26-03-2022, 05:57 PM
(This post was last modified: 30-03-2022, 04:28 PM by Hot_Guy. Edited 4 times in total. Edited 4 times in total.)
PART-24
हिना को ट्रेनिंग देने के बहाने उसका यौन शोषण करते करते 3 दिन कब निकल गए किसी को पता भी नहीं चला -इस दौरान अलग अलग तरह से शिवानी और गौरव ने हिना को बुरी तरह पेला और उसे एकदम पालतू जानवर की तरह बना दिया था और वह उन दोनों की हर बात को एक बार में ही मानने लगी थी
चौथे दिन सुबह 11 बजे जब परवेज़ हिना को वापस लेने गौरव के पास आया तो हिना उस समय शिवानी के कमरे में उसकी सेवा कर रही थी.
गौरव परवेज को अपने कमरे में ले आया और उससे बोला : मैंने अपने वादे के मुताबिक तेरी वाइफ को एकदम बढ़िया ट्रेनिंग दे दी है. लेकिन पांच मिनट की ट्रेनिंग तुझे भी देनी जरूरी है-जिसके बिना पिछले तीन दिनों से हिना को दी गयी ट्रेनिंग का मज़ा और फायदा तुझे पूरी तरह नहीं मिल पायेगा
परवेज़ : भाई ,यह तो बहुत बढ़िया बात है- तू मुझे पांच मिनट क्या पचास मिनट की ट्रेनिंग दे दे तो वह भी चलेगा
गौरव : देख अब जो कुछ भी मैं तुझसे कहने जा रहा हूँ-उसे बहुत ध्यान से सुन क्योंकि जो मैं कहने जा रहा हूँ, उसी में इस ट्रेनिंग की सफलता का सीक्रेट छिपा हुआ है
परवेज़ ध्यान से गौरव की बात सुनने लगा
गौरव ने बोलना शुरू किया : हर औरत शादी से पहले या बाद में यही चाहती है कि उसका मर्द चाहे वह बॉय फ्रेंड हो या फिर पति हो, उसे अपने पूरे कंट्रल और रौब दाब में रखे -इसका मतलब यही है कि अपनी गर्ल फ्रेंड या पत्नी को कुछ भी कहते समय मर्द की आवाज़ में काफी रौब और आवाज़ कड़क होनी चाहिए. उसे मर्द की आवाज़ सुनकर अपनी टांगों के बीच अगर गीलापन महसूस नहीं हो रहा है तो समझो कि तुम्हारी बात में अभी वह रौबीला पन नहीं आया है -कुल मिलाकर तुम्हारी औरत तुम्हारे इशारे पर नाचनी चाहियें-यह सुनिश्चित करना मर्द का काम है कि उसकी वाइफ या उसकी गर्ल फ्रेंड उसकी हर बात माने और एक बार में ही माने -ऐसा नहीं होता है तो सारी गलती मर्द की ही होती है-औरत की नहीं-औरत तो पैदा ही मर्द के इशारों पर नाचने के लिए हुई है-अगर मर्द उसे अपने इशारे पर नहीं नचवा पा रहा है, तो यह उसकी गलती है, औरत की नहीं
गौरव अपनी बात ख़त्म करके रुक गया और बोला : चल अब शिवानी के कमरे में चलते हैं-वहां हिना भी बैठी हुई है-हम लोग चाय नाश्ता भी साथ साथ कर लेंगे और तुझे मैं तेरे सामने यह दिखा भी दूंगा कि हिना की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है -अगर फिर भी कभी तुझे मेरी जरूरत पड़े, तो मैं तो हमेशा ही तेरे लिए हाज़िर हूँ.
दोनों उठकर अब शिवानी के कमरे में आ गए. वहां टेबल पर चाय नाश्ता पहले से ही रखा हुआ था. सब लोगों ने फटाफट चाय नाश्ता कर लिया.
गौरव और परवेज़ टी शर्ट और जींस पहने हुए सोफे पर पास पास बैठे हुए थे.
उनके सामने वाली साइड पर दो कुर्सियों पर हिना और शिवानी बैठी हुई थीं
शिवानी ने साड़ी पहनी हुई थी और हिना जो कपडे यहां पहनकर आयी थी, वही पहनकर बैठी हुई थी- उसने स्लीवलेस टॉप और पूरी टांगों को ढकने वाली लम्बी सी स्कर्ट पहनी हुई थी
कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही और सब एक दूसरे की तरफ देखकर आगे होने वाली घटनाओं के प्रति आशंकित से लग रहे थे. हिना और शिवानी कुछ ज्यादा ही बेचैन थी -शिवानी इसलिए बेचैन थी कि अब हिना के जाने के बाद गौरव का सारा फोकस उस पर ही आने वाला था और अब तक जिस तरह से हिना को पेला जा रहा था, वही सब कुछ उसके साथ शुरू होने वाला था
हिना इसलिए बेचैन थी कि उसे यह नहीं मालूम था कि अब परवेज़ के साथ घर वापस जाने से पहले और बाद में उसके साथ क्या-कुछ होने वाला है
अचानक ही गौरव ने हिना की तरफ देखकर कड़क आवाज़ में उसे उंगली के इशारे से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा : इधर मेरे नज़दीक आकर आकर खड़ी हो जाओ
हिना बिना किसी देरी के एकदम अपनी कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी और धीरे धीरे चलते हुए गौरव के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
गौरव : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ
हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव : नीचे फर्श पर बैठ जाओ
हिना हाथ ऊपर किये किये ही नीचे जमीन पर बैठ गयी
गौरव : फिर खड़ी हो जाओ
हिना फिर से खड़ी हो गयी
गौरव : अब थोड़ी अपनी टांगें खोलो
हिना ने अपनी टांगों को थोड़ा और खोल दिया
गौरव : अब अपने कान पकड़ो और गिनती बोलते हुए दस बार उठक बैठक लगाकर दिखाओं
हिना ने कान पकड़ लिए और गिनती बोल बोल कर उठक बैठक लगाने लगी
गौरव ने परवेज़ की तरफ देखा. वह एकदम सकते में आ गया था और उसकी जींस के अंदर बहुत बड़ा टेंट अब तक बन चुका था जिसे वह अपने हाथ से एडजस्ट करने की असफल कोशिश कर रहा था
जब हिना उठक बैठक लगा चुकी तो गौरव उससे बोला : नीचे बैठो और परवेज़ के जूते उतारो
हिना नीचे परवेज़ के पैरों के पास बैठ गयी और उसके जूतों के फीते खोलने लगी
परवेज़ को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब सपना था या फिर हकीकत में हो रहा था
हिना जब परवेज़ के दोनों जूते उतार चुकी तो गौरव उससे बोला : अब मोज़े भी उतारो
हिना ने मोज़े भी उतार दिए
गौरव : अब इन पैरों को अपने हाथों में एक एक करके उठाओ और इनकी चूमा चाटी करो
गौरव का अपना लण्ड भी जींस के अंदर कड़क होकर खड़ा हो चुका था लेकिन वह उसे एडजस्ट करने की बजाये उस पर अपना हाथ फिराए जा रहा था
परवेज़ को तो इतना मज़ा अपनी पूरी जिंदगी में नहीं आया था जितना उसे आज पांच मिनटों केअंदर मिल चुका था
जब काफी देर तक हिना परवेज़ के दोनों पैरों को आगे पीछे से चूम-चाट चुकी तो गौरव उससे बोला : चलो अब खड़ी अपने हाथ ऊपर करके परवेज़ के सामने खड़ी रहो
कुछ देर तक हिना इसी तरह अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर परवेज़ के सामने खड़ी रही-कुछ देर बाद परवेज बोला : ठीक है गौरव भाई. तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया. अब हम लोग अभी चलते हैं -फिर जब अगली बार आएंगे तो फिर से मुलाकात होगी. हम लोगों को 4 बजे शहर निकलना है और अभी घर जाकर पैकिंग भी करनी है
सब लोग नीचे की तरफ चलने लगे लेकिन परवेज़ यह देखकर हैरान था कि हिना अभी भी अपने हाथ ऊपर उठाकर चल रही थी. उसने गौरव के कान में पूछा : यार यह अपने हाथ नीचे क्यों नहीं कर रही है , नीचे अंकल आंटी देखेंगे तो क्या कहेंगे ?
गौरव : जब तक तुम या मैं इसे हाथ नीचे करने के लिए नहीं कहेंगे, यह अपने हाथ नीचे नहीं करेगी-यही तो मेरी ट्रेनिंग का जलवा है भाई !
अब परवेज़ ने कहा : अपने हाथ नीचे करो हिना
हिना ने तुरंत अपने हाथ नीचे कर लिए
परवेज़ ने "टेस्ट" करने के लिए फिर से बोला : फिर से अपने हाथ ऊपर उठाओ
परवेज़ ने देखा कि उसने फिर से अपने हाथ ऊपर उठा लिए थे -अब तो उसका लण्ड उसकी जींस ने एकदम बेकाबू हो गया था
परवेज़ फिर से बोला : ठीक है, अपने हाथ नीचे कर लो
हिना ने अपने हाथ फिर से नीचे कर लिए
हिना को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में देखकर परवेज़ ने एक बार फिर से अपने खड़े हो रहे लण्ड को ठीक से एडजस्ट किया और फिर वह गौरव को शुक्रिया कहता हुआ हिना को लेकर वहां से रवाना हो गया
गौरव और शिवानी उन दोनों को वहां से जाते हुए देखने लगे
गौरव और शिवानी अब घर में वापस आकर अपने अपने कमरे में चले गए
शेष अगले भाग में ......
हिना को ट्रेनिंग देने के बहाने उसका यौन शोषण करते करते 3 दिन कब निकल गए किसी को पता भी नहीं चला -इस दौरान अलग अलग तरह से शिवानी और गौरव ने हिना को बुरी तरह पेला और उसे एकदम पालतू जानवर की तरह बना दिया था और वह उन दोनों की हर बात को एक बार में ही मानने लगी थी
चौथे दिन सुबह 11 बजे जब परवेज़ हिना को वापस लेने गौरव के पास आया तो हिना उस समय शिवानी के कमरे में उसकी सेवा कर रही थी.
गौरव परवेज को अपने कमरे में ले आया और उससे बोला : मैंने अपने वादे के मुताबिक तेरी वाइफ को एकदम बढ़िया ट्रेनिंग दे दी है. लेकिन पांच मिनट की ट्रेनिंग तुझे भी देनी जरूरी है-जिसके बिना पिछले तीन दिनों से हिना को दी गयी ट्रेनिंग का मज़ा और फायदा तुझे पूरी तरह नहीं मिल पायेगा
परवेज़ : भाई ,यह तो बहुत बढ़िया बात है- तू मुझे पांच मिनट क्या पचास मिनट की ट्रेनिंग दे दे तो वह भी चलेगा
गौरव : देख अब जो कुछ भी मैं तुझसे कहने जा रहा हूँ-उसे बहुत ध्यान से सुन क्योंकि जो मैं कहने जा रहा हूँ, उसी में इस ट्रेनिंग की सफलता का सीक्रेट छिपा हुआ है
परवेज़ ध्यान से गौरव की बात सुनने लगा
गौरव ने बोलना शुरू किया : हर औरत शादी से पहले या बाद में यही चाहती है कि उसका मर्द चाहे वह बॉय फ्रेंड हो या फिर पति हो, उसे अपने पूरे कंट्रल और रौब दाब में रखे -इसका मतलब यही है कि अपनी गर्ल फ्रेंड या पत्नी को कुछ भी कहते समय मर्द की आवाज़ में काफी रौब और आवाज़ कड़क होनी चाहिए. उसे मर्द की आवाज़ सुनकर अपनी टांगों के बीच अगर गीलापन महसूस नहीं हो रहा है तो समझो कि तुम्हारी बात में अभी वह रौबीला पन नहीं आया है -कुल मिलाकर तुम्हारी औरत तुम्हारे इशारे पर नाचनी चाहियें-यह सुनिश्चित करना मर्द का काम है कि उसकी वाइफ या उसकी गर्ल फ्रेंड उसकी हर बात माने और एक बार में ही माने -ऐसा नहीं होता है तो सारी गलती मर्द की ही होती है-औरत की नहीं-औरत तो पैदा ही मर्द के इशारों पर नाचने के लिए हुई है-अगर मर्द उसे अपने इशारे पर नहीं नचवा पा रहा है, तो यह उसकी गलती है, औरत की नहीं
गौरव अपनी बात ख़त्म करके रुक गया और बोला : चल अब शिवानी के कमरे में चलते हैं-वहां हिना भी बैठी हुई है-हम लोग चाय नाश्ता भी साथ साथ कर लेंगे और तुझे मैं तेरे सामने यह दिखा भी दूंगा कि हिना की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है -अगर फिर भी कभी तुझे मेरी जरूरत पड़े, तो मैं तो हमेशा ही तेरे लिए हाज़िर हूँ.
दोनों उठकर अब शिवानी के कमरे में आ गए. वहां टेबल पर चाय नाश्ता पहले से ही रखा हुआ था. सब लोगों ने फटाफट चाय नाश्ता कर लिया.
गौरव और परवेज़ टी शर्ट और जींस पहने हुए सोफे पर पास पास बैठे हुए थे.
उनके सामने वाली साइड पर दो कुर्सियों पर हिना और शिवानी बैठी हुई थीं
शिवानी ने साड़ी पहनी हुई थी और हिना जो कपडे यहां पहनकर आयी थी, वही पहनकर बैठी हुई थी- उसने स्लीवलेस टॉप और पूरी टांगों को ढकने वाली लम्बी सी स्कर्ट पहनी हुई थी
कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही और सब एक दूसरे की तरफ देखकर आगे होने वाली घटनाओं के प्रति आशंकित से लग रहे थे. हिना और शिवानी कुछ ज्यादा ही बेचैन थी -शिवानी इसलिए बेचैन थी कि अब हिना के जाने के बाद गौरव का सारा फोकस उस पर ही आने वाला था और अब तक जिस तरह से हिना को पेला जा रहा था, वही सब कुछ उसके साथ शुरू होने वाला था
हिना इसलिए बेचैन थी कि उसे यह नहीं मालूम था कि अब परवेज़ के साथ घर वापस जाने से पहले और बाद में उसके साथ क्या-कुछ होने वाला है
अचानक ही गौरव ने हिना की तरफ देखकर कड़क आवाज़ में उसे उंगली के इशारे से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा : इधर मेरे नज़दीक आकर आकर खड़ी हो जाओ
हिना बिना किसी देरी के एकदम अपनी कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी और धीरे धीरे चलते हुए गौरव के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
गौरव : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ
हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव : नीचे फर्श पर बैठ जाओ
हिना हाथ ऊपर किये किये ही नीचे जमीन पर बैठ गयी
गौरव : फिर खड़ी हो जाओ
हिना फिर से खड़ी हो गयी
गौरव : अब थोड़ी अपनी टांगें खोलो
हिना ने अपनी टांगों को थोड़ा और खोल दिया
गौरव : अब अपने कान पकड़ो और गिनती बोलते हुए दस बार उठक बैठक लगाकर दिखाओं
हिना ने कान पकड़ लिए और गिनती बोल बोल कर उठक बैठक लगाने लगी
गौरव ने परवेज़ की तरफ देखा. वह एकदम सकते में आ गया था और उसकी जींस के अंदर बहुत बड़ा टेंट अब तक बन चुका था जिसे वह अपने हाथ से एडजस्ट करने की असफल कोशिश कर रहा था
जब हिना उठक बैठक लगा चुकी तो गौरव उससे बोला : नीचे बैठो और परवेज़ के जूते उतारो
हिना नीचे परवेज़ के पैरों के पास बैठ गयी और उसके जूतों के फीते खोलने लगी
परवेज़ को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब सपना था या फिर हकीकत में हो रहा था
हिना जब परवेज़ के दोनों जूते उतार चुकी तो गौरव उससे बोला : अब मोज़े भी उतारो
हिना ने मोज़े भी उतार दिए
गौरव : अब इन पैरों को अपने हाथों में एक एक करके उठाओ और इनकी चूमा चाटी करो
गौरव का अपना लण्ड भी जींस के अंदर कड़क होकर खड़ा हो चुका था लेकिन वह उसे एडजस्ट करने की बजाये उस पर अपना हाथ फिराए जा रहा था
परवेज़ को तो इतना मज़ा अपनी पूरी जिंदगी में नहीं आया था जितना उसे आज पांच मिनटों केअंदर मिल चुका था
जब काफी देर तक हिना परवेज़ के दोनों पैरों को आगे पीछे से चूम-चाट चुकी तो गौरव उससे बोला : चलो अब खड़ी अपने हाथ ऊपर करके परवेज़ के सामने खड़ी रहो
कुछ देर तक हिना इसी तरह अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर परवेज़ के सामने खड़ी रही-कुछ देर बाद परवेज बोला : ठीक है गौरव भाई. तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया. अब हम लोग अभी चलते हैं -फिर जब अगली बार आएंगे तो फिर से मुलाकात होगी. हम लोगों को 4 बजे शहर निकलना है और अभी घर जाकर पैकिंग भी करनी है
सब लोग नीचे की तरफ चलने लगे लेकिन परवेज़ यह देखकर हैरान था कि हिना अभी भी अपने हाथ ऊपर उठाकर चल रही थी. उसने गौरव के कान में पूछा : यार यह अपने हाथ नीचे क्यों नहीं कर रही है , नीचे अंकल आंटी देखेंगे तो क्या कहेंगे ?
गौरव : जब तक तुम या मैं इसे हाथ नीचे करने के लिए नहीं कहेंगे, यह अपने हाथ नीचे नहीं करेगी-यही तो मेरी ट्रेनिंग का जलवा है भाई !
अब परवेज़ ने कहा : अपने हाथ नीचे करो हिना
हिना ने तुरंत अपने हाथ नीचे कर लिए
परवेज़ ने "टेस्ट" करने के लिए फिर से बोला : फिर से अपने हाथ ऊपर उठाओ
परवेज़ ने देखा कि उसने फिर से अपने हाथ ऊपर उठा लिए थे -अब तो उसका लण्ड उसकी जींस ने एकदम बेकाबू हो गया था
परवेज़ फिर से बोला : ठीक है, अपने हाथ नीचे कर लो
हिना ने अपने हाथ फिर से नीचे कर लिए
हिना को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में देखकर परवेज़ ने एक बार फिर से अपने खड़े हो रहे लण्ड को ठीक से एडजस्ट किया और फिर वह गौरव को शुक्रिया कहता हुआ हिना को लेकर वहां से रवाना हो गया
गौरव और शिवानी उन दोनों को वहां से जाते हुए देखने लगे
गौरव और शिवानी अब घर में वापस आकर अपने अपने कमरे में चले गए
शेष अगले भाग में ......
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हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा