06-04-2022, 01:55 PM
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उसने अपनी आँख बंद कर लीं और कहने लगी- आह्ह.. फाड़ दो आज मेरी चूत..
मैंने धीरे-धीरे अपना लण्ड की तरह उसकी चूत में डाल दिया। मुझे उसकी चूत काफ़ी टाइट लग रही थी। वो कह रही थी- आराम से डालो.. तुम्हारा मेरे पति से बड़ा है।
मैंने फिर एक झटका लगाया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत भट्टी की तरह गर्म थी.. मैं तो पागल हो गया और ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने लगा।
यह मेरा फर्स्ट टाइम होने की वजह से 12-15 झटकों में ही मेरा माल निकल गया। मुझे शर्म आने लगी.. सोनिया समझ गई, उसने कहा- कोई बात नहीं पहली बार में ऐसा ही होता है।
मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसे घोड़ी बनने को कहा।
वो घोड़ी बन गई, फिर मैंने पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगाने शुरू कर दिए।
वो भी उछल-उछल कर उसका जवाब देने लगी।
फिर मैंने उसे पोजीशन बदल-बदल कर पूरे 20 मिनट तक चोदा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी।
फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और वो भी झड़ने के करीब थी, मैंने उसकी कमर पकड़ ली और पूरी दम से शॉट लगाता हुआ उसकी चूत में ही झड़ गया। वो भी झड़ गई।
मैं और सोनिया पूरी तरह पसीने से तर-बतर थे। हम दोनों ही बहुत थक गए थे।
फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और कोई आ ना जाए इसके डर से अपने कपड़े ठीक करके मैं अपने कमरे में आ गया।
मैं बहुत खुश था और वो भी।
उसी शाम उसने मुझे बताया कि उसका पति बहुत दारू पीता है.. और उसकी शारीरिक जरूरत पूरी नहीं कर पाता है।
यह कह कर उसकी आँख से आंसू आने लगे। मैंने उसे समझाया और कहा- चिंता मत करो.. अब मैं जब भी आऊँगा.. तुम्हारी जरूरत पूरी करूंगा।
वो खुश हो गई।
फिर मैं उस रात दिल्ली वापस आ गया।
अब जब मैं फिर से वापस हरिद्वार में स्थाई तौर पर रहने आया हूँ.. तो उसने अपना कमरा बदल लिया। मैं अब उसको बहुत मिस करता हूँ।
तब से अब तक मैं सिर्फ़ मुठ मार कर ही काम चला रहा हूँ।
उसने अपनी आँख बंद कर लीं और कहने लगी- आह्ह.. फाड़ दो आज मेरी चूत..
मैंने धीरे-धीरे अपना लण्ड की तरह उसकी चूत में डाल दिया। मुझे उसकी चूत काफ़ी टाइट लग रही थी। वो कह रही थी- आराम से डालो.. तुम्हारा मेरे पति से बड़ा है।
मैंने फिर एक झटका लगाया और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत भट्टी की तरह गर्म थी.. मैं तो पागल हो गया और ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने लगा।
यह मेरा फर्स्ट टाइम होने की वजह से 12-15 झटकों में ही मेरा माल निकल गया। मुझे शर्म आने लगी.. सोनिया समझ गई, उसने कहा- कोई बात नहीं पहली बार में ऐसा ही होता है।
मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसे घोड़ी बनने को कहा।
वो घोड़ी बन गई, फिर मैंने पीछे से अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और ज़ोर-ज़ोर से शॉट लगाने शुरू कर दिए।
वो भी उछल-उछल कर उसका जवाब देने लगी।
फिर मैंने उसे पोजीशन बदल-बदल कर पूरे 20 मिनट तक चोदा। इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी।
फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और वो भी झड़ने के करीब थी, मैंने उसकी कमर पकड़ ली और पूरी दम से शॉट लगाता हुआ उसकी चूत में ही झड़ गया। वो भी झड़ गई।
मैं और सोनिया पूरी तरह पसीने से तर-बतर थे। हम दोनों ही बहुत थक गए थे।
फिर हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और कोई आ ना जाए इसके डर से अपने कपड़े ठीक करके मैं अपने कमरे में आ गया।
मैं बहुत खुश था और वो भी।
उसी शाम उसने मुझे बताया कि उसका पति बहुत दारू पीता है.. और उसकी शारीरिक जरूरत पूरी नहीं कर पाता है।
यह कह कर उसकी आँख से आंसू आने लगे। मैंने उसे समझाया और कहा- चिंता मत करो.. अब मैं जब भी आऊँगा.. तुम्हारी जरूरत पूरी करूंगा।
वो खुश हो गई।
फिर मैं उस रात दिल्ली वापस आ गया।
अब जब मैं फिर से वापस हरिद्वार में स्थाई तौर पर रहने आया हूँ.. तो उसने अपना कमरा बदल लिया। मैं अब उसको बहुत मिस करता हूँ।
तब से अब तक मैं सिर्फ़ मुठ मार कर ही काम चला रहा हूँ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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