24-04-2022, 04:54 PM
अब तो प्राची के एंटिना खड़े हो गये...और सोए हुए अजय की भी गांड फटने को हो गयी...वो सोचने लगा की कहीं ये पागल की बच्ची कल वाली बात ना बता दे प्राची को.. प्राची : "कौनसी ऐसी बातें कर दी अजय ने तेरे साथ...ज़रा मुझे भी तो बता....'' शायद प्राची को लग रहा था की कल शॉपिंग पर लेजाकर अजय ने कुछ बदतमीजी करी है पूजा के साथ पूजा : "वो बस ऐसे ही दीदी.....कल शॉपिंग पर गये थे ना...तो मैने नोट किया था...वो मेरी सहेली है ना सोनी, वो मिली थी , उसे तो ऐसे देख रहे थे जैसे आँखो ही आँखो से उसे खा जाएँगे...'' प्राची : "तू सोनी का तो नाम ही ना लिया कर मेरे सामने, उसके कपड़े पहनने का ढंग मुझे बिल्कुल पसंद नही है, ये बात मैने भी तुझे बोली थी तुझे एक बार ..उसे तो हर कोई खा जाने वाली नज़रों से देखता है...अजय का इसमे क्या कसूर...'' प्राची ने समझदार बीबी की तरह अपने पति का बचाव किया. पूजा : ''नही दीदी, इन मर्दों पर इतना भी अंध्विश्वास नही करना चाहिए...सोते आपके साथ है और सपने किसी और के देखते हैं...''
अब तो अजय की झांटे सुलग उठी, पता नही पूजा को एकदम से ये क्या हो गया था , उसकी पोल पट्टी खोलने में क्यो लगी थी वो, बिना वजह क्यों प्राची को भड़का रही थी ... अब इससे पहले की वो सुबह वाली टॉपलेस होने वाली बात भी बता दे, अजय ने नींद मे सोते हुए ही धीरे से कहा : "उम्म्म्मम....माय डार्लिंग प्राची .....आई लव यू ...'' और अपने तकिये को चूमकर वो फिर से खर्राटे भरने लगा. प्राची और पूजा दोनो ने उसकी ये हरकत देखी और प्राची ने पूजा से कहा : "देख लिया...मेरा पति सोता भी मेरे साथ है और सपने भी मेरे ही लेता है...'' पूजा : "ओहो दीदी....मैने जीजू के बारे में तो ऐसा कहा ही नही...मैं तो बस जनरल बात कर रही थी...''
प्राची : "ओहो, कह तो ऐसे रही है जैसे सारी दुनिया के मर्दों पर पीएचडी कर ली है तूने...चल अब तू घर जाकर नाश्ता तैयार कर, मैं नहाने जा रही हूँ ..'' और अपनी बिना पेंटी की गांड मटकाती हुई प्राची बाथरूम की तरफ भाग गयी...शायद प्रेशर भी बन चुका था उसके अंदर.. पूजा भी जाने के लिए पलटी और फिर ना जाने क्या सोचकर वापिस बेड तक आई...और बेड के उपर चड़कर अजय के बिल्कुल पास आ गयी...और गोर से उसे सोता हुआ देखकर बुदबुदाई : "अपनी पत्नी के सामने तो बड़ी अच्छी इमेज बना रखी है जीजू आपने...पर आप हो कितने शैतान ये सिर्फ़ मैं जानती हूँ ..'' उसने इतना बोला ही था की अजय ने एक झटके से अपनी आँखे खोल दी...खर्राटे मारकर सो रहे अजय को ऐसे एकदम से उठा हुआ देखकर पूजा भोचक्की रह गयी...और उसे समझते देर नही लगी की वो सो नही रहा था...यानी उसने प्राची और उसके बीच की सारी बातें भी सुन ली है.. और इस बात का एहसास होते ही वो दौड़ती हुई घर से बाहर निकल गयी... एक घंटे बाद अजय और प्राची तैयार होकर उनके घर आ गये, सबने मिलकर नाश्ता किया..पर पूजा चुपचाप ही थी अब..ऐसे रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद अपने जीजू से आँखे मिलाने की भी हिम्मत नही हो रही थी उसकी.. अजय की कार में सभी पिक्निक के लिए निकल पड़े...इंडिया गेट के आस पास बने पार्क में जाने का प्रोग्राम था उनका..हल्की फुल्की धूप निकली थी आज 2 दिन की बारिश के बाद, इसलिए मौसम काफ़ी सुहाना लग रहा था. वहाँ जाकर सभी चादर पर अपना समान रखकर बैठ गये...कुछ स्नेक्स खाने के बाद बेडमिन्टन खेलने लगे...अजय ने सबके साथ खेला, पूजा के साथ भी...और सभी को हराया भी..वो काफ़ी फुर्तीला जो था... पर अपनी सास रजनी के साथ खेलते हुए तो उसका ध्यान काफ़ी भटका, उसकी नज़रें उनके उछल रहे बूब्स से हट ही नही रही थी...और अजय को ऐसे अपनी माँ की तरफ घूरते देखकर दूर बैठी पूजा जलभुन रही थी...शायद सोच रही होगी की इस ठरकी की नज़र उसकी माँ पर भी है क्या अब.. फिर अजय वापिस आकर बैठ गया, पूजा के साथ और प्राची और उसकी माँ खेलने लगे...उनके पापा रेफ़री बने हुए थे.
अब अजय ने बात शुरू करने की सोची अजय : "बड़ा भड़काया जा रहा था अपनी दीदी को मेरे बारे में ...'' पूजा : "तो आपने सब सुन लिया...'' अजय : "हाँ , मेरी नींद तो तभी से खुली हुई थी जब तुमने बेल बजाई...'' पूजा : "ऐसे लड़कियो की बातें सुनना अच्छी बात नही होती'' अजय : "और ऐसे अपने जीजू की शिकायत करना भी अच्छी बात नही होती..ख़ासकर तब जब मैने तुम्हारी मदद की थी कल'' उसने सोनी के सामने अपने बाय्फ्रेंड होने वाली बात याद दिलाई. पूजा : "वो तो मैं ऐसे ही कह रही थी...बस देखना चाहती थी की दीदी को आपके उपर कितना विश्वास है..'' अजय : "हर बीबी शक्की होती है, मेरी भी है, और तुम्हारी ऐसी बातों से हमारी पर्सनल लाइफ पर क्या फ़र्क पड़ेगा इसका अंदाज़ा है क्या तुम्हे...तलाक़ करवाना चाहती हो क्या तुम हमारा..'' ये बात अजय ने थोड़े कठोर स्वर मे बोली.. और ये बात सुनकर पूजा सहम सी गयी...और रुंआसी सी होकर बस इतना ही बोली : "सॉरी जीजू...वो बस...मेरे मुँह से निकल गयी वो बातें...अब से ऐसा नही करूँगी...प्रोमिस...''
अजय भी जानबूझकर उसे ये सब बोल रहा था ताकि फिर से वो ऐसी बात करके उसके लिए कोई मुसीबत ना पैदा कर दे.. अंधेरा सा हो चुका था और वो उस जगह से थोड़ा दूर ही बैठे थे, जहाँ वो लोग बेडमींटन खेल रहे थे...अजय को एक शरारत सूझी और वो तोड़ा आगे हुआ और उसने सिर झुका कर बैठी हुई पूजा के होंठों को चूम लिया. सुबकती हुई पूजा भोचक्की सी रह गयी...उसने शायद अजय से इस बात की उम्मीद भी नहीं की थी... वो गुस्से मे बोली : "ये क्या कर रहे हो जीजू...'' और फिर अपनी माँ और बहन की तरफ मुँह करके बोली : "अभी दीदी को बताती हू आपकी ये गंदी हरकत...'' अजय : "मैं तो बस चेक कर रहा था की तुमने जो अभी बोला वो सच में बोला या ऐसे ही...'' पूजा बेचारी अपने दाँत पीसकर रह गयी...वो समझ गयी की ये उसका जीजू बड़ी पहुँची हुई चीज़ है...वो उसकी बहन के साथ बने रिश्ते की आड़ मे उसके साथ कुछ भी कर सकता है...पर उसने भी मन में सोच लिया की अपने साथ कुछ ग़लत वो हरगिज़ नही होने देगी... पर उसके ऐसा सोचने का अजय के उपर कोई असर नही था...वो भी अब अपनी पर आ चुका था..और अब खुलकर हर खेल खेलना चाहता था.
अब तो अजय की झांटे सुलग उठी, पता नही पूजा को एकदम से ये क्या हो गया था , उसकी पोल पट्टी खोलने में क्यो लगी थी वो, बिना वजह क्यों प्राची को भड़का रही थी ... अब इससे पहले की वो सुबह वाली टॉपलेस होने वाली बात भी बता दे, अजय ने नींद मे सोते हुए ही धीरे से कहा : "उम्म्म्मम....माय डार्लिंग प्राची .....आई लव यू ...'' और अपने तकिये को चूमकर वो फिर से खर्राटे भरने लगा. प्राची और पूजा दोनो ने उसकी ये हरकत देखी और प्राची ने पूजा से कहा : "देख लिया...मेरा पति सोता भी मेरे साथ है और सपने भी मेरे ही लेता है...'' पूजा : "ओहो दीदी....मैने जीजू के बारे में तो ऐसा कहा ही नही...मैं तो बस जनरल बात कर रही थी...''
प्राची : "ओहो, कह तो ऐसे रही है जैसे सारी दुनिया के मर्दों पर पीएचडी कर ली है तूने...चल अब तू घर जाकर नाश्ता तैयार कर, मैं नहाने जा रही हूँ ..'' और अपनी बिना पेंटी की गांड मटकाती हुई प्राची बाथरूम की तरफ भाग गयी...शायद प्रेशर भी बन चुका था उसके अंदर.. पूजा भी जाने के लिए पलटी और फिर ना जाने क्या सोचकर वापिस बेड तक आई...और बेड के उपर चड़कर अजय के बिल्कुल पास आ गयी...और गोर से उसे सोता हुआ देखकर बुदबुदाई : "अपनी पत्नी के सामने तो बड़ी अच्छी इमेज बना रखी है जीजू आपने...पर आप हो कितने शैतान ये सिर्फ़ मैं जानती हूँ ..'' उसने इतना बोला ही था की अजय ने एक झटके से अपनी आँखे खोल दी...खर्राटे मारकर सो रहे अजय को ऐसे एकदम से उठा हुआ देखकर पूजा भोचक्की रह गयी...और उसे समझते देर नही लगी की वो सो नही रहा था...यानी उसने प्राची और उसके बीच की सारी बातें भी सुन ली है.. और इस बात का एहसास होते ही वो दौड़ती हुई घर से बाहर निकल गयी... एक घंटे बाद अजय और प्राची तैयार होकर उनके घर आ गये, सबने मिलकर नाश्ता किया..पर पूजा चुपचाप ही थी अब..ऐसे रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद अपने जीजू से आँखे मिलाने की भी हिम्मत नही हो रही थी उसकी.. अजय की कार में सभी पिक्निक के लिए निकल पड़े...इंडिया गेट के आस पास बने पार्क में जाने का प्रोग्राम था उनका..हल्की फुल्की धूप निकली थी आज 2 दिन की बारिश के बाद, इसलिए मौसम काफ़ी सुहाना लग रहा था. वहाँ जाकर सभी चादर पर अपना समान रखकर बैठ गये...कुछ स्नेक्स खाने के बाद बेडमिन्टन खेलने लगे...अजय ने सबके साथ खेला, पूजा के साथ भी...और सभी को हराया भी..वो काफ़ी फुर्तीला जो था... पर अपनी सास रजनी के साथ खेलते हुए तो उसका ध्यान काफ़ी भटका, उसकी नज़रें उनके उछल रहे बूब्स से हट ही नही रही थी...और अजय को ऐसे अपनी माँ की तरफ घूरते देखकर दूर बैठी पूजा जलभुन रही थी...शायद सोच रही होगी की इस ठरकी की नज़र उसकी माँ पर भी है क्या अब.. फिर अजय वापिस आकर बैठ गया, पूजा के साथ और प्राची और उसकी माँ खेलने लगे...उनके पापा रेफ़री बने हुए थे.
अब अजय ने बात शुरू करने की सोची अजय : "बड़ा भड़काया जा रहा था अपनी दीदी को मेरे बारे में ...'' पूजा : "तो आपने सब सुन लिया...'' अजय : "हाँ , मेरी नींद तो तभी से खुली हुई थी जब तुमने बेल बजाई...'' पूजा : "ऐसे लड़कियो की बातें सुनना अच्छी बात नही होती'' अजय : "और ऐसे अपने जीजू की शिकायत करना भी अच्छी बात नही होती..ख़ासकर तब जब मैने तुम्हारी मदद की थी कल'' उसने सोनी के सामने अपने बाय्फ्रेंड होने वाली बात याद दिलाई. पूजा : "वो तो मैं ऐसे ही कह रही थी...बस देखना चाहती थी की दीदी को आपके उपर कितना विश्वास है..'' अजय : "हर बीबी शक्की होती है, मेरी भी है, और तुम्हारी ऐसी बातों से हमारी पर्सनल लाइफ पर क्या फ़र्क पड़ेगा इसका अंदाज़ा है क्या तुम्हे...तलाक़ करवाना चाहती हो क्या तुम हमारा..'' ये बात अजय ने थोड़े कठोर स्वर मे बोली.. और ये बात सुनकर पूजा सहम सी गयी...और रुंआसी सी होकर बस इतना ही बोली : "सॉरी जीजू...वो बस...मेरे मुँह से निकल गयी वो बातें...अब से ऐसा नही करूँगी...प्रोमिस...''
अजय भी जानबूझकर उसे ये सब बोल रहा था ताकि फिर से वो ऐसी बात करके उसके लिए कोई मुसीबत ना पैदा कर दे.. अंधेरा सा हो चुका था और वो उस जगह से थोड़ा दूर ही बैठे थे, जहाँ वो लोग बेडमींटन खेल रहे थे...अजय को एक शरारत सूझी और वो तोड़ा आगे हुआ और उसने सिर झुका कर बैठी हुई पूजा के होंठों को चूम लिया. सुबकती हुई पूजा भोचक्की सी रह गयी...उसने शायद अजय से इस बात की उम्मीद भी नहीं की थी... वो गुस्से मे बोली : "ये क्या कर रहे हो जीजू...'' और फिर अपनी माँ और बहन की तरफ मुँह करके बोली : "अभी दीदी को बताती हू आपकी ये गंदी हरकत...'' अजय : "मैं तो बस चेक कर रहा था की तुमने जो अभी बोला वो सच में बोला या ऐसे ही...'' पूजा बेचारी अपने दाँत पीसकर रह गयी...वो समझ गयी की ये उसका जीजू बड़ी पहुँची हुई चीज़ है...वो उसकी बहन के साथ बने रिश्ते की आड़ मे उसके साथ कुछ भी कर सकता है...पर उसने भी मन में सोच लिया की अपने साथ कुछ ग़लत वो हरगिज़ नही होने देगी... पर उसके ऐसा सोचने का अजय के उपर कोई असर नही था...वो भी अब अपनी पर आ चुका था..और अब खुलकर हर खेल खेलना चाहता था.