06-04-2022, 01:54 PM
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मेरे अन्दर जाते ही वो मुझ पर टूट पड़ी.. जैसे बरसों की प्यासी हो। मैं भी उसे किस कर रहा था।
लगभग 5 मिनट तक मैं उसे किस करता रहा.. उसके बाद मैंने उसकी कुरती निकाल दी।
अब वो गुलाबी ब्रा में मेरे सामने थी।
मैं उस कामुक मंजर का बयान नहीं कर सकता कि वो कितनी की तरह सेक्सी लग रही थी।
मेरा मन कर रहा था कि उसकी चूत अभी फाड़ दूँ.. पर मैंने अपने आप पर संयम किया।
हिंदी सेक्स स्टोरी : कुँवारी लड़की को पेला पढ़ाई में हेल्प के बदले-1
मैं धीरे-धीरे नीचे आया और उसके मम्मों को चूसने लगा। उसके मम्मों से दूध आ रहा था.. जो मेरे मजे को दुगना कर रहा था।
कभी मैं उसका दायाँ निप्पल चूसता.. तो कभी बायाँ.. वो तो पूरी तरह से गर्म हो गई थी।
वो कह रही थी- बस करो राजू.. अब चोद दो मुझे.. मैं बहुत प्यासी हूँ।
पर मैं नहीं माना.. मैं उसे और तड़पाना चाहता था।
अब मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा।
वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
फिर मैं उसे होंठ पर फिर से किस करने लगा। की सिसकारियां पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
उसे चुम्बन करते-करते मैंने उसकी पजामी खोल दी।
अब वो केवल लाल पैन्टी में मेरे सामने थी, मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया और उसे किस करता रहा।
धीरे-धीरे सोनिया की चूत में उंगली घुसेड़ने लगा। जैसे ही उसकी चूत से मेरी उंगली टच हुई वो एकदम से उछल पड़ी।
वो कहने लगी- प्लीज़ राजू, मुझे चोद दो.. मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरा पति मुझे हफ़्ते में एक बार ही चोदता है.. वो भी सीधे ऊपर चढ़ जाता है और अपना काम होने के बाद हट जाता है। मैं प्यासी ही रह जाती हूँ।
मैंने कुछ नहीं कहा बस उसकी पैन्टी भी नीचे सरका दी। अब वो पूरी तरह से मेरे सामने नंगी खड़ी थी।
मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था।
मेरे अन्दर जाते ही वो मुझ पर टूट पड़ी.. जैसे बरसों की प्यासी हो। मैं भी उसे किस कर रहा था।
लगभग 5 मिनट तक मैं उसे किस करता रहा.. उसके बाद मैंने उसकी कुरती निकाल दी।
अब वो गुलाबी ब्रा में मेरे सामने थी।
मैं उस कामुक मंजर का बयान नहीं कर सकता कि वो कितनी की तरह सेक्सी लग रही थी।
मेरा मन कर रहा था कि उसकी चूत अभी फाड़ दूँ.. पर मैंने अपने आप पर संयम किया।
हिंदी सेक्स स्टोरी : कुँवारी लड़की को पेला पढ़ाई में हेल्प के बदले-1
मैं धीरे-धीरे नीचे आया और उसके मम्मों को चूसने लगा। उसके मम्मों से दूध आ रहा था.. जो मेरे मजे को दुगना कर रहा था।
कभी मैं उसका दायाँ निप्पल चूसता.. तो कभी बायाँ.. वो तो पूरी तरह से गर्म हो गई थी।
वो कह रही थी- बस करो राजू.. अब चोद दो मुझे.. मैं बहुत प्यासी हूँ।
पर मैं नहीं माना.. मैं उसे और तड़पाना चाहता था।
अब मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और पजामी के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा।
वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।
फिर मैं उसे होंठ पर फिर से किस करने लगा। की सिसकारियां पूरे कमरे में गूँज रही थीं।
उसे चुम्बन करते-करते मैंने उसकी पजामी खोल दी।
अब वो केवल लाल पैन्टी में मेरे सामने थी, मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया और उसे किस करता रहा।
धीरे-धीरे सोनिया की चूत में उंगली घुसेड़ने लगा। जैसे ही उसकी चूत से मेरी उंगली टच हुई वो एकदम से उछल पड़ी।
वो कहने लगी- प्लीज़ राजू, मुझे चोद दो.. मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरा पति मुझे हफ़्ते में एक बार ही चोदता है.. वो भी सीधे ऊपर चढ़ जाता है और अपना काम होने के बाद हट जाता है। मैं प्यासी ही रह जाती हूँ।
मैंने कुछ नहीं कहा बस उसकी पैन्टी भी नीचे सरका दी। अब वो पूरी तरह से मेरे सामने नंगी खड़ी थी।
मैंने पहली बार किसी लड़की को नंगी देखा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.