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Adultery हर ख्वाहिश पूरी की
[Image: FB-IMG-1648034611132.jpg]


तुम बिन,
अधूरा अधूरा ये दिन
तुम बिन
मुस्कान खोई खोई सी

सुबह सिसकती
रात रोती है
हर पहर आँखें
इंतजार में होती हैं

सांसे उलझी
उलझी मेरी
बे सर पैर की
बातें सारी
लौट आओगी
सम्हाल लेने
फिर मेरा तुम
हाल लेने

सच तुम बिन
अधूरा हर दिन
और
तुम बिन
ये रातें बिलखती

सुनो, लौट आओ..?
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RE: हर ख्वाहिश पूरी की - by nitya.bansal3 - 24-03-2022, 09:58 PM



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