23-03-2022, 03:25 PM
एक दिन मेरी बहन नहा रही थी और उस दिन मेरी अच्छी किस्मत से घर पर हम दोनों के अलावा कोई भी नहीं था तो मैंने मौके का फायदा उठाकर बाथरूम की दीवार के पास में एक छोटे से छेद से उसको नहाते हुए देखने लगा, मुझे उसके वो बड़े आकार के हल्के गुलाबी रंग के गोल गोल सेब बड़े ही सेक्सी आकर्षक सुंदर लग रहे थे, जिनसे मेरी नजर हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. कुछ देर बाद बहन ने अपनी पेंटी को भी खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे ज्यादा मज़ा आ गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा.
तभी मैंने देखा कि मेरी बहन की उस कुंवारी छोटी आकार की चूत पर काले रंग के आकार में छोटे बहुत सारे बाल थे जिसको देखकर मेरा मन किया कि में अभी अंदर जाकर अपनी नंगी बहन के पूरे गरम सेक्सी बदन को चूम लूँ और उसको वहीं पर पकड़ कर जबरदस्ती चोद दूँ और उसके दोनों बूब्स का रस पूरी तरह से निचोड़कर पी जाऊँ और कुछ देर बाद में वहां से हटकर अपने कमरे में आ गया.
अब में बस उसी के बारे में सोचता रहा और मेरी आखों के सामने बार बार उसका सेक्सी गोरा बदन आ रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड बैठने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था और उस रात को में पूरी रात बस उसी को सोचता हुआ जागता रहा, लेकिन अब मैंने अपने मन में ठान लिया था कि में उसको जरुर चोद दूँगा और अपने मन को एक बार जरुर शांत करूंगा और अपने लंड को उसकी चूत का स्वाद जरुर चखवा दूंगा.
फिर जब मेरी बहन कुछ घंटो बाद गहरी नींद में सो गई तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उसकी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन को धीरे से खोल दिया जिसकी वजह से उसके बड़े आकार के बूब्स बाहर आने लगे और मुझे उसकी ऊँची उठी हुई छाती नजर आने लगी और फिर मैंने धीरे से उसके बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया जिसकी वजह से मेरा लंड एकदम कड़क तनकर खड़ा था और कुछ देर बाद मेरी बहन के करवट बदलने की वजह से मेरा लंड अब ठीक उसके चूतड़ के पीछे उसकी गांड में फंसने लगा और में उससे खुद जानबूझ कर ज्यादा चिपक गया और मेरा लंड अब उसके दोनों कूल्हों के बीच में फंसा हुआ था. में बिना हिले वैसे ही लेटा रहा.
तभी मैंने देखा कि मेरी बहन की उस कुंवारी छोटी आकार की चूत पर काले रंग के आकार में छोटे बहुत सारे बाल थे जिसको देखकर मेरा मन किया कि में अभी अंदर जाकर अपनी नंगी बहन के पूरे गरम सेक्सी बदन को चूम लूँ और उसको वहीं पर पकड़ कर जबरदस्ती चोद दूँ और उसके दोनों बूब्स का रस पूरी तरह से निचोड़कर पी जाऊँ और कुछ देर बाद में वहां से हटकर अपने कमरे में आ गया.
अब में बस उसी के बारे में सोचता रहा और मेरी आखों के सामने बार बार उसका सेक्सी गोरा बदन आ रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड बैठने को बिल्कुल भी तैयार नहीं था और उस रात को में पूरी रात बस उसी को सोचता हुआ जागता रहा, लेकिन अब मैंने अपने मन में ठान लिया था कि में उसको जरुर चोद दूँगा और अपने मन को एक बार जरुर शांत करूंगा और अपने लंड को उसकी चूत का स्वाद जरुर चखवा दूंगा.
फिर जब मेरी बहन कुछ घंटो बाद गहरी नींद में सो गई तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उसकी शर्ट के ऊपर वाले दो बटन को धीरे से खोल दिया जिसकी वजह से उसके बड़े आकार के बूब्स बाहर आने लगे और मुझे उसकी ऊँची उठी हुई छाती नजर आने लगी और फिर मैंने धीरे से उसके बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया जिसकी वजह से मेरा लंड एकदम कड़क तनकर खड़ा था और कुछ देर बाद मेरी बहन के करवट बदलने की वजह से मेरा लंड अब ठीक उसके चूतड़ के पीछे उसकी गांड में फंसने लगा और में उससे खुद जानबूझ कर ज्यादा चिपक गया और मेरा लंड अब उसके दोनों कूल्हों के बीच में फंसा हुआ था. में बिना हिले वैसे ही लेटा रहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.