26-03-2022, 04:39 PM
(This post was last modified: 26-03-2022, 06:01 PM by Hot_Guy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
PART -23
गौरव सोफे पर बैठा बैठा कुछ देर तक हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ फेर फेर कर उन्हें थपथपाता रहा
हिना अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों के बल घोड़ी बने बने काफी थक चुकी थी और बार बार यह कह रही थी : सर मैं बहुत थक गयी हूँ...मुझे अब और घोड़ी मत बनाओ...मैं वह सब करूंगी जो आप मुझे हुक्म दोगे लेकिन प्लीज़ अब और नहीं...
गौरव को मालूम था कि लड़कियों को अपने कंट्रोल में करने के लिए उन्हें इस तरह से प्रताड़ित करना बहुत जरूरी है, इसलिए वह बार बार उसे हड़काते हुए यही कह रहा था : जब तक मैं तुम्हे उठने की परमिशन नहीं दूँ, तब तक तुम्हे इसी तरह घोड़ी बने रहना है
गौरव ने अब सोफे से खड़े होते हुए अपने सारे कपडे उतार फेंके और बिल्कुल नंगा हो गया -सारे कपडे उतारने के बाद गौरव बिस्तर पर जाकर सीधा होकर लेट गया और लेटे लेटे ही हिना से बोला : आ जा अब उठकर बिस्तर पर आ जा और मेरी सेवा कर
हिना एकदम उठकर खड़ी हो गयी और बिस्तर पर पहुँच गयी जहां उसने पहली बार गौरव को पूरी तरह निर्वस्त्र अवस्था में देखा
गौरव : चलो अब तुम अपनी जीभ और होंठों का इस्तेमाल करते हुए मेरे लण्ड के ऊपरी हिस्से को, अंडकोषों को और उसके आसपास की जगह की चूमा चाटी शुरू करो
हिना अब गौरव की टांगों के बीच अपने चेहरे को उस जगह ले गयी जहां गौरव का लण्ड एकदम तनकर खड़ा हुआ था -अपनी जीभ से उसने उसके लण्ड पर फिराना शुरू कर दिया.
गौरव बोला : सब जगह जीभ फिराओ -आसपास के सारा हिस्सा अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ करो
गौरव के लण्ड के नीचे के अंडकोषों पर भी हिना ने अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी लेकिन उसके मुंह का टेस्ट एकदम ख़राब सा हो गया क्योंकि वहां गौरव के बालों में से बहुत ज्यादा अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी -उसने अपने चेहरे को वहां से हटते हुए गौरव से कहा : सर यहां तो बहुत ज्यादा दुर्गन्ध आ रही है -पहले आप वाशरूम जाकर इसे पानी से धो लें फिर मैं यहां भी चूमा चाटी कर दूंगी
गौरव ने अपने पास रखा हाउ हंटर उठाकर उसे जोर से हिना के बदन पर मारते हुए कहा : यह सब नखरे और बहाने अब नहीं चलेंगे -सब कुछ तुझे अपने होंठों और जीभ से ही साफ़ करना है -जब तक यहाँ से दुर्गन्ध आनी एकदम ख़त्म न हो जाए, तब तक तुझे इसी तरह चूमते चाटते रहना है -चल शुरू हो जा
हिना का अब पूरा चेहरा उसकी जांघों के बीच में बार बार रगड़ खा रहा था -गौरव को तो कोई रोकने वाला नहीं था और वह एकदम निरंकुश होकर उससे कह रहा था : मेरी जाँघों के अंदरूनी हिस्से पर भी अपनी जीभ फिरा फिराकर वहां साफ़ करो - उसकी जाँघों के अंदरूनी भाग को चाटने के लिए हिना को और अधिक अपने चेहरे को झुकना पड़ा जिसकी वजह से उसके मस्त मस्त मम्मे अब उसके लण्ड से टकराकर उसके लण्ड के साइज को और अधिक बढ़ा रहे थे
गौरव अब हिना से पूछने लगा : तुमने कभी परवेज़ की भी इस तरह से सेवा की है ?
हिना : नहीं सर
गौरव : फिर मेरी क्यों कर रही हो ?
हिना : सर आपसे मुझे बहुत डर लग रहा है- आप बात बात में बहुत सख्त सजा दे रहे हो
गौरव (मुस्कुराते हुए) : मतलब जब तक तुम्हे डराया नहीं जाएगा तुम अपने बदन पर किसी को हाथ भी नहीं लगाने दोगी चाहे वह शख्स तुम्हारा पति ही क्यों न हो
हिना : जी सर , डर के मारे तो सब कुछ करना पड़ता है
गौरव : तो तुम यह चाहती हो कि परवेज़ भी तुम्हारे साथ वही सब कुछ करे जो मैं कर रहा हूँ ?
हिना कुछ नही बोली तो गौरव ने फिर से एक जोर का हंटर उसके बदन पर लगाया और बोला : जब तक मैं तुमसे सवाल कर रहा हूँ, जबाब देती रहो वरना तुम्हारे इस खूबसूरत बदन पर हंटर लगते रहेंगे
हिना : जी सर आप ठीक कह रहे हैं
गौरव : साफ़ साफ़ बोल -गोलमोल बात मत कर
हिना : परवेज भी मेरे साथ अगर वही सब करेंगे जो आप कर रहे हैं तो मुझे मजबूरन उनकी भी हरबात और हर हुक्म मानना पड़ेगा
गौरव : वैरी गुड़- अब ऐसा कर यहां बिस्तर पर अपनी टाँगे फैलाकर सीधी होकर लेट जा -अब तेरी चुदाई शुरू की जाएगी
हिना बिस्तर पर गौरव की बगल में ही लेट गयी और अपने टांगों को थोड़ा सा फैला लिया
गौरव ने अब अपने बदन को हिना के बदन के नीचे दबाते हुए अपने लण्ड को उसकी गीली हो रही चूत के अंदर दाल दिया और उसकी जमकर चुदाई करने लगा. उसके सीने के नीचे हिना के मखमली मम्मे दबे हुए थे और वह अपने चेहरे को हिना के गोरे चेहरे पर रगड़ते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूस रहा था
काफी देर तक हिना की मस्त जवानी को रौंदने के बाद गौरव अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया और अपने लण्ड की पिचकारी उसकी चूत के अंदर छोड़ दी. हिना के मुंह से भी एक हर्ष मिश्रित आवाज़ निकल गयी जिसका मतलब था कि वह भी अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी.
इसके बाद गौरव ने अपने लण्ड को बाहर निकाला और उसे लेकर वह हिना के मस्त मस्त मम्मों पर बैठ गया और उसके होंठों पर अपने वीर्य से साणे लण्ड को रखते हुए बोला : चल इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर
हिना अपनी जीभ को उसके लण्ड के चारों तरफ गोल गोल घुमाकर उसे साफ़ करने लगी -जब लण्ड पूरी तरह साफ़ हो गया तो गौरव की हिम्मत और बढ़ गयी. उसने आगे बढ़कर अपने नितम्बों को हिना के चेहरे के ऊपर ले जाकर उसके मुंह पर टिका दिया और उससे बोला : अब मेरे नितम्बों की चूमा चाटी शुरू करो
हिना को इस की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. वह कहने लगी : नहीं सर, यह तो बहुत गन्दा काम है-मुझसे नहीं होगा -इस जगह पर मैं चूमा चाटी कैसे कर सकती हूँ -प्लीज़ सर मुझे इतना ज़लील मत कीजिये
गौरव : अगर किसी और सख्त सजा से बचना चाहती है तो मेरी हर बात को एक बार में ही मानने की आदत दाल ले रंडी वरना तुझे बहुत पछताना पड़ेगा-चल अब शुरू हो जा और चूमा चाटी शुरू कर दे
बेबसी की मारी हिना ने अपने होंठों और जीभ का इस्तेमाल करते हुए वही सब कुछ किया जो गौरव चाहता था
अपनी पूरी तसल्ली करवाने के बाद गौरव बिस्तर पर लेट गया और हिना से बोला : मेरे पूरी बदन पर अपने हाथ फिरा फिराकर तब तक मालिश करती रह, जब तक मुझे नींद न आ जाए. जब मुझे नींद आ जाए, तब तू भी यहीं मेरे पास सो जाना
शेष अगले भाग में
गौरव सोफे पर बैठा बैठा कुछ देर तक हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ फेर फेर कर उन्हें थपथपाता रहा
हिना अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों के बल घोड़ी बने बने काफी थक चुकी थी और बार बार यह कह रही थी : सर मैं बहुत थक गयी हूँ...मुझे अब और घोड़ी मत बनाओ...मैं वह सब करूंगी जो आप मुझे हुक्म दोगे लेकिन प्लीज़ अब और नहीं...
गौरव को मालूम था कि लड़कियों को अपने कंट्रोल में करने के लिए उन्हें इस तरह से प्रताड़ित करना बहुत जरूरी है, इसलिए वह बार बार उसे हड़काते हुए यही कह रहा था : जब तक मैं तुम्हे उठने की परमिशन नहीं दूँ, तब तक तुम्हे इसी तरह घोड़ी बने रहना है
गौरव ने अब सोफे से खड़े होते हुए अपने सारे कपडे उतार फेंके और बिल्कुल नंगा हो गया -सारे कपडे उतारने के बाद गौरव बिस्तर पर जाकर सीधा होकर लेट गया और लेटे लेटे ही हिना से बोला : आ जा अब उठकर बिस्तर पर आ जा और मेरी सेवा कर
हिना एकदम उठकर खड़ी हो गयी और बिस्तर पर पहुँच गयी जहां उसने पहली बार गौरव को पूरी तरह निर्वस्त्र अवस्था में देखा
गौरव : चलो अब तुम अपनी जीभ और होंठों का इस्तेमाल करते हुए मेरे लण्ड के ऊपरी हिस्से को, अंडकोषों को और उसके आसपास की जगह की चूमा चाटी शुरू करो
हिना अब गौरव की टांगों के बीच अपने चेहरे को उस जगह ले गयी जहां गौरव का लण्ड एकदम तनकर खड़ा हुआ था -अपनी जीभ से उसने उसके लण्ड पर फिराना शुरू कर दिया.
गौरव बोला : सब जगह जीभ फिराओ -आसपास के सारा हिस्सा अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ करो
गौरव के लण्ड के नीचे के अंडकोषों पर भी हिना ने अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी लेकिन उसके मुंह का टेस्ट एकदम ख़राब सा हो गया क्योंकि वहां गौरव के बालों में से बहुत ज्यादा अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी -उसने अपने चेहरे को वहां से हटते हुए गौरव से कहा : सर यहां तो बहुत ज्यादा दुर्गन्ध आ रही है -पहले आप वाशरूम जाकर इसे पानी से धो लें फिर मैं यहां भी चूमा चाटी कर दूंगी
गौरव ने अपने पास रखा हाउ हंटर उठाकर उसे जोर से हिना के बदन पर मारते हुए कहा : यह सब नखरे और बहाने अब नहीं चलेंगे -सब कुछ तुझे अपने होंठों और जीभ से ही साफ़ करना है -जब तक यहाँ से दुर्गन्ध आनी एकदम ख़त्म न हो जाए, तब तक तुझे इसी तरह चूमते चाटते रहना है -चल शुरू हो जा
हिना का अब पूरा चेहरा उसकी जांघों के बीच में बार बार रगड़ खा रहा था -गौरव को तो कोई रोकने वाला नहीं था और वह एकदम निरंकुश होकर उससे कह रहा था : मेरी जाँघों के अंदरूनी हिस्से पर भी अपनी जीभ फिरा फिराकर वहां साफ़ करो - उसकी जाँघों के अंदरूनी भाग को चाटने के लिए हिना को और अधिक अपने चेहरे को झुकना पड़ा जिसकी वजह से उसके मस्त मस्त मम्मे अब उसके लण्ड से टकराकर उसके लण्ड के साइज को और अधिक बढ़ा रहे थे
गौरव अब हिना से पूछने लगा : तुमने कभी परवेज़ की भी इस तरह से सेवा की है ?
हिना : नहीं सर
गौरव : फिर मेरी क्यों कर रही हो ?
हिना : सर आपसे मुझे बहुत डर लग रहा है- आप बात बात में बहुत सख्त सजा दे रहे हो
गौरव (मुस्कुराते हुए) : मतलब जब तक तुम्हे डराया नहीं जाएगा तुम अपने बदन पर किसी को हाथ भी नहीं लगाने दोगी चाहे वह शख्स तुम्हारा पति ही क्यों न हो
हिना : जी सर , डर के मारे तो सब कुछ करना पड़ता है
गौरव : तो तुम यह चाहती हो कि परवेज़ भी तुम्हारे साथ वही सब कुछ करे जो मैं कर रहा हूँ ?
हिना कुछ नही बोली तो गौरव ने फिर से एक जोर का हंटर उसके बदन पर लगाया और बोला : जब तक मैं तुमसे सवाल कर रहा हूँ, जबाब देती रहो वरना तुम्हारे इस खूबसूरत बदन पर हंटर लगते रहेंगे
हिना : जी सर आप ठीक कह रहे हैं
गौरव : साफ़ साफ़ बोल -गोलमोल बात मत कर
हिना : परवेज भी मेरे साथ अगर वही सब करेंगे जो आप कर रहे हैं तो मुझे मजबूरन उनकी भी हरबात और हर हुक्म मानना पड़ेगा
गौरव : वैरी गुड़- अब ऐसा कर यहां बिस्तर पर अपनी टाँगे फैलाकर सीधी होकर लेट जा -अब तेरी चुदाई शुरू की जाएगी
हिना बिस्तर पर गौरव की बगल में ही लेट गयी और अपने टांगों को थोड़ा सा फैला लिया
गौरव ने अब अपने बदन को हिना के बदन के नीचे दबाते हुए अपने लण्ड को उसकी गीली हो रही चूत के अंदर दाल दिया और उसकी जमकर चुदाई करने लगा. उसके सीने के नीचे हिना के मखमली मम्मे दबे हुए थे और वह अपने चेहरे को हिना के गोरे चेहरे पर रगड़ते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूस रहा था
काफी देर तक हिना की मस्त जवानी को रौंदने के बाद गौरव अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया और अपने लण्ड की पिचकारी उसकी चूत के अंदर छोड़ दी. हिना के मुंह से भी एक हर्ष मिश्रित आवाज़ निकल गयी जिसका मतलब था कि वह भी अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी.
इसके बाद गौरव ने अपने लण्ड को बाहर निकाला और उसे लेकर वह हिना के मस्त मस्त मम्मों पर बैठ गया और उसके होंठों पर अपने वीर्य से साणे लण्ड को रखते हुए बोला : चल इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर
हिना अपनी जीभ को उसके लण्ड के चारों तरफ गोल गोल घुमाकर उसे साफ़ करने लगी -जब लण्ड पूरी तरह साफ़ हो गया तो गौरव की हिम्मत और बढ़ गयी. उसने आगे बढ़कर अपने नितम्बों को हिना के चेहरे के ऊपर ले जाकर उसके मुंह पर टिका दिया और उससे बोला : अब मेरे नितम्बों की चूमा चाटी शुरू करो
हिना को इस की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. वह कहने लगी : नहीं सर, यह तो बहुत गन्दा काम है-मुझसे नहीं होगा -इस जगह पर मैं चूमा चाटी कैसे कर सकती हूँ -प्लीज़ सर मुझे इतना ज़लील मत कीजिये
गौरव : अगर किसी और सख्त सजा से बचना चाहती है तो मेरी हर बात को एक बार में ही मानने की आदत दाल ले रंडी वरना तुझे बहुत पछताना पड़ेगा-चल अब शुरू हो जा और चूमा चाटी शुरू कर दे
बेबसी की मारी हिना ने अपने होंठों और जीभ का इस्तेमाल करते हुए वही सब कुछ किया जो गौरव चाहता था
अपनी पूरी तसल्ली करवाने के बाद गौरव बिस्तर पर लेट गया और हिना से बोला : मेरे पूरी बदन पर अपने हाथ फिरा फिराकर तब तक मालिश करती रह, जब तक मुझे नींद न आ जाए. जब मुझे नींद आ जाए, तब तू भी यहीं मेरे पास सो जाना
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा