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Incest भैया से ट्रेन में चुदाई
#46
शलाका बोली- घर चल कर चाहे कुतिया बनाना या घोड़ी बनाकर चोदना मगर यहाँ तो बस धीरे-धीरे ही मजा लो.
हम दोनों ने अपने को शॉल से पूरी तरह ढक रखा था.
शलाका ने दोबारा से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे मसलने लगी.
मैंने भी उसकी बुर के दाने को कुरेद कर मजा लेना शुरू कर दिया.
अब हम दोनों भाई-बहन आपस में काफी खुल चुके थे.
शलाका मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे लंड को मसले जा रही थी. उसके हाथों की हरकत से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.
देखते ही देखते मेरा लंड शलाका की मुट्ठी से बाहर आ गया.
शलाका बहुत ही गौर से मेरे लंड की लम्बाई और चौड़ाई नाप रही थी.
इतना बड़ा लंड देख कर वो हैरान होकर मेरे कान में कहने लगी- इतना मोटा और लम्बा लंड तुमने मेरी बुर में कैसे ठोक दिया?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भैया से ट्रेन में चुदाई - by neerathemall - 21-03-2022, 05:55 PM



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