30-03-2022, 05:05 PM
Part 02
करीब दो महिने ऐसे ही बित गए और फिर एक दिन सचिन ने मुझे बताया कि उसके जिजाजी चार दिन के लिए दिल्ली जाने वाले हैं जिसका हम इंतजार कर रहे थे तो मेने तूंरत सचिन को हा बोल दिया और सचिन ए अपनी दिदी को बताया कि तब हम दोनों मुंबई आएगे इसके लिए सचिन एक प्लान भी बना लिया.
सचिन ए अपने जिजाजी दिपक को यह बताया कि उसका एक दोस्त हैं जो मुंबई घूमना चाहते हैं तो पांच दिनों के लिए वो मुंबई आ रहे हैं तो दिपक ने बोला कि वो तो दिल्ली जा रहे हैं जो बात सचिन को पता थी लेकिन दिपक ने हम दोनों को आने को बोल दिया.
अब एक हफ्ते का इंतजार है जब श्रुति की चुत में लंड घूसने वाला है जब श्रुति को अपने भाई के सामने घुटनों के बल बेठकर मेरा लंड चुसना पड़ेगा जब सचिन मेरे सामने ही अपनी दिदी को पेलेगा.
सचिन ए अपनी दिदी को बहुत चोदा है तो मेने भी सचिन को बोल दिया कि जब हम जाएगें तब पहली रात को सबसे पहले में श्रुति की चुदाई करूँगा तो सचिन भी मान गया वेसे भी बाद में दोनों साथ मिलकर श्रुति को पेलने वालें ही है.
में अहमदाबाद से और सचिन अपने घर से 20 माचॅ को निकलेंगे और दोनों मुंबई के सेन्ट्रल रेलवे-स्टेशन पर मिलेंगे और फिर वहां से टेक्सी लेकर थाने जाएगें जहाँ श्रुति फ्लेट में रहती है तब दिपक भी चला गया होगा.
दिपक को ऐसा लग रहा है वो जब दिल्ली जाएगें तब सचिन घर पर होगा जिससे श्रुती अकेली नहीं होगी उनको कोई चिंता नहीं होगी लेकिन उनको यह नहीं मालूम है कि वो दिल्ली होगे इधर उनकी बिवी की दिन-रात चुदाई होने वाली है. दिपक जी दिल्ली में कंपनी के काम में होगे इधर उनकी बिवी दोनों में किसी से चुद रही होगी. वेसे दिपक भी चुदाई के बहुत सोखिन है श्रुति ने मुझे बताया था कि वो अक्सर रात चुदाई करते हैं और ओफ डे (रविवार) को तो बहुत चुदाई का मजा लेते हैं.
में अपने हिसाब से मुंबई जाने के लिए तैयार था बस अब दिन कट रहे थे.
फिर वो दिन आ जाता है जिसका हम इंतजार कर रहे थे हम दोनों अपने हिसाब से टाइम के मुताबिक अपने शहर से मुंबई जाने के लिए निकल जाते हैं.
२० माचॅ को पांच बजे सबसे पहले सचिन पहुंच जाता है और ४० मिनट बाद में भी मुंबई पहुंच जाता हु तब पहली बार हम दोनों की मूलाकात होती है.
फिर हम दोनों टेक्सी देखते हैं और थाने के लिए निकल जाते हैं. सचिन तो बहुत बार आ चुका था तो उसने मुंबई देखा था लेकिन में पहली बार मुंबई आ रहा था तो सचिन मुझे जगह के बारे में भी बता रहा था और हम धीमे से अपनी बातें भी कर रहे थे.
हम करीब सात बजे ऐड्रेस पर पहुंचते हैं जिस अपार्टमेंट में श्रुति और दिपक फ्लेट में रहते है. हम दोनों टेक्सी से उतरते हैं अपना सामान लेते हैं और पैसे देकर लिफ्ट के जरिए ऊपर जाते हैं और आखिर वो समय आ जाता है जब श्रुति से मूलाकात होगी.
सचिन ए तो मुझे ही बोला था कि में जेसे चाहु ऐसे श्रुति के साथ एंजॉय कर सकता हूं क्योंकि ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा.
में सचिन के पिछे खड़ा था और वो डोरबेल बजाता है तभी एक श्रुति दरवाज़ा ओपन करती है और हम दोनों को देखकर स्माइल करती है.
सचिन तो बिना देर किए सबसे पहले श्रुति को गले लगा लेता है और मेरे सामने ही उनके गाल को चुम लेता है लेकिन श्रुति कुछ नहीं बोलती है और फिर वो अंदर चला जाता है और में श्रुति से हाथ मिलाकर में अंदर आ जाता हु.
हम दोनों लिवींग रुम में सोफे पर जाकर बेठते है और श्रुति दोनों को पानी लाकर देती है. अभी वो डिनर बना रही थी तो हमसे ज्यादा बात ना करते हुए किचन में चली जाती है.
सचिन मुझे दुसरे कमरें में ले जाता है जहां हम रुकने वाले हैं मेरे कहने पर सचिन सबसे पहले बाथरुम में फ्रेश होने के लिए चला जाता है.
सचिन के आने के बाद में नहाने के लिए चला जाता हूँ जब नहाकर में बाहर आता हु तो सचिन रुम में मौजूद नहीं था तो में भी तैयार होकर कमरे से बाहर आ जाता हु! सचिन होल में नजर नहीं आता है तो में बिना सोचे समझे किचन में घूस जाता हु लेकिन उधर तो दोनों भाई-बहन का किसिंग चल रहा था लेकिन मेरे आने से श्रुति रुक जाती है और सचिन मुझे देखकर मुस्कराता है.
सचिव : तुम दिदी के साथ एकेले में बातचीत कर लो में बाहर जाता हु.
सचिन इतना कहकर किचन से बाहर आ जाता है लेकिन मुझे समझ नहीं आता है केसे क्या बात करु.
श्रुति : आने में कोई परेशानी नहीं हुई ने.
में : नहीं. वेसे तुम सुंदर दिख रही हो अभी.
श्रुति : हम.
श्रुति बात करते हुए रोटी बनाने लगती है और में उनके पास चला जाता हूँ. मुझे थोड़ा सा अजीब डर लग रहा था लेकिन मे हिम्मत करके श्रुति को पिछे से बाहों में झकड लेता हूं श्रुति को अजीब लगता है लेकिन वो कुछ नहीं बोलती है. उसे भी पता ही है में इधर उसको पेलने ही आया हु और उसको चुदवाना है वो भी दो लंडो से जो चुदाई के लिए बेताब हैं.
करीब दो महिने ऐसे ही बित गए और फिर एक दिन सचिन ने मुझे बताया कि उसके जिजाजी चार दिन के लिए दिल्ली जाने वाले हैं जिसका हम इंतजार कर रहे थे तो मेने तूंरत सचिन को हा बोल दिया और सचिन ए अपनी दिदी को बताया कि तब हम दोनों मुंबई आएगे इसके लिए सचिन एक प्लान भी बना लिया.
सचिन ए अपने जिजाजी दिपक को यह बताया कि उसका एक दोस्त हैं जो मुंबई घूमना चाहते हैं तो पांच दिनों के लिए वो मुंबई आ रहे हैं तो दिपक ने बोला कि वो तो दिल्ली जा रहे हैं जो बात सचिन को पता थी लेकिन दिपक ने हम दोनों को आने को बोल दिया.
अब एक हफ्ते का इंतजार है जब श्रुति की चुत में लंड घूसने वाला है जब श्रुति को अपने भाई के सामने घुटनों के बल बेठकर मेरा लंड चुसना पड़ेगा जब सचिन मेरे सामने ही अपनी दिदी को पेलेगा.
सचिन ए अपनी दिदी को बहुत चोदा है तो मेने भी सचिन को बोल दिया कि जब हम जाएगें तब पहली रात को सबसे पहले में श्रुति की चुदाई करूँगा तो सचिन भी मान गया वेसे भी बाद में दोनों साथ मिलकर श्रुति को पेलने वालें ही है.
में अहमदाबाद से और सचिन अपने घर से 20 माचॅ को निकलेंगे और दोनों मुंबई के सेन्ट्रल रेलवे-स्टेशन पर मिलेंगे और फिर वहां से टेक्सी लेकर थाने जाएगें जहाँ श्रुति फ्लेट में रहती है तब दिपक भी चला गया होगा.
दिपक को ऐसा लग रहा है वो जब दिल्ली जाएगें तब सचिन घर पर होगा जिससे श्रुती अकेली नहीं होगी उनको कोई चिंता नहीं होगी लेकिन उनको यह नहीं मालूम है कि वो दिल्ली होगे इधर उनकी बिवी की दिन-रात चुदाई होने वाली है. दिपक जी दिल्ली में कंपनी के काम में होगे इधर उनकी बिवी दोनों में किसी से चुद रही होगी. वेसे दिपक भी चुदाई के बहुत सोखिन है श्रुति ने मुझे बताया था कि वो अक्सर रात चुदाई करते हैं और ओफ डे (रविवार) को तो बहुत चुदाई का मजा लेते हैं.
में अपने हिसाब से मुंबई जाने के लिए तैयार था बस अब दिन कट रहे थे.
फिर वो दिन आ जाता है जिसका हम इंतजार कर रहे थे हम दोनों अपने हिसाब से टाइम के मुताबिक अपने शहर से मुंबई जाने के लिए निकल जाते हैं.
२० माचॅ को पांच बजे सबसे पहले सचिन पहुंच जाता है और ४० मिनट बाद में भी मुंबई पहुंच जाता हु तब पहली बार हम दोनों की मूलाकात होती है.
फिर हम दोनों टेक्सी देखते हैं और थाने के लिए निकल जाते हैं. सचिन तो बहुत बार आ चुका था तो उसने मुंबई देखा था लेकिन में पहली बार मुंबई आ रहा था तो सचिन मुझे जगह के बारे में भी बता रहा था और हम धीमे से अपनी बातें भी कर रहे थे.
हम करीब सात बजे ऐड्रेस पर पहुंचते हैं जिस अपार्टमेंट में श्रुति और दिपक फ्लेट में रहते है. हम दोनों टेक्सी से उतरते हैं अपना सामान लेते हैं और पैसे देकर लिफ्ट के जरिए ऊपर जाते हैं और आखिर वो समय आ जाता है जब श्रुति से मूलाकात होगी.
सचिन ए तो मुझे ही बोला था कि में जेसे चाहु ऐसे श्रुति के साथ एंजॉय कर सकता हूं क्योंकि ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा.
में सचिन के पिछे खड़ा था और वो डोरबेल बजाता है तभी एक श्रुति दरवाज़ा ओपन करती है और हम दोनों को देखकर स्माइल करती है.
सचिन तो बिना देर किए सबसे पहले श्रुति को गले लगा लेता है और मेरे सामने ही उनके गाल को चुम लेता है लेकिन श्रुति कुछ नहीं बोलती है और फिर वो अंदर चला जाता है और में श्रुति से हाथ मिलाकर में अंदर आ जाता हु.
हम दोनों लिवींग रुम में सोफे पर जाकर बेठते है और श्रुति दोनों को पानी लाकर देती है. अभी वो डिनर बना रही थी तो हमसे ज्यादा बात ना करते हुए किचन में चली जाती है.
सचिन मुझे दुसरे कमरें में ले जाता है जहां हम रुकने वाले हैं मेरे कहने पर सचिन सबसे पहले बाथरुम में फ्रेश होने के लिए चला जाता है.
सचिन के आने के बाद में नहाने के लिए चला जाता हूँ जब नहाकर में बाहर आता हु तो सचिन रुम में मौजूद नहीं था तो में भी तैयार होकर कमरे से बाहर आ जाता हु! सचिन होल में नजर नहीं आता है तो में बिना सोचे समझे किचन में घूस जाता हु लेकिन उधर तो दोनों भाई-बहन का किसिंग चल रहा था लेकिन मेरे आने से श्रुति रुक जाती है और सचिन मुझे देखकर मुस्कराता है.
सचिव : तुम दिदी के साथ एकेले में बातचीत कर लो में बाहर जाता हु.
सचिन इतना कहकर किचन से बाहर आ जाता है लेकिन मुझे समझ नहीं आता है केसे क्या बात करु.
श्रुति : आने में कोई परेशानी नहीं हुई ने.
में : नहीं. वेसे तुम सुंदर दिख रही हो अभी.
श्रुति : हम.
श्रुति बात करते हुए रोटी बनाने लगती है और में उनके पास चला जाता हूँ. मुझे थोड़ा सा अजीब डर लग रहा था लेकिन मे हिम्मत करके श्रुति को पिछे से बाहों में झकड लेता हूं श्रुति को अजीब लगता है लेकिन वो कुछ नहीं बोलती है. उसे भी पता ही है में इधर उसको पेलने ही आया हु और उसको चुदवाना है वो भी दो लंडो से जो चुदाई के लिए बेताब हैं.