23-03-2022, 04:10 PM
एक दिन की बात है, मैं कॉलेज नहीं गया था, और भाभी मुझसे बाते कर रही थी अचानक मुझसे पूछा
कीर्ति: भैया आपके कोई फ्रेंड्स नहीं है क्या जहा आप अपने दिल की बाते शेयर कर सको? (वो मुझे रिश्ते के कारन भैया बुलाती थी)
मैं: हा है तो सही भाभी पर सब मतलबी होते है, कुछ कुछ लोग सही भी है, जो मेरी केर करते है, पर ठीक है, मैं दुरिया बनाता हूँ।
कीर्ति: ऐसा क्यों भला? जब तक जानोगे परखोगे नहीं तब तक कैसे पता चलेगा?
मैं: हम्म बात तो सही है आपकी.. ठीक है मैं कोशिश करूँगा।
यही वार्तालाप मेरे हसीन पलो को दस्तक देंगी ये पता नहीं था... मैं अपने दोस्तों से मिलने लगा... सब के साथ मस्ती मारने लगा... अच्छा लगा और में नेक्स्ट परीक्षा में पास भी हुआ !!!!! में मन से खुश रहने लगा था... दोस्तों के साथ बात करता तो पता चला के सब कोई न कोई लड़की पे मरता है कैसी फेंटेसी लेके बेठे है, एक अजीब रोमांच देता था, पर वासना को और भड़का रहा था... मिलके अब हम सिर्फ ५ फ्रेंड्स है.... केविन, सचिन, राजू, कुमार और मैं...
केविन के पापा बहुत बड़े बिजनसमैन थे, सचिन के पापा किराने की दुकान थी, राजू के और कुमार के पापा मजदुर थे तो लॉन लेकर पढ़ते थे... पर हमारे बिच पैसा नही था, बस विश्वास और प्यार था... उसीके कारन दोस्ती इतनी गहरी हुई थी...
कीर्ति: भैया आपके कोई फ्रेंड्स नहीं है क्या जहा आप अपने दिल की बाते शेयर कर सको? (वो मुझे रिश्ते के कारन भैया बुलाती थी)
मैं: हा है तो सही भाभी पर सब मतलबी होते है, कुछ कुछ लोग सही भी है, जो मेरी केर करते है, पर ठीक है, मैं दुरिया बनाता हूँ।
कीर्ति: ऐसा क्यों भला? जब तक जानोगे परखोगे नहीं तब तक कैसे पता चलेगा?
मैं: हम्म बात तो सही है आपकी.. ठीक है मैं कोशिश करूँगा।
यही वार्तालाप मेरे हसीन पलो को दस्तक देंगी ये पता नहीं था... मैं अपने दोस्तों से मिलने लगा... सब के साथ मस्ती मारने लगा... अच्छा लगा और में नेक्स्ट परीक्षा में पास भी हुआ !!!!! में मन से खुश रहने लगा था... दोस्तों के साथ बात करता तो पता चला के सब कोई न कोई लड़की पे मरता है कैसी फेंटेसी लेके बेठे है, एक अजीब रोमांच देता था, पर वासना को और भड़का रहा था... मिलके अब हम सिर्फ ५ फ्रेंड्स है.... केविन, सचिन, राजू, कुमार और मैं...
केविन के पापा बहुत बड़े बिजनसमैन थे, सचिन के पापा किराने की दुकान थी, राजू के और कुमार के पापा मजदुर थे तो लॉन लेकर पढ़ते थे... पर हमारे बिच पैसा नही था, बस विश्वास और प्यार था... उसीके कारन दोस्ती इतनी गहरी हुई थी...
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.