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Fantasy मेरी माँ की बुर की महक - मेरे हॉस्टलफ्रेंड की रखैल बनी मेरी मम्मी | short story
#12
[Image: Padmini-padma-rati-12042019.png]

दोपहर के 1 बज रहे थे। अभिनव से बात करते हुए मै घर की तरफ जा रहा था। फोन रखने के कोई 10 मिनट के अंदर मै घर पहुँच गया।
घर का दरवाजा अंदर से लॉक था, घर से निकलते हुए एक चाभी मै अपने पास रखता हूँ क्योंकि ये टाइम मम्मी के सोने का था। अंदर घुसते मैंने दरवाजा बंद किया और अंदर कदम रखा,, मम्मी बरामदे मे कूलर लगा के कुछ यूं साया (पेटीकोट) और ब्लाउस मे सोई हुई थी,,,,,, मम्मी चटक पीले पेटीकोट और ब्लाउस मे तांगे खोल के सोई हुई ऐसी लग रही थी मानो कोठे की कोई रंडी अपने ग्राहक से चुदने के बाद थक के वैसे ही सो गई और कूलर से चुत/बुर मे ठंडी ठंडी हवा कहा रही थी।
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RE: मेरी माँ की बुर की महक - मेरे हॉस्टलफ्रेंड की रखैल बनी मेरी मम्मी | short story - by deo.mukesh - 04-04-2022, 09:54 PM



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