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Adultery मस्तराम के मस्त किस्से
पर यहां कंट्रोल शालिनी के हाथों में नहीं, अभिषेक के हाथों में था। शालिनी को तड़पता देख कर शायद अभिषेक को आनंद आ रहा था। अभिषेक ने दो उंगली शालिनी की चूत में घुसा कर उसके क्लिट को चाटते हुए उसे उंगली से चोदने लगा। पिछली आधी सदी से अभिषेक शालिनी को उत्तेजित कर रहा था, उसे तरसा रहा था, उसे तड़पा रहा था। अब जब उस कुशल कामदेव का प्रहार सीधा उसकी चूत पर हो रहा था तो शालिनी कितनी देर बर्दाश्त कर सकती थी? शालिनी का तन तन गया, उसके हाथ पैर कांपने लगे। अभिषेक के बाल को वो ऐसे खींच रही थी मानो बाल जड़ से उखाड़ देना चाहती हो। शालिनी की प्रतिक्रिया से अभिषेक उसकी स्थिति को समझ गया और उसने उंगली से चुदाई की गति और बढ़ा दी। शालिनी चरम पर पहुंच गई। उसका तन ढीला पड़ गया, बाल पर पकड़ ढीला हुआ। उसके चूत से रसधार फूट पड़ी। पर जालिम अभिषेक अभी भी उंगली पेले जा रहा था। अभिषेक ने उसके चूत से निकली एक एक बूंद को चाट लिया। शालिनी अब शांत थी, अभूतपूर्व आनंद के झूले में झूल रही थी।

शालिनी के समर्पण और संतुष्टि के बाद बारी अभिषेक के तुष्टि की थी। अभिषेक ने जो आनंद शालिनी को दिया था उसके बदले अगर अभिषेक उससे जान भी मांग ले तो शालिनी हंसते हंसते दे देगी, अभी तो अभिषेक को बस संभोग में सहयोग चाहिए था। अपना अंडरवियर उतार अभिषेक स्विमिंग पूल से बाहर आया और शालिनी के पेट पर बैठ गया। उसने अपना लंड शालिनी के स्तन के बीच रखा तो शालिनी ने दोनों हाथों से अपने चूचियों को दबा कर उसके लंड को चूचियों से घेर लिया। शालिनी के चेहरे पर अब न क्रोध था न शर्म। अब चेहरे पर प्रसन्नता थी तो आंखों में शरारत। पहले से ही खड़ा लंड शालिनी के मुलायम, मस्त चूचियों के स्पर्श से तमतमा उठा। अभिषेक शालिनी की चूचियों को ऐसे चोदने लगा जैसे घुड़सवारी कर रहा हो। जब जब धक्का मार कर अभिषेक लंड को आगे करता शालिनी अपना मुंह खोल कर उसके लंड को जीभ से छूने की कोशिश करती।
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RE: मस्तराम के मस्त किस्से - by modern.mastram - 25-03-2022, 09:37 PM



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