21-03-2022, 05:44 PM
तभी वंदना ने मुझसे कहा- आओ, यहां आकर बैठ जाओ.
तब मैं थोड़ा रिलैक्स हुआ और हम बातें करने लगे.
पहले हमारे बीच में एक बैग रखा हुआ था.
लेकिन जब वंदना को महसूस हुआ कि मैं यहां बात करने नहीं, कुछ और करने आया हूं. तब उसने वह बैग हम दोनों के बीच में से हटा कर साइड में रख दिया.
अब हम हमारी खींची हुई फोटो मोबाइल में देखने लगे.
उस समय वंदना की लटें और गाल ..मेरे गाल और कंधे से टच होने लगे और हमारी टांगें एक दूसरे से टच करने लगीं.
उस समय हम दोनों बिल्कुल चिपक कर यह सब कर रहे थे.
इससे एक बार को तो मुझे लगा कि मेरा पैंट में ही निकल जाएगा.
मेरे पैंट में फूले हुए डिक की तरफ वंदना का भी ध्यान था.
और यह सब देखकर वंदना मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा रही थी.
इस दौरान मैंने कई बार उसकी जांघों पर हाथ रखा था. यह सब उसको पसंद आने लगा था.
लेकिन जो सामने बुजुर्गवार थे, वो हमें बार-बार बीच में टोक देते और बातें करने की कोशिश करने लगते.
तब मैं थोड़ा रिलैक्स हुआ और हम बातें करने लगे.
पहले हमारे बीच में एक बैग रखा हुआ था.
लेकिन जब वंदना को महसूस हुआ कि मैं यहां बात करने नहीं, कुछ और करने आया हूं. तब उसने वह बैग हम दोनों के बीच में से हटा कर साइड में रख दिया.
अब हम हमारी खींची हुई फोटो मोबाइल में देखने लगे.
उस समय वंदना की लटें और गाल ..मेरे गाल और कंधे से टच होने लगे और हमारी टांगें एक दूसरे से टच करने लगीं.
उस समय हम दोनों बिल्कुल चिपक कर यह सब कर रहे थे.
इससे एक बार को तो मुझे लगा कि मेरा पैंट में ही निकल जाएगा.
मेरे पैंट में फूले हुए डिक की तरफ वंदना का भी ध्यान था.
और यह सब देखकर वंदना मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुरा रही थी.
इस दौरान मैंने कई बार उसकी जांघों पर हाथ रखा था. यह सब उसको पसंद आने लगा था.
लेकिन जो सामने बुजुर्गवार थे, वो हमें बार-बार बीच में टोक देते और बातें करने की कोशिश करने लगते.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.