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Adultery बीवी की सहेली को मेले में चोदा
#5
मैं उसकी मख़मली गांड को सहलाने लगा और उसके रसीले होंठों को अपने होंठों में भरके चूसने लगा. अनुराधा के होंठों को चूसते चूसते मैं उसकी गर्दन को भी चूमने लगा.
वो मदहोश होने लगी.
कुछ पल के बाद मैं अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को दबाने लगा. वो मस्ती से आह आह करके कामुक सिसकारियां भरने लगी.
फिर मैंने अपनी बीवी को फोन लगाया कि इधर एक ही टॉयलेट है और लोग ज्यादा हैं, तो हमें कुछ देर लग जाएगी. तुम मेला घूमो … मैं अनुराधा के साथ अभी आता हूँ. मेरी बीवी ने ओके कहा और फोन काट दिया.
अब मैं बिंदास हो गया था.
अनुराधा मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी और बोली- समझने में बड़ी देर कर दी जीजू. मैंने कहा- अब जो हुआ सो हुआ … अब देर न करो मेरी जान.
ये कहते हुए मैंने उसकी कुर्ती उतार दी. उसका संगमरमर जैसा गोरा बदन मेरे सामने था. उसने अपने मम्मों पर सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी थी, जो बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैंने जल्दी से उसकी ब्रा का हुक टटोला और धीरे से खोल कर ब्रा उतार दी. मैं अनुराधा की ब्रा के कप सूंघने लगा, जिसमें से मुझे उसके बदन की कामुक ख़ुशबू आ रही थी.
मैं उसकी चूचियों को जीभ से चाटने लगा. उसके भूरे निप्पल खड़े होने लगे. फिर मैंने उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से जीभ से जी भरके चाटा.
वो कहने लगी- जीजू अब देर मत करो … पहले मुझे ठंडी कर दो … जल्दी से मुझे एक बार चोद दो. वह मेरे लंड को हाथ से पकड़ने लगी.
मैंने अपनी जींस उतार दी और चड्डी में से अपना छह इंच लम्बा लंड उसके हाथ में दे दिया. वो मेरे लंड के नीचे हाथ चलाते हुए लंड की गोलियों को सहलाने लगी.
अगले ही पल वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरे खड़े लंड के सुपाड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी.
अब मेरी आहें निकलना शुरू हो गई थीं.
अनुराधा ने जी भरके लंड चूसा और इसके बाद वो मेरी तरफ़ अपनी गोरी पीठ करके खड़ी हो गयी.
मैंने झट से उसकी लैगी नीचे सरका दी. उसने अन्दर गुलाबी पैंटी पहन रखी थी. मैंने उसकी पैंटी नीचे को कर दी.
उसकी पैंटी हल्की गीली हो गई थी. वो अपनी लैगी और पैंटी को पूरी उतारने लगी.
मैंने उसके हाथ से उसकी पैंटी ले ली और उसे सूंघा. उसमें से उसकी चूत के रस की कामुक ख़ुशबू आ रही थी.
मैंने उसकी पैंटी में लगे थोड़े से रस को जीभ से चाटा, तो बहुत ही नमकीन स्वाद आ रहा था.
अब मुझसे रहा ना गया. मैंने झट से उसे घोड़ी के पोज में झुकाया और उसकी कसी चूत में अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगा.
उसकी चुत अब तक फटी नहीं थी, एक सील पैक चुत थी. उसकी सील पैक चुत में से मस्त महक आ रही थी.
मैं उसकी कुंवारी चुत से निकलते हुए माल को चाटने लगा. चुत की मलाई चाट लेने के बाद मैंने तुरंत अपने लंड पर थूक लगा कर उसे चिकना किया और एकदम से उसकी चूत में घुसा दिया.
वो अपनी चुत में लंड लेते ही चीख पड़ी- आह्ह ऊई मां … मर गयी.
मैं उसकी चुत में धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. मैंने देखा उसकी चूत से कुछ बूंदें खून की भी गिर गई थीं.
कुछ देर के दर्द के बाद मेरे धीरे धीरे धक्के मारने से उसे मज़ा आने लगा. वो कहने लगी- आह जीजू और ज़ोर से चोद दे मुझे … आह मादरचोद जीजू साले फाड़ दे मेरी चूत को. अपने इस गर्म लंड से इसका भोसड़ा बना दे … आह और ज़ोर ज़ोर से चोद हरामी ठरकी जीजू साले चोद दे.
मैं उसकी इस भाषा से और भी गर्मा गया और तेज तेज धक्के लगाने लगा.
धक्के लगाने से लंड की गोटियां अनुराधा के चूतड़ों के टकराने लगीं. इससे पक पक की आवाज़ आने लगी.
मुझे और उसे दोनों को ही अब चुदाई का आनन्द आने लगा था.
जल्दी ही वो चुदाई के चरम सुख पर पहुंच गयी थी. उसकी रस भरी चूत से अब पानी आने लगा था. मैं और ज़ोर से झटके देने लगा और तभी मेरा गर्म माल उसकी चूत में छूट गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बीवी की सहेली को मेले में चोदा - by neerathemall - 21-03-2022, 05:40 PM



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