24-03-2022, 02:51 PM
(This post was last modified: 24-03-2022, 08:49 PM by Hot_Guy. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
PART-18
हिना शिवानी की तरफ देखकर गिड़गिड़ाती हुई बोली : प्लीज़ ऐसा मत करो...मेरे सारे कपडे मत उतरवाओ ...मुझे बहुत शर्म आती है... मैंने तो आज तक परवेज के लिए भी अपने सारे कपडे नहीं उतारे हैं
शिवानी अपनी मस्ती में थी -उसने एक बार फिर से हिना के गाल पर थप्पड़ लगाया और बोली : जल्दी कर साली, नखरे मत दिखा.
हिना ने गौरव की तरफ देखा की शायद वह कुछ मदद करे लेकिन गौरव तो अपने चेहरे पर शरारती मुस्कान बिखेरते हुए अपने लंड को सहलाने में व्यस्त था
हिना ने और कोई रास्ता न देख अपने टॉप को उतारना शुरू कर दिया -अब उसका चिकना गोरा बदन उसकी नीले रंग की ब्रा में साफ़ दिख रहा था
शिवानी ने ब्रा में कैद उसके मम्मों को दबाया और उसके चिकने पेट पर अपना हाथ फिराते हुए बोली : चल अब स्कर्ट भी उतार
हिना ने एक बार शिवानी और और फिर गौरव की तरफ देखा और बोली : अब बस करो...और कपडे मत उतरवाओ..मैं आप दोनों के हाथ जोड़ती हूँ
शिवानी ( हँसते हुए) : हाथ पैर भी जोड़ लेना लेकिन पहले कपडे उतार कर अपना खूबसूरत बदन तो दिखाना ही पडेगा-इसे किसके लिए छुपा कर रखा हुआ है साली
यह कहते हुए शिवानी ने खुद अपने हाथ से उसकी स्कर्ट के नाड़े को खींच दिया और एक पल में ही उसकी स्कर्ट सरककर नीचे जमीन पर गिर पडी
अब हिना सिर्फ ब्रा और पैंटी में लगभग निर्वस्त्र ही खड़ी हुई थी और उसका गोरा चिकना और मखमली बदन नुमायश पर लगा हुआ था
इससे पहले कि शिवानी हिना की ब्रा और पैंटी भी उतरवाती, गौरव शिवानी से बोला : शिवानी, अब तुम कुर्सी पर बैठ जाओ-अब आगे की ट्रेनिंग इस लौंडिया को मैं खुद दूंगा
यह कहकर गौरव सोफे से उठकर हिना के पास आ गया और बोला : चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठा ले
हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव ने अपना हाथ हिना के चिकने पेट पर फिराते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी बार को एक तरफ फेंक दिया -इसके बाद गौरव अपनी उंगली को उसके मखमली मम्मों पर घुमाता हुआ उससे बोला : परवेज ने कभी तेरे साथ ऐसे मज़े लिए हैं क्या ?
हिना : नहीं.. मैंने तो कभी परवेज को भी अपने साथ यह सब बदतमीजी नहीं करने दी जो तुम लोग मेरे साथ कर रहे हो...मैं उससे तुम लोगों की शिकायत करूंगी
गौरव : साली अगर परवेज को यह सब करने देती तो आज तू हमारे सामने अपनी इस खूबसूरती की नुमायश करती हुई इस तरह खड़ी नहीं होती
गौरव ने अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी उसकी टांगों के बीच में चिकने योनि प्रदेश पर हाथ फिराने के बाद उसकी पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया
गौरव ने एक बार उसके खूबसूरत बदन को जी भरकर देखा कर फिर बोला : साली क्या मस्त और सेक्सी माल है -इसके साथ तो अगले तीन दिन तक बहुत मज़ा आने वाला है
गौरव अब हिना के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लंड के उभार को उसने हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर रगड़ना शुरू कर दिया -गौरव के हाथ हिना के गोर चिकने दूधिया मम्मों से खिलवाड़ करने में व्यस्त थे और अपने चेहरे को वह हिना की गर्दन और गलों पर रगड़ रगड़ कर मौज ले रहा था
शिवानी यह सब कुर्सी पर बैठकर देख रही थी. उसने अपने हाथ में एक चमड़े का हंटर पकड़ रखा था ताकि हिना अगर कोई शरारत करे तो उसको सबक सिखाया जा सके.
गौरव ने अचानक उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूसने लगा -इस बीच हिना ने जैसे ही अपने हाथ नीचे किये, शिवानी ने एक जोरदार हंटर उसके योनि प्रदेश पर मारते हुए कहा : हाथ ऊपर रख साली -जब तक तुझे हाथ नीचे करने के लिए न कहा जाए, तुझे अपने हाथ इसी तरह ऊपर रखने हैं-इसी पोज़ में तू बहुत सेक्सी लग रही है
यह सब करते करते अचानक गौरव के फोन की घंटे बजने लगी. घंटी बजते ही उसे ध्यान आया कि साढ़े 6 बज चुके हैं और उसे तो कहीं जरूरी मीटिंग के लिए पहुंचना था-उसने फोन उठाकर कहा : बस मैं रास्ते में हूँ, अगले दस मिनट में पहुँच रहा हूँ.
गौरव ने अब शिवानी से कहा कि इसके हाथ ऊपर ही रहने दो और उन्हें रस्सी से बांध दो ताकि यह कोई प्रॉब्लम खड़ी न करे तुम्हारे लिए
शिवानी ने पास से एक रस्सी उठाई और हिना से बोली : चल नीचे फर्श पर बैठ
हिना जैसे ही नीचे फर्श पर बैठी , शिवानी ने उसके ऊपर उठे हुए हाथों को एक रस्सी से कसकर बाँध दिया और बोली : अब फिर से खड़ी हो जा
हिना अब फिर से उठकर खड़ी हो गयी
गौरव शिवानी से यह कहकर चला गया : मैं डिनर के टाइम 9 बजे तक वापस आ जाऊँगा -तब तक तुम इसे अपने हिसाब से ट्रेनिंग देती रहना
गौरव के जाने के बाद अब हिना और शिवानी कमरे में अकेले रह गयीं थीं. शिवानी अब सोफे पर बैठ गयी थी और हिना उसके सामने पूरी तरह से न सिर्फ निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी हुई थी, बल्कि उसके हाथ ऊपर उठे हुए थे और रस्सी से बंधे हुए थे . हिना पूरी तरह से बेबस थी और शिवानी के रहमो करम पर थी.
शेष अगले भाग में
हिना शिवानी की तरफ देखकर गिड़गिड़ाती हुई बोली : प्लीज़ ऐसा मत करो...मेरे सारे कपडे मत उतरवाओ ...मुझे बहुत शर्म आती है... मैंने तो आज तक परवेज के लिए भी अपने सारे कपडे नहीं उतारे हैं
शिवानी अपनी मस्ती में थी -उसने एक बार फिर से हिना के गाल पर थप्पड़ लगाया और बोली : जल्दी कर साली, नखरे मत दिखा.
हिना ने गौरव की तरफ देखा की शायद वह कुछ मदद करे लेकिन गौरव तो अपने चेहरे पर शरारती मुस्कान बिखेरते हुए अपने लंड को सहलाने में व्यस्त था
हिना ने और कोई रास्ता न देख अपने टॉप को उतारना शुरू कर दिया -अब उसका चिकना गोरा बदन उसकी नीले रंग की ब्रा में साफ़ दिख रहा था
शिवानी ने ब्रा में कैद उसके मम्मों को दबाया और उसके चिकने पेट पर अपना हाथ फिराते हुए बोली : चल अब स्कर्ट भी उतार
हिना ने एक बार शिवानी और और फिर गौरव की तरफ देखा और बोली : अब बस करो...और कपडे मत उतरवाओ..मैं आप दोनों के हाथ जोड़ती हूँ
शिवानी ( हँसते हुए) : हाथ पैर भी जोड़ लेना लेकिन पहले कपडे उतार कर अपना खूबसूरत बदन तो दिखाना ही पडेगा-इसे किसके लिए छुपा कर रखा हुआ है साली
यह कहते हुए शिवानी ने खुद अपने हाथ से उसकी स्कर्ट के नाड़े को खींच दिया और एक पल में ही उसकी स्कर्ट सरककर नीचे जमीन पर गिर पडी
अब हिना सिर्फ ब्रा और पैंटी में लगभग निर्वस्त्र ही खड़ी हुई थी और उसका गोरा चिकना और मखमली बदन नुमायश पर लगा हुआ था
इससे पहले कि शिवानी हिना की ब्रा और पैंटी भी उतरवाती, गौरव शिवानी से बोला : शिवानी, अब तुम कुर्सी पर बैठ जाओ-अब आगे की ट्रेनिंग इस लौंडिया को मैं खुद दूंगा
यह कहकर गौरव सोफे से उठकर हिना के पास आ गया और बोला : चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठा ले
हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव ने अपना हाथ हिना के चिकने पेट पर फिराते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी बार को एक तरफ फेंक दिया -इसके बाद गौरव अपनी उंगली को उसके मखमली मम्मों पर घुमाता हुआ उससे बोला : परवेज ने कभी तेरे साथ ऐसे मज़े लिए हैं क्या ?
हिना : नहीं.. मैंने तो कभी परवेज को भी अपने साथ यह सब बदतमीजी नहीं करने दी जो तुम लोग मेरे साथ कर रहे हो...मैं उससे तुम लोगों की शिकायत करूंगी
गौरव : साली अगर परवेज को यह सब करने देती तो आज तू हमारे सामने अपनी इस खूबसूरती की नुमायश करती हुई इस तरह खड़ी नहीं होती
गौरव ने अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी उसकी टांगों के बीच में चिकने योनि प्रदेश पर हाथ फिराने के बाद उसकी पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया
गौरव ने एक बार उसके खूबसूरत बदन को जी भरकर देखा कर फिर बोला : साली क्या मस्त और सेक्सी माल है -इसके साथ तो अगले तीन दिन तक बहुत मज़ा आने वाला है
गौरव अब हिना के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लंड के उभार को उसने हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर रगड़ना शुरू कर दिया -गौरव के हाथ हिना के गोर चिकने दूधिया मम्मों से खिलवाड़ करने में व्यस्त थे और अपने चेहरे को वह हिना की गर्दन और गलों पर रगड़ रगड़ कर मौज ले रहा था
शिवानी यह सब कुर्सी पर बैठकर देख रही थी. उसने अपने हाथ में एक चमड़े का हंटर पकड़ रखा था ताकि हिना अगर कोई शरारत करे तो उसको सबक सिखाया जा सके.
गौरव ने अचानक उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूसने लगा -इस बीच हिना ने जैसे ही अपने हाथ नीचे किये, शिवानी ने एक जोरदार हंटर उसके योनि प्रदेश पर मारते हुए कहा : हाथ ऊपर रख साली -जब तक तुझे हाथ नीचे करने के लिए न कहा जाए, तुझे अपने हाथ इसी तरह ऊपर रखने हैं-इसी पोज़ में तू बहुत सेक्सी लग रही है
यह सब करते करते अचानक गौरव के फोन की घंटे बजने लगी. घंटी बजते ही उसे ध्यान आया कि साढ़े 6 बज चुके हैं और उसे तो कहीं जरूरी मीटिंग के लिए पहुंचना था-उसने फोन उठाकर कहा : बस मैं रास्ते में हूँ, अगले दस मिनट में पहुँच रहा हूँ.
गौरव ने अब शिवानी से कहा कि इसके हाथ ऊपर ही रहने दो और उन्हें रस्सी से बांध दो ताकि यह कोई प्रॉब्लम खड़ी न करे तुम्हारे लिए
शिवानी ने पास से एक रस्सी उठाई और हिना से बोली : चल नीचे फर्श पर बैठ
हिना जैसे ही नीचे फर्श पर बैठी , शिवानी ने उसके ऊपर उठे हुए हाथों को एक रस्सी से कसकर बाँध दिया और बोली : अब फिर से खड़ी हो जा
हिना अब फिर से उठकर खड़ी हो गयी
गौरव शिवानी से यह कहकर चला गया : मैं डिनर के टाइम 9 बजे तक वापस आ जाऊँगा -तब तक तुम इसे अपने हिसाब से ट्रेनिंग देती रहना
गौरव के जाने के बाद अब हिना और शिवानी कमरे में अकेले रह गयीं थीं. शिवानी अब सोफे पर बैठ गयी थी और हिना उसके सामने पूरी तरह से न सिर्फ निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी हुई थी, बल्कि उसके हाथ ऊपर उठे हुए थे और रस्सी से बंधे हुए थे . हिना पूरी तरह से बेबस थी और शिवानी के रहमो करम पर थी.
शेष अगले भाग में
to my Thread containing Sex stories based on Humiliation, Blackmail & BDSM
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ जाएंगे खुद रास्ता बन जाएगा