21-03-2022, 05:01 PM
फिर मैं नीचे आया और छाया की साड़ी खोल दी, पेटीकोट निकाल फेंका. फिर पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चूसने लगा. दो पल बाद ही मैंने उसकी पैंटी भी उतार फेंकी और चूत को जोरों से चूसने लगा. मैं खड़ा हुआ, अपनी पैन्ट पूरी तरह से उतार दी. वो नीचे बैठ गयी और मेरा लंड चूसने लगी. मैंने उसके मुँह को चोदा और अपनी टी-शर्ट उतार दी. फिर उसे खड़ा करके अपनी गोद में उठा कर बेडरूम तक लेकर गया.
छाया को बिस्तर पर चित लिटा कर मैं उसके ऊपर छा गया. अब मैंने अपना लंड चूत की फांकों में सैट किया और पेल दिया. उसके मुँह से एक आह निकली और उसने मेरे लंड को अपनी चूत में जज्ब कर लिया. मैंने चुदाई शुरू कर दी.
करीब 20 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा. वो एक बार झड़ गयी लेकिन मैं उसे चोदता रहा.
फिर वो बोली- बस अब और नहीं … मैं थक गई हूँ.
मैं बोला- अभी मेरा नहीं हुआ है … बस 2 मिनट और चोदने दे.
छाया को बिस्तर पर चित लिटा कर मैं उसके ऊपर छा गया. अब मैंने अपना लंड चूत की फांकों में सैट किया और पेल दिया. उसके मुँह से एक आह निकली और उसने मेरे लंड को अपनी चूत में जज्ब कर लिया. मैंने चुदाई शुरू कर दी.
करीब 20 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा. वो एक बार झड़ गयी लेकिन मैं उसे चोदता रहा.
फिर वो बोली- बस अब और नहीं … मैं थक गई हूँ.
मैं बोला- अभी मेरा नहीं हुआ है … बस 2 मिनट और चोदने दे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.