06-04-2022, 12:08 PM
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मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया जल्दीबाज़ी में मैंने दरवाजा भी बंद नहीं किया और वहाँ जाकर फिर हस्तमैथुन करने लगा, तभी भाभी बाथरूम में आ गईं, तब तक मे झड़ चुका था।
एकदम से भाभी को देखकर मैं चौंक गया।
तभी भाभी बोलीं – अभी सोए नहीं करण?
मैंने कहा – नहीं, बस पढ़ाई कर रहा था, अब सोने ही जा रहा हूँ, और मैं वहाँ से चला गया।
लेकिन ना जाने क्यूँ मुझे लगा कि शायद भाभी ने मुझे देख लिया है।
सुबह जब मैं उठा तो मुझे भैया ने कहा कि करण, मैं करीब दस दिन के लिए कंपनी के काम से दिल्ली जा रहा हूँ, तुम बच्चों को भी पढ़ा देना और तुम्हारी भाभी के कमरे में ही सो जाना।
मैंने तुरंत हाँ कर दी, फिर मैंने उनसे पूछा कि कब जाना है, आपको।
उन्होंने बताया कि रात 11 बजे की ट्रेन है।
मैंने कहा – ठीक है, मैं आपको छोड़ दूँगा तो उन्होंने भी कहा – ठीक है, और मैं रात को उन्हें दस बजे छोड़कर वापस घर आते हुए कुछ मिठाई ले आया ताकि मुझे भाभी के साथ बैठने का थोड़ा मौका मिल सके।
जब में घर आया तो भाभी ने दरवाजा खोला और मैं अंदर उनके कमरे में आ गया और फिर हम बैठकर बातें करने लगे और साथ में मेरी लाई हुई मिठाई खाने लगे।
थोड़ी देर बाद मैं पढ़ने लगा तो भाभी ने कहा – सो जाओ करण, तो मैंने कहा – आप सो जाओ, मैं थोड़ी देर में सो जाऊँगा।
उन्होंने अपने पास जगह छोड़ दी और कहा कि तुम मेरे पास ही सो जाना।
मैंने कहा – ठीक है।
तब तक उनके बच्चे सो चुके थे,
भाभी अपनी नाइट ड्रेस में सो रहीं थीं जो काफ़ी ढीली थी, उनके बड़े-बड़े मम्मे उसमें से बाहर आने को तरस रहे थे।
थोड़ी देर बाद भाभी को नींद आ गई और मेरा मन भी पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो मैंने अपने मोबाइल में सेक्सी वीडियो चालू कर लिया और उन्हें देखने लगा। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
मैंने हस्तमैथुन चालू कर दिया, और सारा माल वहीं छोड़ दिया और फिर मैं भाभी के बगल में जाकर लेट गया।
एकदम से भाभी को देखकर मैं चौंक गया।
तभी भाभी बोलीं – अभी सोए नहीं करण?
मैंने कहा – नहीं, बस पढ़ाई कर रहा था, अब सोने ही जा रहा हूँ, और मैं वहाँ से चला गया।
लेकिन ना जाने क्यूँ मुझे लगा कि शायद भाभी ने मुझे देख लिया है।
सुबह जब मैं उठा तो मुझे भैया ने कहा कि करण, मैं करीब दस दिन के लिए कंपनी के काम से दिल्ली जा रहा हूँ, तुम बच्चों को भी पढ़ा देना और तुम्हारी भाभी के कमरे में ही सो जाना।
मैंने तुरंत हाँ कर दी, फिर मैंने उनसे पूछा कि कब जाना है, आपको।
उन्होंने बताया कि रात 11 बजे की ट्रेन है।
मैंने कहा – ठीक है, मैं आपको छोड़ दूँगा तो उन्होंने भी कहा – ठीक है, और मैं रात को उन्हें दस बजे छोड़कर वापस घर आते हुए कुछ मिठाई ले आया ताकि मुझे भाभी के साथ बैठने का थोड़ा मौका मिल सके।
जब में घर आया तो भाभी ने दरवाजा खोला और मैं अंदर उनके कमरे में आ गया और फिर हम बैठकर बातें करने लगे और साथ में मेरी लाई हुई मिठाई खाने लगे।
थोड़ी देर बाद मैं पढ़ने लगा तो भाभी ने कहा – सो जाओ करण, तो मैंने कहा – आप सो जाओ, मैं थोड़ी देर में सो जाऊँगा।
उन्होंने अपने पास जगह छोड़ दी और कहा कि तुम मेरे पास ही सो जाना।
मैंने कहा – ठीक है।
तब तक उनके बच्चे सो चुके थे,
भाभी अपनी नाइट ड्रेस में सो रहीं थीं जो काफ़ी ढीली थी, उनके बड़े-बड़े मम्मे उसमें से बाहर आने को तरस रहे थे।
थोड़ी देर बाद भाभी को नींद आ गई और मेरा मन भी पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो मैंने अपने मोबाइल में सेक्सी वीडियो चालू कर लिया और उन्हें देखने लगा। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।
मैंने हस्तमैथुन चालू कर दिया, और सारा माल वहीं छोड़ दिया और फिर मैं भाभी के बगल में जाकर लेट गया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.