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Incest भैया से ट्रेन में चुदाई
#34
मैंने उससे कहा- झेल लो … बाद में मजा आएगा.
वो बोली- ठीक है … तुम धीरे धीरे अन्दर करते रहो.
मैंने उसे अपनी नीचे ले लिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसके बाद मैं अपने लंड को धीरे-धीरे अन्दर पेलने लगा.
उसे दर्द हो रहा था तो उसकी आवाज निकलने की स्थिति बन रही थी. मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए और बेदर्दी से उसकी चुत को चीर दिया.
वो बेहद तड़फ रही थी. मगर मैंने अपना पूरा लंड अन्दर कर ही दिया.
फिर मैं रुक गया और कुछ देर इंतजार करने लगा.
कुछ देर बाद वो नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी, तो मैंने उसके होंठ छोड़ दिए और उसके दूध चूसने लगा.
अब वो मस्त हो चली थी, तो मैं धीरे धीरे लंड को चुत में अन्दर-बाहर करने लगा. मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर बाहर चलने लगा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: भैया से ट्रेन में चुदाई - by neerathemall - 21-03-2022, 05:47 PM



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