Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Incest भैया से ट्रेन में चुदाई
#50
मैंने अपने लंड को वहीं पर रोक कर पहले शलाका के दोनों चूचे कस कर दबाये. फिर कुछ देर के बाद जब उसको राहत हुई तो शलाका खुद ही अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी.
शायद अब उसे दर्द नहीं हो रहा था बल्कि मजा आ रहा था.
मेरा हाथ शलाका की बुर पर गया तो मुझे पता लगा कि उसकी बुर से गर्म-गर्म तरल पदार्थ गिर रहा है. मैं समझ गया कि ये बुर का पानी नहीं बल्कि उसकी झिल्ली फटने के कारण निकलने वाला रक्त गिर रहा है.
मैंने शलाका को यह बात नहीं बताई वरना वो घबरा जाती. मैंने अपनी पैंट से रुमाल निकाल कर उसकी बुर को अच्छी तरह से पौंछते हुए साफ किया और शलाका को अपनी गांड आगे-पीछे करते हुए घपा-घप धक्का देकर चोदने लगा.
शलाका अब मजे से चुदवा रही थी.
जब मैंने दस-पंद्रह धक्के आगे-पीछे होकर लगाये तो शलाका की बुर ने पानी छोड़ दिया.
मैं शलाका की संतरे जैसी चूचियों मसलने लगा.
दस मिनट तक मैंने उसकी बुर में लंड को अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर को चोदा और मेरे लंड ने भी पानी छोड़ दिया.
पांच मिनट तक मैं उसकी चूत में लंड को डाले पड़ा रहा. जब मेरा लंड सिकुड़ गया तब खुद ही बुर से बाहर आ गया.
मैंने रुमाल से लंड और बुर दोनों को साफ कर दिया. रुमाल काफी गंदा हो गया जिसे मैंने विंडो से बाहर फेंक दिया. जब टाइम देखा तो सुबह के 4 बजकर 40 मिनट हो गये थे.
उस रात के बाद हम दोनों भाई-बहन खुल कर एक-दूसरे को प्यार करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: भैया से ट्रेन में चुदाई - by neerathemall - 21-03-2022, 05:58 PM



Users browsing this thread: 6 Guest(s)