23-03-2022, 03:26 PM
फिर में तुरंत मन ही मन बहुत खुश होकर बाथरूम में चला गया और मैंने देखा कि मेरी बहन एक बहुत पतला भीगे पेटीकोट में थी और उसने अंदर और कुछ नहीं पहना था मुझे उसके गोरे गोरे बूब्स के खड़े निप्पल गोरी जांघे साफ साफ नज़र आ रही थी जिसको में देखता ही रह गया और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और में जोश में आकर अपने होश खो बैठा और मैंने झट से अपनी बहन को चूमना शुरू किया. में उसके गालों को बूब्स को सब तरफ चूमने लगा और मेरी इस हरकत से मेरी बहन हैरान रह गई और वो मुझसे बोली कि भैया यह सब क्या है? यह तुमको अचानक से क्या हो गया है? यह तुम मेरे साथ क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे दूर हटो आह्ह्ह.
अब में उससे बोला कि बहन ला में तेरा नाड़ा खोल देता हूँ और मैंने तुरंत उसके पेटीकोट को नीचे गिरा दिया, जिसकी वजह से मेरी जवान सुंदर बहन मेरे सामने अब पूरी नंगी खड़ी थी. अब में खुद को रोक नहीं सका और में उसकी चढ़ती जवानी को देखकर बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसके बूब्स को चूमा, चूसा, ज़ोर से मसला और अब मेरा लंड बहन के नंगे बदन को छू रहा था और में लंड को उसकी जाँघ पर रगड़ रहा था.
फिर मैंने बहन को वहीं पर बैठाकर उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और अब अपनी बहन की सेक्सी चूत को चाटने लगा और उसके बूब्स को मसलता रहा. इस दौरान मेरी बहन कसमसा रही थी और वो मुझसे बार बार मना करती रही, वो मुझसे भैया भैया बोलती रही, लेकिन में तब भी नहीं रुका और चूत को चाटने के साथ साथ उसके बदन को सहलाता रहा, कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब शायद मेरी बहन भी मेरे साथ मज़ा लेना चाहती थी.
अब में उससे बोला कि बहन ला में तेरा नाड़ा खोल देता हूँ और मैंने तुरंत उसके पेटीकोट को नीचे गिरा दिया, जिसकी वजह से मेरी जवान सुंदर बहन मेरे सामने अब पूरी नंगी खड़ी थी. अब में खुद को रोक नहीं सका और में उसकी चढ़ती जवानी को देखकर बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसके बूब्स को चूमा, चूसा, ज़ोर से मसला और अब मेरा लंड बहन के नंगे बदन को छू रहा था और में लंड को उसकी जाँघ पर रगड़ रहा था.
फिर मैंने बहन को वहीं पर बैठाकर उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और अब अपनी बहन की सेक्सी चूत को चाटने लगा और उसके बूब्स को मसलता रहा. इस दौरान मेरी बहन कसमसा रही थी और वो मुझसे बार बार मना करती रही, वो मुझसे भैया भैया बोलती रही, लेकिन में तब भी नहीं रुका और चूत को चाटने के साथ साथ उसके बदन को सहलाता रहा, कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब शायद मेरी बहन भी मेरे साथ मज़ा लेना चाहती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.