंगी पड़ी हुई थी भरी दुपहर. मम्मी की चूत/बुर पर हलके बड़े बड़े बाल थे, खेत में लहलहाती फसल के माफिक.
और ऊपर ब्लाउज की बमुश्किल सिर्फ एक हुक लगी हुई थी बीच वाली जिससे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था की मम्मी के चुचियो पर ब्लाउज है भी या नहीं,,,,,,, जहाँ हुक लगा हुआ था बस उस हिस्से हल्का था चूची ढाका हुआ था बांकी ऊपर और नीचे दोनों जगह से मम्मी की चूची, उसके हल्का ब्राउन मटर के डेन जैसा गोल निप्पल बहार झूल रहा था. मानो मख्खन पिघल के बहने वाला है.
मम्मी इसी साल 48 की हो चुकी थी.
मेरी मम्मी के अन्दर कितनी बड़ी रण्डी छिपी हुई ठी ये बात मुझे बहुत अच्छे से मालूम था. सामने ही मम्मी का बुर खुला हुआ था कूलर की ठंडी हवा खा रहा, मम्मी की तपती भट्टी को कुछ ठंडक मिल रही होगी उससे.
और मम्मी का मटर के डेन जैसा गोल निप्पल मुझे चबाने का लालच आ रहा था.
तभी मम्मी ने करवट बदली और मेरे उलटी दिशा में करवट बदल के लेट गयी.
यानी अब मम्मी के चुत्तर मेरी तरफ आ गए थे.
उहह्ह्फ्फफ्फ्फ्फ़ यकीं मानो दोस्तों मै दावे से कह सकता हूँ आपमें से किसी ने भी आजतक किसी कोठे की रण्डी या सड़क की हाईप्रोफाइल कॉलगर्ल की ऐसी चुत्तर/butts नहीं देखि होगी जैसी उस वक्त मेरी आँखों के सामने मेरी माँ की थी.
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मैंने अब अपना हाथ पाँव धोकर धीमे पाँव मम्मी के पास आके खड़ा हो गया. अब ऐसी माल सामने नंगी पड़ी हो तो एकबार मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जायेगा फिर तो मै जीता जागता जवान मर्द था, और न जानी कितनी बार मैंने अपनी मम्मी की इस बुर में न जाने कितने लंड अन्दर बहार होते और मेरी मम्मी की बुर में अपना पानी छोड़ते देख चुका था. हाँ, छुपकर देखता था, तो क्या हो गया ???
कितने ऐसे लकी औलाद होंगे यहाँ इस फोरम पर जिन्होंने अपनी घरेलु मम्मी को अलग अलग लोगो से चुदते हुए देखा होगा !!
मेरा लंड खड़ा हो गया था और मुझे मुठ मारना ठा मम्मी की नंगी बुर को देखकर. दोपहर में आँगन की प्राकृतिक तेज रौशनी में मम्मी की बुर भी चमक रही थी और मेरे lund को लावा उगलने पर मजबूर कर रही थी.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और मम्मी की गरम नंगी जवानी की फोटो खींचने लगा, चुचियो की अलग अलग एंगल से फोटो ले ली मैंने, मम्मी के निप्पल का क्लोज-अप लिया.
और अब मै मम्मी की गांड के पीछे खड़ा होकर मुठ मारने लगा.
कोई दो तिन मिनट में मेरे लंड ने लावा उगल दिया, सारा माल मैंने मम्मी का आज का यूज़ किये हुए ब्लाउज में निकाल दिया. और मै वहां से तुरंत हट गया. कुछ देर में ठंडा होने के बाद मैंने मम्मी का वो ब्लाउज धो दिया. मै नहीं चाहता था की मम्मी को ये पता लगे की उसका औलाद उसको देख के मुठ मारता है, मम्मी को कोई भी शर्मिंदगी महसूस हो, ऐसी नौबत मै नहीं आने देना चाहता किसी भी हाल में.