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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
स्तनमर्दन के बाद आगे बढ़ अभिषेक ने अपना लंड शालिनी के मुंह में घुसा दिया। कृतज्ञ शालिनी पूरी लगन से उसका लंड चूसने लगी। कभी उसके लंड को ऊपर उठा उसके गोटे को चूसती तो कभी तने और सुपाड़े के जोड़ के पास के गड्ढे में अपने जीभ को घुमाती तो कभी लंड को जितना संभव उतना मुंह के अंदर डालती। जब अभिषेक पर्याप्त उत्तजेना को प्राप्त कर गया तब वो संभोग क्रिया में लिप्त हो गया। अभिषेक संभोग कला में पारंगत था। जब उसकी उत्तेजना उसके नियंत्रण से बाहर जाती तो वो चुदाई की गति धीमी कर देता। फिर नियंत्रण में आने के बाद गति बढ़ा देता। अगली आधी सदी तक अभिषेक अलग अलग आसनों में अलग अलग तरह से शालिनी की चुदाई करता रहा। अभिषेक के पराक्रम के सामने शालिनी की कोई हैसियत नहीं थी। अभिषेक झड़े उससे पहले शालिनी तीन बार झड़ गई।

अभिषेक ने वीर्यपात शालिनी के चेहरे पर किया। थोड़ी देर तक दोनों स्विमिंग पूल के किनारे थक कर नंगे लेटे रहे। थोड़ा सुस्ताने के बाद शालिनी ने स्विमिंग पूल के पानी से ही अपना मुंह धोया और ब्रा - पैंटी को पूल में ही छोड़ अपना ड्रेस पहन वापस अपने कमरे में आ गई। दोपहर हो चुका था। कल सुबह से ही शालिनी ने कुछ खाया नहीं था। उसने रूम पर खाना मंगवा कर भर पेट खाना खाया। घंटो चली जबरदस्त चुदाई से शालिनी का अंग अंग टूट चुका था। वो आराम करने के लिए लेटी ही थी कि उसे गहरी नींद आ गई। जब शालिनी आंख खुली तो अंधेरा हो चुका था। फोन पर मनीष का 32 मिस्ड कॉल देख कर उसे याद आया कि उसका एक पति भी है और वो उसके साथ हनीमून पर आई है। पर अब तक तो मनीष को आ जाना चाहिए था? फिर मनीष का कॉल आने लगा।

"हैलो!"

"हैलो, तुम अभी तक गुस्सा हो?"

शालिनी गुस्सा तो नहीं थी पर इस सवाल का क्या जवाब होता? "नहीं।" शालिनी नॉर्मल टोन में बोलना चाहती थी पर मनीष से गुस्से वाले टोन में बोलने की उसे आदत हो गई थी।

"प्लीज़ शालिनी, गुस्सा मत हो। आई एम रियली सॉरी। अगर मेरे बस में होता तो मैं तुम्हें छोड़ कर बिल्कुल नहीं आता।"

"तुम हो कहां पर?"
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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 27-03-2022, 08:00 AM



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