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Fantasy मेरी माँ की बुर की महक - मेरे हॉस्टलफ्रेंड की रखैल बनी मेरी मम्मी | short story
#4
अब तक आपने पढ़ा -
आर्यन : रे तमीज के चूत तोरा माई के चोदों कहे हैं न तुम नखरा नहीं करोगे आओगे तो बीएस आओगे, हमको हमरी रण्डी का नाच देखना है साली माल का आइटम डांस होगा हमरे यार अभी के ब्याह में,,,, साली रण्डी दारू पिलाएगी अपना नाच दिखा के उसके लिए दारू का भी फुल इंतज़ाम हम करवा के रखे हैं,,,बेटा ई सब खर्चा बर्बाद नहीं होना चाहिए नही तो देख लेना,,,,,
मैं : हाँ ठीक है ठीक है शाम को खबर कर देंगे. अब रखो फोन.....

अब आगे -
साल - 2006
आर्यन जिसकी उम्र अभी तक़रीबन 30-32 साल होगी, शुरू से ही लफंगा गुंडा स्वभाव का था. यूं तो हमसब बैचमेट थे मगर जहाँ मै उम्र के हिसाब से बच्चा ही था हॉस्टल के दौरान वहीँ आर्यन बिलकुल पक चूका था. शराब सिगरेट, ताश, दारू, ताड़ी, हर तरह के गन्दी लतों में परिपूर्ण था.
भले उमर उस वक़्त 18 या इससे भी कम की रही हो मगर उसका उठना बैठना पोस्टग्रेजुएशन के अधेड़ो नेतागीरी में लगे बुड्ढों के साथ होता था उनको आर्यन दारु सिगरेट पे खूब मौज करवाता था अपने पैसे से, तो नतीजा ये था की आर्यन पूरी तरह से एक दबंग/गुंडा बन चूका था. सब उससे या तो खौफ खाते थे या फिर उससे खूब यारी दोस्ती के साथ रहते थे.

बैच में मै सबसे लेट से होस्टल पहुंचा था जिसके चलते मुझे किसी के बारे में नहीं पता था की कौन कैसा है किस नेचर का है, किसका किन लोगो के साथ उठाना बैठना होता है.
सो होस्टल पहुँचने के एक हफ्ते में ही मेरी आर्यन से बहस हो गयी किसी तरह. उसने मेरे सामने रौब झाड़ने की कोशिश की बदले में मैंने पलट के जबाब दे दिया.
नतीजा उसके बाद जो हुआ,,, वो तो खैर आप सब भी समझ ही रहे होंगे.
काफी टॉर्चर में मेरा साल बीता.

इस दौरान मेरी समझ में भी आ गया की पानी में रहकर मगर से बैर करना बेवकूफी है.

हीरो उर्फ़ विलेन का परिचय समाप्त|
==========

वर्तमान में -
साल - 2020
गतांक से आगे-
शाम को मुझे एक अनजान नंबर से फोन आता है -
अनजान नंबर - हेल्लो क्या हाल है देवा
मै यानी देवा - बढ़िया, मैंने आपको पहचाना नहीं,,
अनजान नंबर - अबे यार पहचानेगा कैसे,,,,पता नहीं किस दुनिया में खोये रहते हो,,,, अभिनव बोल रहा हूँ.
मैं - ओह,,,, सॉरी यार,,,,,,,
अभि - कोई बात नहीं, कब आ रहा है ये बता. आर्यन ने फोन किया था मुझे,,,,, बता रहा था की तुम बहुत नखरा कर रहे हो मेरी शादी में आने में
मै - अबे नही यार,,,,,,,खामखा में चुतियापा कर रहा है वो,,, अनाप शनाप बकता है.
अभि- हाहाहा,,,,,, और बता,,,,,,तेरी मम्मी कैसी है,,,,आंटी के बिना तो सही में मुझे भी शादी करने में मजा नही आएगा यार.
मै - मम्मी ठीक है,,,,,,,पर शायद मम्मी नही आ सकेगी,,,मम्मी को कमर में पैरों में दर्द रहता है...
अभि - हेहेहे,,,,, अरे तो कौन sa आंटी को यहाँ आके कसरत करना है बे ;) ;) ,,,,,,,,,,,, आर्यन तो पगलाया हुआ है की बड़े दिनों बाद तुम्हारी मम्मी से मिलने का चांस मिलेगा उसको,,,,,,
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RE: मेरी माँ की बुर की महक - मेरे हॉस्टलफ्रेंड की रखैल बनी मेरी मम्मी | short story - by deo.mukesh - 04-04-2022, 03:49 PM



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